मोदी ने दरियादिली दिखाई, जसवंत की वापसी तय

नरेंद्र मोदी ने जसवंत सिंह को सीधे चिट्ठी लिखकर भाजपा में उनकी वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार बनने के बाद जसवंत का दोबारा भाजपा में शामिल होना तय माना जा रहा है।
पिछले सप्ताह जसवंत सिंह भाजपा के भीष्म पितामह लालकृष्ण आडवाणी और अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलकर मोदी की इस पहल पर चर्चा कर चुके हैं।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक चुनाव के बाद मोदी ने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए जसवंत को चिट्ठी लिखी थी। सारे नियमों को ताक पर रखकर लिखी गई चिट्ठी में पार्टी में जसवंत के बड़े कद और मौजूदा भाजपा को खड़ा करने में उनके योगदान को याद किया गया है। मोदी ने कहा है कि वह जसवंत को हमेशा बेहद सम्मान देते रहे हैं और चाहेंगे कि देश निर्माण के लिए वह पार्टी या सरकार में योगदान दें।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह जसवंत की वापसी का साफ संकेत है और मोदी की दरियादिली को जाहिर करता है। भाजपा की जीत के बाद मोदी ने जिस तरह जसवंत सिंह से संपर्क साधा है उससे साफ है कि वह चुनाव अभियान के दौरान की कड़वाहटों को भुलाकर उन्हें वापस लाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि टिकट न मिलने बाद जसवंत सिंह के इस्तीफे के बाद राजनाथ सिंह ने कहा था कि पार्टी के किसी नेता को इससे निराश नहीं होना चाहिए। चुनाव के बाद सरकार या पार्टी में काम करने का काफी मौका होगा।
मोदी की ओर से पत्र के जरिये जसवंत सिंह से संपर्क साधने को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। मोदी, वाजपेयी सरकार में रक्षा, विदेश और वित्त मंत्री रह चुके जसवंत सिंह की सेवा सरकार चलाने में लेना चाहते हैं। उनकी यह कोशिश इस नजरिये से भी देखी जा रही है।पिछले सप्ताह जसवंत सिंह ने आडवाणी से उनके घर पर मुलाकात की थी। इसके बाद ही सिंह के पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे थे। हालांकि इसे शिष्टाचार के नाते की जाने वाली मुलाकात करार दिया गया था।
आडवाणी के जसवंत से अच्छे संबंध रहे हैं और समझा जाता है कि आडवाणी ने उन्हें वापस लाने के लिए पार्टी नेतृत्व से बात भी की थी।
इसके अलावा जसवंत अपने पुत्र मानवेंद्र सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। वह राजस्थान से विधायक हैं लेकिन बाड़मेर में पार्टी उम्मीदवार सोनाराम चौधरी के खिलाफ प्रचार करने की वजह से वह निलंबित कर दिए गए थे।