आतंकवाद के खिलाफ एक राय बनाने की जरूरत

हैदराबाद में गुरुवार को हुए दो बम विस्फोट की आतंकी घटना की लोकसभा में शुक्रवार को सभी दलों ने एक स्वर में निंदा की है.
राजनीतिक दलों ने लोकसभा में कहा कि यह समय आरोप प्रत्यारोप का नहीं है और सबको मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के बारे में एक राय बनाने की आवश्यकता है.
सदन में शून्यकाल के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि आतंकवाद को किसी मजहब या किसी रंग की नजर से नहीं देखना चाहिए.
उन्होंने कहा इसके खिलाफ लड़ाई के लिए इस सोच को स्वीकार करने के साथ पूरे देश को और सभी दलों को एक होना होगा. ऐसा करके ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफलता पाई जा सकती है.
हैदराबाद के बम विस्फोट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण, दर्दनाक और शर्मनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह दोषारोपण करने का अवसर नहीं है और सबको एकजुट होकर आतंवाद के खिलाफ लड़ना होगा.
हालांकि यह तभी संभव है जब आतंकवाद से लड़ने को लेकर विचारों में समानता हो. यह दुभाग्यपूर्ण है कि देश में ऐसी सोच नहीं बन रही है.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी घटना की आशंका के बारे में राज्यों को सूचित भर कर देने से केन्द्र के जिम्मदारी की इतिश्री नहीं हो जाती है. उन्होंने इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हमले की आशंका की जानकारी दिये जाने के बाद भी आतंकवादी ऐसा करने में सफल हो जाते हैं.
माकपा के बासुदेव आचार्य ने कहा कि हैदाराबाद में आतंकी हमलों की तीन घटनायें हो चुकी है और इसके बावजूद वहां खुफियातंत्र बार बार चूक रहा है. उन्होंने कहा कि हैदाराबाद में राष्ट्रीय अपराध निरोधक केन्द्र की मैजूदगी के बावजूद वहां यह घटना कैसे हुई इसका जवाब केन्द्र और राज्य दोनों को देना होगा.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई रंग और धर्म नहीं होता और हमें एक होकर इससे लड़ना है.