आशु भटनागर । उत्तर प्रदेश में कई शहरों के नाम बदले जा चुके हैं और कई के बदले जा रहे हैं इलाहाबाद को प्रयागराज किया जा चुका है इससे पहले भी कई शहरों के नाम को लेकर बदलने की कवायद हो चुकी है । बीते दिनों अलीगढ़ के नाम को वापस बदलकर हरीगढ़ करने का प्रस्ताव वहां पास हो चुका है । इसी तरीके से एक और समाचार है कि फिरोजाबाद का नाम चंद्र नगर किया जाएगा वहां पर भी इसका प्रस्ताव पास हुआ है ।
ऐसे में पूरे उत्तर प्रदेश में एक जिला ऐसा भी है जिसे अपना कोई शहर नहीं है पर वह शहर के सबसे ज्यादा रेवेन्यू कमा कर देने वाले और औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले तीन इंडस्ट्रियल अथॉरिटी क्षेत्र का जिला है । इससे पहले इसे नोएडा क्षेत्र में ही गिना जाता था यह सर्व विदित है कि इस क्षेत्र की पहचान नोएडा यानी न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के नाम से है जिसके बाद इसके विस्तार के लिए ग्रेटर नोएडा शहर बसाया गया और उसके बाद एक यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी यीड़ा की स्थापना की गई इन तीनों प्राधिकरण के क्षेत्र को मिलकर 6 सितंबर 1997 को गौतम बुध नगर नाम दे दिया गया । इसके अंतर्गत नोएडा, दादरी और जेवर तहसील आती है ।
किंतु पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं भी ऐसा जिला नहीं है जो उसे जिले के अंतर्गत शहर भी होता हो ऐसे में 25 साल बाद अब यह जरूरी हो गया है किस जिले का नाम नोएडा के नाम पर वापस किया जाए जिससे क्षेत्र में भ्रम की स्थिति समाप्त हो ।
नोएडा के विकास में आगे रहे एक पूर्व रिटायर अधिकारी ने एक बार मुझे बातचीत में कहा था कि कायदे में इस जिले का नाम नोएडा ही होना चाहिए था किंतु तत्कालीन दौर में मायावती सरकार द्वारा कई शहरों के नाम बदलने की सनक में गौतम बुद्ध नगर बनाकर इस आधुनिक क्षेत्र की पहचान को ना सिर्फ हटाया गया बल्कि शहर को बसाने में कांग्रेस के राजनैतिक श्रेय को भी समाप्त किया गया था । पूरे भारत में कहीं भी ऐसा नहीं देखा गया कि जिसमें जिले के नाम से कोई शहर ना हो । मायावती टेक्निकल इशू के कारण नोएडा का नाम नहीं बदल सकती थी इसलिए उन्होंने जानबूझकर इस गौतम बुद्ध नगर बनाकर नोएडा को छोटा करने का सफल प्रयास किया।
सब जानते हैं कि नोएडा को तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के बड़े नेता संजय गांधी की फरमाइश पर बसाया था। बाद में मायावती ने अपने मुख्यमंत्री काल में कई शहरों के नाम सिर्फ इसलिए बदले ताकि उनकी सरकारों को याद किया जाता रहे और उनकी सरकार जाने के बाद आई समाजवादी पार्टी की सरकारों में कई जिलों के नाम वापस किए भी गए थे पर नोएडा में ऐसा नहीं हो सका ।
ऐसे में अब जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तमाम शहरों के नाम बदल रहे हैं तो वक्त आ गया है जब गौतम बुद्ध नगर जिले का नाम भी वापस नोएडा किया जाए। क्योंकि नोएडा के मामले में जिले का नाम बदलने में स्थानीय पंचायत द्वारा नाम बदलने की संतुष्टि जैसा भी कोई अड़चन नहीं है जिलों के नाम मुख्यमंत्री द्वारा सीधे बदले जा सकते हैं और नोएडा के स्वर्णिम विकास के लिए ऐसा किया जाना आवश्यक भी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपेक्षित भी है