नोएडा, ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी परिवहन सेवा का आगाज़ होने जा रहा है। हाल ही में, जीबीएन ग्रीन ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम पर 500 सिटी ई-बसों के संचालन का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी शुक्रवार को आधिकारिक रूप से सार्वजनिक की गई। अब इस योजना को लागू करने के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) का गठन किया जाएगा, जिसका कार्य संचालन की सभी गतिविधियों को सुचारू बनाना होगा।
इस एसपीवी में चार निदेशक और सात सब्सक्राइबर होंगे। ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ-साथ नोएडा ट्रैफिक सेल के निदेशक को भी इस कमिटी में शामिल किया जाएगा। इससे संचालन संबंधी निर्णयों में सभी प्राधिकरणों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
ये बसें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र में अपने सफर पर निकलेंगी। योजना के अनुसार, कुल 500 बसों में से 300 बसें नोएडा में, 100 ग्रेटर नोएडा में और 100 यीडा क्षेत्र में संचालित की जाएंगी।
संचालन मॉडल और लागत
संचालन के लिए जीसीसी (ग्रास कास्ट कांट्रैक्ट) मॉडल का विकल्प चुना गया है। इस मॉडल के अंतर्गत, ट्रेवल टाइम मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 9 मीटर लंबी बसों को ₹54.90 प्रति किमी और डेलबस मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड 12 मीटर लंबी बसों को ₹67.99 प्रति किमी की दर पर चलाएंगे।
इस परियोजना का कुल बजट ₹675 करोड़ है, जिसमें ई-बसों के लिए आवश्यक चार्जिंग उपकरण, उपकरण टूल्स और डिपो रखरखाव शामिल हैं। जीबीएन ग्रीन ट्रांसपोर्ट कंपनी को ई-बसों का संचालन एक लंबे समय तक, यानी 12 वर्षों तक करना होगा। इस दौरान, उन्हें सालाना प्रति बस 72,000 किमी चलाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
निर्माण गतिविधियाँ और सलाहकार चयन
इस परियोजना के तहत, नोएडा ट्रैफिक सेल ने स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सात सलाहकार कंपनियों को आमंत्रित किया है। इन कंपनियों में डिम्स, यूमटीसी, क्रिजिम, सीआईआरटी, राइट्स, सीआरआरआई और आईआईटी दिल्ली शामिल हैं। इन कंपनियों को सेक्टर-82 में स्थित सिटी बस टर्मिनल और सेक्टर-90 एनएमआरसी सिटी बस डिपो का निरीक्षण करने के लिए बुलाया गया है, जिससे वे अपने आने वाले कार्यों के लिए उचित सर्वेक्षण कर सकें।
सिटी ई-बसों का संचालन स्थानीय निवासियों के लिए बेहद सुविधाजनक होगा और इससे न केवल यात्रा की समस्याएं दूर होंगी, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी सुरक्षित विकल्प साबित होगा। आने वाले समय में इस योजना के क्रियान्वयन से इलाके में परिवहन की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।