नोएडा महानगर में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनस के महासंघ के तौर पर जाने वाले संगठन फोनरवा में विवाद चुनाव होने के बाद भी समाप्त नहीं हो रहे हैं । माना जा रहा था कि तमाम शिकायतों के बाद नोएडा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर नियुक्त किए गए चुनाव अधिकारी शैलेंद्र बहादुर सिंह की उपस्थिति में हुए इन चुनावों के बाद आरोप प्रत्यारोप समाप्त हो जाएंगे । किंतु चुनाव में अप्रत्याशित एक तरफा परिणाम आने के बाद अब लगातार चुनाव अधिकारी की कार्यशैली पर ही प्रश्न उठने लगे हैं इसके साथ ही संस्था के सदस्यों ने प्रशासन द्वारा कराए गए चुनाव में खर्च किए गए पैसे पर भी प्रश्न पूछने शुरू कर दिए हैं ।
महासचिव के पद पर चुनाव लडे राजीव चौधरी ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा कि उन्होंने आरटीआई लगाकर इस चुनाव में हुए खर्चों के बारे में पूछा है । इसके साथ ही उन्होंने अनुमानित तौर पर 325000 का मोटा-मोटा आंकड़ा भी आकलन किया है।
जीत पर उठते प्रश्नों पर योगेंद्र शर्मा पैनल चुप, सांसद ने दी नसीहत!
यद्यपि इस विषय पर चुनाव जीतने वाला पैनल योगेंद्र शर्मा पैनल बिल्कुल चुप्पी मारकर बैठ गया है । चुनाव के रिजल्ट के बाद देर रात तक जबरदस्त आतिशबाजी करने और चुनाव से पहले वोटर्स और मीडिया के साथ जबरदस्त काकटेल पार्टी करने वाले गुट ने फिलहाल फोनरवा के सदस्यों और स्थानीय मीडिया से अपना संपर्क बंद कर दिया है ।
वही सोशल मीडिया में आई कुछ जानकारी के अनुसार चुनाव जीतने के बाद योगेंद्र शर्मा पैनल के लोग नोएडा के सांसद डॉ महेश शर्मा से मिले और उन्होंने डॉ महेश शर्मा के एक राजनैतिक सलाहकार द्वारा उनका विरोध करने की शिकायतें करते हुए अपनी आपत्तियां दर्ज की। सूत्रों के अनुसार सांसद ने योगेंद्र शर्मा पैनल की बातें ध्यान से सुनी और उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव के दौरान आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं । ऐसे में वह शिकायतें करने की जगह अगर काम करना शुरू करें तो वह संस्था और शहर के लिए बेहतर होगा ।
हाई कोर्ट जाएंगी जिमी वालिया
चुनाव में जिमी वालिया ने अपना नाम काटे जाने और चुनाव अधिकारी शैलेंद्र बहादुर सिंह की शिकायतों को मेरठ रजिस्टार के पास लिखित में भेजा है। जिसमें उन्होंने नियमों को तक पर रखकर इन चुनावों को कराए जाने की बात करते हुए हाईकोर्ट तक जाने का दावा किया है। इसके साथ ही एक अन्य सदस्य जगबीर जगा के ऊपर भी प्रश्न उठ रहे हैं । उनको लेकर कार्यकारिणी में न होने का दावा करता एक डॉक्यूमेंट सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है,यद्धपि के सच होने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है किंतु इसको लेकर कोई खंडन भी नही आ रहा है।
गिनती में धाधली के लगे आरोप, चुनाव अधिकारी पर भी उठ रहे प्रश्न
वही फोनरवा के कई सदस्यों ने दबी जुबान से इस चुनाव में धांधली के भी बड़े आरोप लगाए हैं लोगों के अनुसार गिनती करते समय आधे घंटे के लिए नई शीट लाने के नाम पर जो समय व्यर्थ किया गया, उसी में हेर फेर की गुंजाइश लग रही है लोगों ने आरोप लगाए एक पक्ष को फायदा देने के लिए इस तरीके की हरकत की गई क्योंकि जो शीट मंगाई गई थी आधे घंटे बाद उनको रास्ते में ही मना कर दिया गया और पुराने शीट पर ही सीट पर ही परिणाम घोषित कर दिए गए । योगेंद्र शर्मा पैनल से महासचिव पर चुनाव लड़ रहे केके जैन के ऊपर भी विजय राणा ने आरोप लगाए हैं उन्होंने दावा किया कि जैन ने उनसे 3:30 बजे ही अपनी जीत का दावा कंफर्म कर दिया था
चुनाव अधिकारी की निष्पक्षता पर प्रश्न उठाने वाले और हारे हुए ग्रुप के एक सदस्य ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि प्रश्न तो उस वीडियो रिकॉर्डिंग पर भी खड़े हो रहे हैं जिसमें बताया जा रहा है कि उसको 15 मिनट के लिए बंद किया गया है । उन्होंने दावा किया कि इस पूरे चुनाव में कहीं ना कहीं बड़ी धांधली हुई है। इसी वजह से इस चुनाव के कैंसिल होने की संभावना बढ़ गई है और योगेंद्र शर्मा पैनल जीतने के बावजूद अभी तक शपथ ग्रहण समारोह करने को तैयार नहीं है। लोगों के अनुसार जिमी वालिया और जगबीर जगा के मामलों में आए सामने आ रहे सबूत के बाद यह चुनाव जल्द ही कैंसिल भी हो सकते हैं ऐसे में शपथ ग्रहण कराकर नया विवाद शुरू हो सकता है अगर संस्था के 227 सदस्यों में आधे से ज्यादा लोगों ने बहिष्कार कर दिया तो भी पैनल की जीत पर नए प्रश्न खड़े हो सकते हैं ।
कुल मिलकर मात्र 227 सदस्यों वाली संस्था के इस भारी भरकम चुनाव के बाद जहां प्रशासन चुनाव अधिकारी और जीता हुआ पैनल सवालों के घेरे में है वही शहर में लगातार संस्था की साख पर भी प्रश्न उठने लगे हैं ऐसे में यह विवाद अब समाप्त होंगे या फिर अभी इससे आगे कहानी और जाएगी यह आने वाले दिनों में दिखेगा