आम आदमी पार्टी ने संजय राणा को बनाया दादरी से प्रत्याशी,दादरी में गैर गुर्जर प्रत्याशी समीकरण आप के लिए होगा कितना फायदेमंद
दादरी विधान सभा में गुर्जर बनाम क्षत्रिय की लड़ाई में फिलहाल आम आदमी पार्टी ने गुर्जर प्रत्याशियों की जगह क्षत्रिय समाज के प्रत्याशी संजय राणा को अपना उम्मीदवार बनाया है दादरी में अघोषित तौर पर अभी तक सभी पार्टियों द्वारा गुर्जर प्रत्याशी को ही प्राथमिकता दी जाती रही है रविवार को प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह और दिल्ली विधानसभा में मुख्य सचेतक दिलीप पांडे ने संजय राणा को दादरी प्रभारी बनाने की घोषणा की । हालांकि इस सीट पर क्षत्रिय समाज को टिकट देना कितनी सफल रणनीति साबित होगी ये चुनाव के बाद ही पता चलेगा
आपको बता दें संजय राणा दिल्ली पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच में 17 साल तक रहे हैं दिल्ली पुलिस से वीआरएस लेने के बाद संजय राजनीति में आए पार्टी ने उनको यह जिम्मेदारी है ।
बीते दिनों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने जिस तरह सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर गुर्जर समुदाय के पक्ष में बयान दिए हैनिसके बाद आम आदमी पार्टी दादरी सीट पर ये रणनीति कितनी प्रभावशाली साबित होगी ये आने वाले दिनों में तय होगा ।
क्या है दादरी का जातीय समीकरण ?
दादरी विधान सभा के लगभग 6 लाख वोटो में 1.3 लाख गुर्जर वोट है, जिसके बाद राजपूतों के साठा चौरासी गांव के वोट महत्वपूर्ण रहते है और फिर ब्राह्मण वोट । इसके बाद मिश्रित आबादी और 1.5 लाख शहरी आबादी के वोट रहेंगे जिनमे ब्राह्मण, कायस्थ, राजपूत, बनिया जातियां सर्वाधिक है । आम आदमी पार्टी इन्ही राजपूत, गुर्जर, मिश्रित, मुस्लिम और शहरी आबादी पर निशाना साध रही है । आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य ने एनसीआर खबर को बताया कि सपा, बसपा और कांग्रेस समेत सभी दल गुर्जर समाज से ही अपना प्रत्याशी देने जा रहे है ऐसे में गैर गुर्जर पर दांव लगाना राजनैतिक समीकरण में ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि इन तीनों ही दलों के लोग इस बड़े वोट को अपने पक्ष में लाने के लिए जातिवाद का सहारा लेंगे जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को होगा ।