36 महिलाएं संभाले हैं मंत्रियों, अधिकारियों के खाने का जिम्मा

दिल्ली की बागड़ोर जहां महिला मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के हाथों में हैं वहीं सामान्य महिलाएं भी मंत्रियों और अधिकारियों के खाने के जिम्मे को अपने हाथों में लिए हैं।
दिल्ली सचिवालय की स्त्री शक्ति कैंटीन इसकी एक मिसाल है। जहां काम करने वाली सामान्य घरों की लगभग 36 महिलाएं सचिवालय के सभी फ्लोर पर बने कार्यालयों में अपने हाथ से बने खाने का स्वाद चखा रही है। गुणवता से भरपूर यह खाना मंत्रियों, अधिकारियों व अन्य लोगों की जबान पर चढ़ चुका है।
दिल्ली सचिवालय के भूतल पर चार साल पहले सेल्फ हेल्प ग्रुप के अंतर्गत स्त्री शक्ति कैंटीन शुरू की गई। कैंटीन की खास बात यह है कि इसके प्रबंधन से लेकर संचालन केवल महिलाओं द्वारा ही किया जा रहा है।
यहां काम करने वाली कुछ महिलाएं जहां पढ़ी लिखी हैं वहीं कुछ अनपढ़ हैं जिन्होंने अपना नाम लिखना व हस्ताक्षर करना यहीं सीखा है।
यहां काम करने वाली सभी महिलाओं का कहना है कि यहां आकर आत्मनिर्भर हो गई हैं जिससे कि इतनी हिम्मत आ गई है कि अपने दम पर कुछ कर सकें। कुछ महिलाएं यहां काम कर जहां अपने परिवार का पेट पाल रही हैं तो कुछ बतौर शौक यहां काम कर रही हैं।
महिलाओं का कहना है कि यहां उन्हें सुरक्षा का माहौल मिलता है जैसा कहीं और नहीं मिल सकता। काम करते, बात करते कम शाम हो जाती है उन्हें पता ही नहीं चलता।
जब ऊपर कमरे में बैठे-बैठे ऊब जाते हैं तो नीचे जाकर खाने चले जाते हैं। यहां के खाने की बात यह है कि गुणवत्ता बहुत अच्छी है। न केवल यहां गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता बल्कि पौष्टिक, साफ-सुथरा है। हमने महिलाओं को खाने में और वेराइटी लाने के लिए भी कहा है। सबसे बड़ी बात यहां आकर स्वस्थ माहौल में काम कर यह महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।– महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण व शिक्षा मंत्री प्रो. किरण वालिया