विपक्ष ने पूछा सवाल, अलर्ट के बाद भी क्यों नहीं जागी सरकार

नई दिल्ली। हैदराबाद बम धमाके पर केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे दोपहर दो बजे लोक सभा और ढाई बजे राज्य सभा में बयान देंगे। लेकिन इससे पहले दोनों सदनों में इसको लेकर खासा हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया। लेकिन लोक सभा दोबारा शुरू होने पर नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभी इस मसले पर किसी पर भी दोषारोपण करना ठीक नहीं है।
सुषमा ने कहा कि गृहमंत्रालय से अलर्ट जारी होने के बाद भी इस घटना का होना बताता है कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था किस कदर लचर है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद कर रही थीं कि शिंदे सदन के शुरू होने तक यहां आकर अपना बयान देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी आज दोपहर बाद हैदराबाद जाएंगे। भाजपा ने आज राज्य में बम धमाकों के खिलाफ हैदराबाद बंद का आह्वान किया है।
वहीं वैंकेया नायडू ने केंद्र सरकार पर आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसे ज्वलनशील मुद्दे को सरकार बडे़ हल्के तरीके से लेती है। उन्होंने आंध्र प्रदेश की सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि राज्य सरकार इस बाबत जरूरी कदम उठाने में पूरी तरह से नाकाम रही है, जबकि जांच रिपोर्ट में बैंगलूर, महाराष्ट्र और हैदराबाद में हमले की आशंका जताई गई थी। उन्होंने बताया कि वह कल धमाके के बाद मौके वाली जगह पर गए थे।
उधर, संयुक्त राष्ट्रसचिव बान की मून ने इन हमलों की घोर निंदा की है। हैदराबाद बम धमाके के बाद विपक्ष को एक बार फिर से सरकार को सुरक्षा के नाम पर घेरने का मुद्दा मिल गया है। इसके अलावा हेलीकॉप्टर सौदा घोटाला भी उनके हाथों में है। हालांकि गृहमंत्री शिंदे के हिंदु आतंकवाद पर विवादास्पद बयान देने के बाद माफी मांग लेने पर भाजपा शांत हो गई है। भाजपा ने साफ किया है कि वह अब इस मुद्दे को नहीं उठाएगी। माना यही जा रहा है कि संसद का यह बजट सत्र खासा हंगामेदार रहेगा। वहीं हैदराबाद में भाजपा ने बम धमाकों के खिलाफ बंद कराने का ऐलान किया है।
गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भले ही असंतुष्ट हो लेकिन भाजपा के नरम रुख के बाद यह संकेत स्पष्ट हो गया है कि कुछ अवरोधों के साथ बजट सत्र सामान्यतया सुचारू रहेगा। दरअसल विपक्ष भी मन बनाने लगा है कि चुनावी माहौल में हंगामे से ज्यादा तर्को के सहारे सरकार को घेरा जाए।
माना जा रहा है कि अगले सप्ताह रेल और आम बजट के दौरान शांति होगी, लेकिन उसके बाद हेलीकाप्टर सौदे, भ्रष्टाचार, महंगाई, सुरक्षा आदि मुद्दों पर तीखी बहस की शुरुआत होगी। पिछले दो-तीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। लिहाजा शिंदे की ओर से भगवा आतंकवाद पर खेद जताने के बाद मुख्य विपक्ष भाजपा ने अवरोध से बचने की रणनीति अपनाई है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा, शिंदे ने स्वीकारा है कि भाजपा या संघ जैसे संगठन आतंकवाद नहीं फैलाते हैं। उन्होंने खेद जता दिया है। अब मामला खत्म हो गया। बताते हैं कि राजग बैठक में यह रणनीति तय हो गई है कि संसद के अंदर चर्चा के जरिये सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाए।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी चर्चा शुरू होगी तो विपक्ष सरकार को घेरेगा। सरकार और विपक्ष में इस बार सहमति बन गई है कि जरूरी सरकारी कामकाज में व्यवधान न हो। वहीं विपक्ष की बात भी सुनी जाए। गुरुवार को संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर अगले सप्ताह के लिए इसकी तैयारी कर ली है। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही भ्रष्टाचार व दूसरे मुद्दों पर हंगामे की भेट चढ़ सकती है, लेकिन मंगलवार से संसदीय कामकाज थोड़ा सुचारु होगा। रेल बजट और आम बजट में शायद ही कोई व्यवधान हो।
बजट के बाद हेलीकाप्टर समेत कोयला आवंटन, 2जी, कामनवेल्थ जैसे भ्रष्टाचार के मुद्दों पर पूरे विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश होगी। सरकार हेलीकाप्टर मामले में जेपीसी जांच का प्रस्ताव लाकर बचने की कोशिश करे तब भी यह मुश्किल होगा। रविशंकर ने इसका संकेत दे दिया कि भाजपा जांच के नाम पर किसी मुद्दे को दबाने में सरकार का साथ नहीं देगी। विपक्ष की कोशिश होगी कि हेलीकाप्टर मामले में वोटिंग के प्रावधान के साथ चर्चा कराई जाए, हालांकि सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह सामान्य चर्चा को राजी है। विपक्ष के रुख से संकेत मिलने लगा है कि इस बार संसद पूरी तरह बाधित नहीं होगी।