main newsNCRKhabar Exclusiveउत्तर प्रदेशराज्य

गौतम बुध नगर लोक सभा चुनाव : मोदी की बीजेपी के सामने समाजवादी पार्टी को मजबूत संगठन की जरूरत और दमदार प्रत्याशी की तलाश

आशु भटनागर I गौतम बुध नगर लोकसभा चुनाव के लिए जहां भाजपा में टिकट के लिए मारामारी चल रही है वर्तमान सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के खिलाफ तमाम दावेदार ताल ठोक रहे हैं और अपने-अपने दावे कर रहे हैं वही क्षेत्र में कमजोर संगठन का मारा विपक्ष अभी तक यह नहीं तय कर पा रहा है कि उसको चुनाव लड़ना भी है या फिर उसके पास चुनाव लड़ने के लिए दावेदार कहां से आए। विपक्ष और खास तौर पर सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी की समस्याओं पर चर्चा करें उससे पहले इस लोकसभा क्षेत्र का गणित समझते हैं

मोदी लहर में विपक्ष से भाजपा की सुरक्षित सीट बनी गौतम बुध नगर

2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में 2008 में गौतम बुध नगर लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया । इस सीट के अब तक के इतिहास में 2009 में पहली बार बसपा से सुरेंद्र नगर ने 33 प्रतिशत 245613 वोट लेकर भाजपा से पहली बार प्रत्याशी बने डॉक्टर महेश शर्मा को 2 प्रतिशत यानी 15904 वोट से हराया । इस चुनाव में भाजपा को 31 प्रतिशत यानी 229709 वोट मिले । समाजवादी से नरेंद्र सिंह भाटी को 16 प्रतिशत यानी 1,18,584 मिले, वहीं काग्रेस के प्रत्याशी रमेश चंद तोमर को 15 प्रतिशत यानी 1,16,230 वोट मिले ।

किन्तु 5 साल बाद 2014 के चुनाव मे बनी मोदी लहर में जिले में पासा पलट गया और बसपा के 33% वोट में सेंध लगाते हुए मोदी के नाम पर क्षेत्र की जनता ने भाजपा को 50% वोट देकर डॉ महेश शर्मा को सांसद बना दिया । इस खेल में भाजपा के रणनीतिकारों द्वारा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशी को चुनाव से महज दो दिन पहले अपनी पार्टी में शामिल करना भी महत्वपूर्ण रहा और यह माना गया कि भाजपा की मोदी लहर में क्षेत्र की जनता ने बाकी सब को किनारे कर दिया।

2019 में भाजपा ने फिर से मोदी लहर में इस सीट पर अपना न सिर्फ दावा मजबूत किया बल्कि इसको बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट बना दिया। 10 साल पहले 2004 में 33,16 और 15% वोट पाने वाली बसपा, सपा और कांग्रेस अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती दिखाई देने लगी । यद्धपि 2019 में सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार सतवीर नागर को 35 प्रतिशत वोट मिले किंतु भाजपा ने 60 प्रतिशत वोट की मजबूत दावेदारी की । आज इस सीट पर नरेंद्र मोदी की लहर का पूरा प्रभाव माना जाता है ओर कहा जाता है कि यहाँ भाजपा से किसी कोई भी खड़ा कर दो वो ही जीत जाएगा I

2024 में विपक्ष की चुनौती, मजबूत प्रत्याशी और कैडर दोनो नदारद

2024 में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर हालात पूरी तरीके से बदल गए हैं 2009 में भाजपा से इस सीट पर सांसद बनने वाले सुरेंद्र सिंह नागर आज भाजपा में आ चुके हैंI वहीं समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने वाले नरेंद्र भाटी भी भाजपा में आ चुके हैंI यहां तक की 2019 में सपा बसपा के प्रत्याशी सतवीर नागर भी आज भाजपा में ही हैI ऐसे में 2019 में ही शून्य हो चुकी कांग्रेस फिलहाल मुकाबला से बाहर है, बहुजन समाज पार्टी अपने 15 प्रतिशत स्थिर वोटो के साथ एक बार फिर से किसी ब्राह्मण चेहरे (संभवत: फोनरवा आधायक्ष योगेन्द्र शर्मा) के साथ मैदान में उतरेगी तो वर्तमान में मजबूत विपक्ष के तौर पर मौजूद समाजवादी पार्टी एक बार फिर से भाजपा को चुनौती देने को तैयार है इसकी चर्चा ही अब बाकी रह गयी हैंI

समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है की जिले की पांचो विधानसभा पर उनके प्रत्याशी 2022 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे हैं ऐसे में बीते दिनों अखिलेश यादव के साथ विधायक प्रत्याशियों/प्रभारियो की हुई मीटिंग में यह टारगेट दिया गया कि जिले की पांचो विधानसभाओं में प्रत्येक विधानसभा के प्रत्याशी को एक लाख वोटो का मिनिमम टारगेट तय करना पड़ेगा इसके बाद भाजपा के मुकाबले भाषा पर समाजवादी पार्टी की स्थिति थोड़ी सी मजबूत होने की संभावना दिखती है।

वर्तमान में जिले में लगभग 23 लाख वोट हैं जिले का औसत 60% होता है जिसके अनुसार लगभग 13 से 15 लाख वोट पड़ेगा ऐसे में 8 से 9 लाख के मुकाबले 5 लाख को टारगेट करने के बाद समाजवादी पार्टी भाजपा के लिए चुनौती तो बन सकती हैI किंतु जीत के लिए एक मजबूत उम्मीदवार की जरूरत है I जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी में इन दोनों मजबूत आयातित उम्मीदवार को लाने की कवायत जारी है वर्तमान में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव के समय में आए डॉक्टर महेंद्र नागर को लेकर समाजवादी पार्टी में चर्चाएं हैं किंतु समाजवादी पार्टी का एक धड़ा यह मान रहा है कि डॉक्टर महेंद्र नागर दावा तो कर रहे हैं किंतु चुनाव लड़ने में भाजपा के सामने इतनी मजबूत प्रत्याशी नहीं हो पाएंगे ।

पार्टी के एक घड़े के अनुसार डॉक्टर महेंद्र नगर पहले कांग्रेस में रहे हैं और गौतम बुद्ध नगर के मिलक लच्छी के रहने वाले हैं किंतु उनकी राजनीतिक पहचान किसी काम करने वाले नेता की जगह जुगाड़ करने वाले नेता की रही हैI कांग्रेस मे भी कभी उनको मजबूत नेता नहीं माना गया हैं I ऐसे में भाजपा को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर उनको उतारना इस सीट को भाजपा को प्लेट में गिफ्ट रखकर देने जैसा है । पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि यहां से या तो राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी जैसा व्यक्ति चुनाव लड़े या फिर किसी बड़े नेता, फिल्मी सितारे या खिलाड़ी को यहां उतार कर भाजपा को चुनौती दी जाए।

जिले में मजबूत आयतित प्रत्याशी के प्रश्न पर एनसीआर खबर से बात करते हुए राजकुमार भाटी ने कहा की राजनीतिक दलों में चुनाव जीतने के लिए मजबूत प्रत्याशी को चुनाव से पहले पार्टी में शामिल करना कोई गलत बात नहीं है समाजवादी पार्टी भी ऐसा करती रही है ऐसे में भाजपा को चुनौती देने और इस सीट पर अपना झंडा गाड़ने के लिए पार्टी सभी विकल्प खुले रखेगी ।

वहीं समाजवादी पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि अगर भाजपा एक बार फिर से डा महेश शर्मा को टिकट दे तो उनके विरोध मे भाजपा के ही अंदर से पार्टी को भरपूर समर्थन मिल सकता है I भाजपा कि आंतरिक गुटबाजी समाजवादी पार्टी के लिए संजीवनी बन सकती है किन्तु अगर टिकट बदला तो पार्टी को नयी रणनीति पर विचार करना होगा I

एनसीआर खबर की एक परिचर्चा में गौतम बुद्ध नगर के समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की स्थिति पर बात करते हुए पूर्व नोएडा महानगर अध्यक्ष दीपक विग ने कहा कि समाजवादी पार्टी फिलहाल भाजपा में चल रही टिकट की मारामारी पर नजर रखे हुए हैं और अगर भाजपा जीते हुए प्रत्याशी का टिकट कटती है तो वह उसको भी टिकट ऑफर कर सकती है । जिसके बाद यह माना जा रहा है कि फिलहाल समाजवादी पार्टी की सारी रणनीति भाजपा के टिकट पर निर्भर है और वह किसी भी स्थिति में भाजपा में टिकट के दावेदारों में से ही अपने प्रत्याशी को खोज रही है ।

समाजवादी पार्टी के साथ दूसरी समस्या 2014 19 के मुकाबले वर्तमान में मजबूत कैडर के न होने की भी है खास तौर पर नोएडा महानगर में समाजवादी पार्टी की स्थिति बेहद कमजोर हैI नोएडा महानगर में शहरी वोटो को साधने के लिए पार्टी अभी तक असफल रही है यधपि 2022 मे पहली बार पार्टी को शहरी वोटो मे कुछ सफलता मिली है किन्तु ये काफी नहीं हैं । पार्टी का कुल जनाधार 68000 ग्रामीण वोटो तक है जो उसे विधानसभा में मिले थे । यही स्थिति कमोबेश दादरी, जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा विधानसभाओं में भी है ।

विधानसभा चुनाव के बाद संगठन में को मजबूत करने के लिए मौजूदा अध्यक्षों की कार्यशैली पर पार्टी में प्रश्न उठते रहे हैं। जिले मे जनता का मानना है कि मौजूदा संगठन जन हित के मुद्दो पर संघर्ष नहीं करता है I हाँ चेहरा चमकाने के लिए ग्रामीण जनता के आंदोलनो मे समर्थन देता ज़रूर दिखाई देता है I
जनता को समर्थन से ज्यादा भाजपा कि सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने वाले नेताओ का साथ आवश्यक है तभी जनता चुनावो मे वोट देती है I
वहीं शहरी जनता के साथ तो पार्टी का संगठन खड़े होने से भी परहेज करता है I संगठन ओर इसके नेता आज तक उसे बाहरी मान कर उसके विरोध मे ही रहता है
स्थानीय पार्टी नेताओ को समझना होगा कि जनता नेताओ के स्वागत के लिए तैयार है, बस उसके लिए गांवो से निकल कर उन्हे सोसाइटी सोसाइटी सेक्टर सेक्टर घूमना होगा I ऐसे में पार्टी के सामने अगले दो महीने के अंदर पांचों विधानसभाओं में संगठन को मजबूत करने की भी हैं ।

ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव गौतम बुद्ध नगर जैसी महत्वपूर्ण सीट पर किसी मजबूत समाजवादी चेहरे को ला सकते हैं या फिर शहर में मौजूद या आयतित कमजोर प्रत्याशियों में से ही किसी को भी बनाकर इस सीट को पुनः भाजपा की झोली में डाल देंगे।

दिल्ली नोएडा, गाज़ियाबाद, ग्रेटर नोएडा समेत देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें या एनसीआरखबर वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
Show More

NCRKhabar Mobile Desk

एनसीआर खबर दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews.ncrkhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : 9654531723@paytm के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button