देश को आज पहली बार रैपिड रेल की सौगात मिलने गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस मिनी बुलेट ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैपिडएक्स का नाम नमो भारत रखा गया है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक ट्रेन को चलाया जाएगा। पीएम ने आगे कहा कि नमो भारत ट्रेन में आधुनिकता भी है, गति भी है। ये नमो भारत ट्रेन, नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है। आज पूरे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण है। आज देश में पहली रैपिडएक्स ट्रेन शुरू हुई है। जिसका शिलान्यास हम करते हैं उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं। इसका मेरठ वाला हिस्सा 1-1.5 साल के बाद पूरा होगा, उस समय भी मैं आपकी सेवा में मौजूद रहूंगा।
पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली-मेरठ का ये 80 किमी से ज्यादा का ट्रैक तो बस एक शुरुआत है। पहले फेज में दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के अनेक क्षेत्र नमो भारत ट्रेन से कनेक्ट होने वाले हैं। बदलते हुए भारत में ये बहुत जरूरी है कि सभी देशवासियों का जीवन स्तर सुधरे, लोग अच्छी हवा में सांस लें, यातायात के अच्छे साधन हों, अच्छे शिक्षण संस्थान हों और इलाज की बेहतर व्यवस्था हो। इन सब पर आज भारत सरकार विशेष जोर दे रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर आज भारत सरकार जितना खर्च कर रही है, उतना हमारे देश में पहले कभी नहीं हुआ।
नमो भारत ट्रेन में आधुनिकता भी है और स्पीड भी है ये नमो भारत ट्रेन नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/MVBM3wpTfV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 20, 2023
नमो शब्द को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को आपत्ति
नमो शब्द को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को आपत्ति है। उन्होंने इसे नरेंद्र मोदी से जोड़ दिया है। रैपिड रेल का नाम नमो भारत रखे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘नमो स्टेडियम अब नमो ट्रेन। Self-Obsession की कोई पराकाष्ठा नहीं है।’ बता दें कि अहमदाबाद में एक क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया था। कांग्रेस के एक अन्य नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘भारत ही क्यों लगाया? देश का नाम भी बदलकर नमो कर दें।’
सनातन धर्म से है नमो का कनेक्शन
नमो शब्द आया कहां से इसके लिए आपको सनातन धर्म की ओर चलना होगा। हिंदू धर्म में नमो का मतलब भगवान से होता है। जब भगवान को नमस्कार किया जाता है तब हम नमो शब्द का उपयोग करते हैं। इसका उपयोग वास्तव में सनातन धर्म के मंत्रों से संबंधित है। श्लोक और मंत्रोच्चार रे दौरान आपने अक्सर इस शब्द को सुना होगा।