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बिलासपुर(गौतमबुद्धनगर) में व्यापारी पुत्र वैभव हत्याकांड: कमिश्नरेट पुलिस कल आज और उससे पहले

राजेश बैरागी । गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस आजकल क्या कर रही है? आज पुलिस दिनभर बिलासपुर कस्बे के व्यापारी अरुज सिंघल के पुत्र वैभव को कस्बे के निकट से बह रही गंगनहर में तलाश कर रही थी।कल कमिश्नरेट पुलिस के दो थानों की पुलिस और अधिकारियों ने गाजे बाजे के साथ पिछले साल 15 अप्रैल को मारे गए कुख्यात माफिया अतीक अहमद की ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 स्थित कोठी को कब्जे में लिया था। पुलिस की ज्यादा रुचि ऐसे ही काम में रहती है। इससे पुलिस को प्रचार मिलता है और आका खुश होते हैं।

वैभव एक मासूम किशोर वय का लड़का था। आगामी 23 मार्च को वह 17 बरस का होता। अपने पिता के साथ मिलकर वह फेना डिटर्जेंट पाउडर की सप्लाई सहित व्यापार में हाथ बंटाता था। वह 29 जनवरी को घर से बैडमिंटन खेलने निकला था। उसके बाद से उसका कुछ अता-पता नहीं है। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने कस्बे के ही दो युवकों को अगले दिन हिरासत में लिया था। इनमें से एक युवक माज पठान के निकट संबंधी खनन माफिया बताए गए हैं। उनके कस्बा चौकी और थाना दनकौर पुलिस से गहरे रिश्ते बताए जाते हैं। उनके दबाव में दोनों युवकों को तभी छोड़ दिया गया।दस दिनों तक वैभव के परिजन थाना पुलिस से लेकर एसीपी, एडीसीपी, डीसीपी तक अपने पुत्र को खोजने की गुहार लगाते रहे।

पुलिस ने वैभव को खोजने के कोई सद्प्रयास नहीं किए। अंततः फिर उन्हीं दोनों युवकों को पकड़ कर पूछताछ की गई तो उन्होंने वैभव को 29 जनवरी को ही मारकर गंगनहर में फेंक देने का राज उजागर किया। आज दोपहर बाद जब मैं बिलासपुर कस्बे में पहुंचा तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। अंबेडकर पार्क के प्रवेश द्वार पर कस्बे के व्यापारी और महिलाएं धरना दे रहे थे। वहां पहुंचे थाना दनकौर प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह और एसीपी सार्थक सेंगर ने धरने पर बैठे लोगों से वैभव के शव को खोजने के लिए और समय देने की मांग की।

वहां मौजूद नगर पंचायत अध्यक्ष संजय चेची, अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे हरेंद्र शर्मा, जेवर विधायक के प्रतिनिधि सुरेश शर्मा मिर्जापुर आदि लोगों ने पुलिस को चार दिन का और समय दे दिया। हालांकि धरना जारी रहा। कस्बे में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। आरोपियों के मुस्लिम समुदाय से होने के कारण किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और पीएसी तैनात की गई है। स्वयं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अशोक कुमार कस्बे में ही रहकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वैभव तीन बहनों का अकेला भाई था। लिहाजा कस्बे के व्यापारियों की मांग है कि उसे मारने वालों के घरों पर बाबा का बुलडोजर चलना चाहिए और लापरवाह पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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