आशु भटनागर I गौतम बुध नगर लोक सभा सीट पर जहां एक और डॉक्टर महेश शर्मा की जीत के दावे अब 5 लाख से ज्यादा वोटो से किया जा रहे हैं वहीं बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी का कहीं अता-पता नहीं दिख रहा है नोएडा और ग्रेटर नोएडा के शहरी मतदाताओं के बीच बसपा प्रत्याशी और पार्टी कार्यकर्ता दोनों अभी तक नहीं पहुंचे हैं ।
नोएडा ग्रेटर नोएडा के लोगों का कहना है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले स्थानीय नेताओं के साथ दरअसल यही समस्या है वह शहरी मतदाताओं तक पहुंचना ही नहीं चाहते हैं । आज स्थिति यह है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 14 लाख वोटरों को जो प्रत्याशी मिलने आने को तैयार नहीं है उनके वोटो के बिना वह किस तरीके से चुनाव में जीतना तो छोड़िए दूसरे और तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ पाएंगे ।
वहीं बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी का चुनाव प्रचार देख रहे कई क्षत्रिय नेताओं की स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं दिखाई दे रही है वह लोग अपने गांव से बाहर प्रभावी नहीं दिखाई दे रहे हैं I कई ऐसे नेता जो लगातार दो महेश शर्मा का विरोध करते रहे हैं वह भी क्षत्रिय पंचायत के नाम पर भले ही सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर खुश हो रहे हो किंतु ऐसा लगता नहीं है कि उनके किसी इन्हीं प्रयासों से बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी को बहुत फायदा होने वाला है। लोगो के अनुसार संभवत: राजेन्द्र सोलंकी गाजियाबाद में वीके सिंह टिकट काटने से उत्पन्न हुई क्षत्रिय समाज की नाराजगी को आधार मान कर अपने जीत के सपने देख रहे है पर वे शायद ये नहीं समझ पा रहे है कि ऐसी नाराजगी अक्सर चुनाव की तिथि आते आते मना ली जाती है और भाजपा इन मामलो में एक्सपर्ट है
नोएडा के क्षत्रिय समाज से आने वाले एक बड़े नेता ने एनसीआर खबर को बताया की वर्तमान स्थिति के अनुसार यदि राजेंद्र सोलंकी सिर्फ खुर्जा, सिकंदराबाद और जेवर क्षेत्र में ही क्षत्रियों के बीच अपनी चुनावी सभाओं और पंचायत में उपस्थिति दर्ज करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं तो उनको चुनाव में 3 लाख से ज्यादा वोट नहीं मिलने वाला है। नोएडा विधान सभा से एक क्षत्रिय नेता ने दावा किया कि कोई कुछ भी कह ले किंतु लोकसभा में 50% क्षत्रिय वोट अभी भी भाजपा को ही पड़ेगा और नोएडा के समाज में राजेंद्र सोलंकी को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं है ।
बहुजन समाज पार्टी की चुनावी रणनीति के कमजोर होने का पता इस बात से भी चलता है कि बीते दिनों बहुजन समाज पार्टी में मायावती के बाद सबसे बड़े नेता आकाश आनंद की रैली के बारे में जिले की मीडिया में कोई चर्चा नहीं हुई और नोएडा ग्रेटर नोएडा में उसके बारे में लोग जानते तक नहीं है ।
एनसीआर खबर ने बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष नरेश गौतम से चुनावी प्रचार के बारे में जब भी बात करने की कोशिश करी तो उन्होंने बताया कि बहुजन समाज पार्टी के रणनीति प्रचार और मीडिया से बातचीत की जगह अपने कैडर से संपर्क करने की रहती है बाकी काम प्रत्याशी का होता है यहां प्रचार की सभी जिम्मेदारी प्रत्याशी की है ।
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या राजेंद्र सोलंकी मायावती की संभावित रैली के इंतजाम के चलते नोएडा की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं या फिर लुक नोएडा पॉलिसी उनके चुनावी रणनीति में नहीं है । और अगर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 14 लाख वोटो वोटर को इग्नोर कर चुनाव जीतने की कोई बड़ी रणनीति बना रहे हैं तो उनका भाजपा के कद्दावर प्रत्याशी डा महेश शर्मा को हरा पाना अभी दूर की कौड़ी है।