ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो के लिए नए रूट पर विचार किया जा रहा है । यह ऑप्शन ब्लू लाइन के सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन से देखा जा रहा है। नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की तरफ से नए रूट का विकल्प तलाशने के लिए मंजूरी देने के समाचार के बाद ही सोशल मीडिया में लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है।
कई लोगों ने इसे स्थानीय सांसद डा महेश शर्मा के अस्पताल को लाभ पहुंचाने के लिए आरोप लगाए हैं सोशल मीडिया पर छवि नाम की यूजर ने लिखा कि मेट्रो टू ग्रेटर नोएडा वेस्ट बीरबल की खिचड़ी हो गई है। 5 साल से इंतजार और बिना वजह इधर से उधर डाला जा रहा है । कहीं ऐसा तो नहीं यह नया रास्ता सांप सीढ़ी जैसा है एमपी साहब के अस्पताल के लिए डायवर्ट किया जा रहा है और हम बेवकूफ फिर उन्हें वोट दे देंगे। वही एक अन्य यूज़र ने भी इस बात को समर्थन करते हुए लिखा है की बात बिल्कुल सही है।
स्मरण रहे कि कल हिंदुस्तान टाइम्स के एक समाचार के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस आधार पर पुराने प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि यह लिंक दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के सेक्टर 51 स्टेशन और प्रस्तावित 14.9 किमी लिंक के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी की गारंटी नहीं देता है, जोकि एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से 300 मीटर दूर शुरू होना था।
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने पीएमओ को सूचित किया था कि वह एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन और दिल्ली मेट्रो के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन को एलिवेटर के जरिए जोड़ेगा ताकि यात्रियों को दोनों स्टेशनों के बीच 300 की दूरी तय न करनी पड़े। अधिकारियों ने बताया कि लेकिन पीएमओ इस पर सहमत नहीं हुआ और प्रस्ताव खारिज कर दिया।
पीएमओ ने यह भी सुझाव दिया है कि इस नए मेट्रो लिंक को एक्वा लाइन के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन की बजाय ब्लू लाइन के सेक्टर 61 मेट्रो स्टेशन से शुरू किया जाना चाहिए, जिससे नोएडा प्राधिकरण को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए एक नया मार्ग तलाशा जा सके।
मेट्रो के बहाने सोशल मीडिया पर हुए विरोध ने बढ़ाई संसद के टिकट की चिंता
सोशल मीडिया पर मेट्रो के रूट बदलने को लेकर आ रही लोगों की प्रतिक्रिया वर्तमान भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा के लिए नकारात्मक साबित हो सकती है । लोगों का लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मेट्रो के रूट बदलने के विरोध को सांसद के विरोध के तोर पर देखा जा रहा है I अभी तक ऐसा पार्टी के कुछ नेताओ के विरोध कह कर खारिज किया जा रहा था किन्तु आम जनता के ऐसे विरोध से क्षेत्र मे सांसद के खिलाफ उठ रही जनभावना माना जा रहा है I कदाचित 5 वर्षो से मेट्रो के लिए राह देख रहे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगो के सब्र का बांध अब टूटने भी लगा है I यहाँ के लोग सांसद पर पहले ही बिल्डर की मनमानी को रोकने मे नाकाम रहने के आरोप लगाते रहे है I उनका कहना है कि सांसद बस त्यहोहरों पर ही मुख्य अतिथि बनकर आते है लोगो कि समस्याओ से उनका कोई ध्यान नहीं रहता है I डीएनडी को फ्री कराने वाले जिले के एक वरिष्ठ भाजपा नेता के अनुसार वो सांसद कम अस्पताल के मालिक ज्यादा है, जिनसे आम जनता का कनेक्ट उनसे कम होता है
सांसद पर अस्पताल को लेकर फायदे लेने के आरोप पहली बार नहीं है, इससे पहले भी सेक्टर 71 में प्रमुख विपक्षी दल द्वारा ही बनने वाले एक अन्य अस्पताल के विरोध करने की भी चर्चा आई थी । तब भी अस्पताल के मालिक ने यह आरोप लगाया था कि 3 बात चुनाव हार चुके विपक्ष के एक नेता डॉ महेश शर्मा के अस्पताल को लाभ पहुंचाने के लिए उनके अस्पताल को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष और सांसद के रिश्ता पर भी प्रश्न उठे थे। महज कुछ महीने पहले पत्रकारों की याद में बनाए गए एक स्मारक के उद्घाटन के समय भी डॉक्टर महेश शर्मा ने एक अन्य विपक्ष के जिला अध्यक्ष को भाजपा के पैरोल पर बताया थाI
ऐसे में अब मेट्रो के रूट बदलने को लेकर आम जनता के विरोध को डॉ महेश शर्मा कैसे मैनेज करेंगे, क्या विपक्ष ओर भाजपा के शीर्ष नेताओ की तरह वो आम जनता के गुस्से को शांत कर पाएंगे या फिर इस बार मेट्रो को लेकर उन पर लग रहे आरोप का असर उनके राजनैतिक करियर को नुकसान पहुंचा देगा यही उनके राजनीतिक कौशल की असली परीक्षा होगी