
नोएडा में बिल्डर और बायर्स के बीच विवाद अब आम बात है, जिले में कहीं ना कहीं बायर्स अपने अधिकारों के लिए बिल्डर की जटायद्तियो के खिलाफ प्रदर्शन करते है ।ताजा मामला सुपरटेक बिल्डर से जुड़ा है ।सुपरटेक अपकंट्री प्रोजेक्ट के बायर्स पिछले दो दिनों से बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सालों बीतने के बाद भी फ्लैट और विला न मिलने से नाराज बायर्स दो दिन से बिल्डर के सेक्टर-96 स्थित दफ्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शनिवार को बिल्डर ने की पानी की बौछार
रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होना शुरू हुआ जिसमें सुपरटेक के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे वायरस के ऊपर बिल्डर के अधिक कर्मचारियों द्वारा पानी की बौछार की गई जिसके बाद हंगामा मच गया । बताया जा रहा है शुक्रवार से ही बायर्स बिल्डर दफ्तर के बाहर बैठे हुए हैं. शनिवार को बिल्डर ने बाहर पानी का बौछार कर दिया, ताकि बायर्स प्रदर्शन न कर सके । हालांकि पानी के बौछार के बाद रविवार को भी बायर्स का धरना-प्रदर्शन बिल्डर के दफ्तर के बाहर जारी है ।
परेशान है खरीददार, कोई नही हुआ समाधान
सुपरटेक अपकंट्री के खरीदारों का कहना है कि नोएडा एयरपोर्ट नाइट सफारी फिल्म सिटी जैसे सब्जबाग दिखाकर बिल्डर ने 36 लोगों को प्लॉट फ्लैट और डुप्लेक्स भेज दिए 10 वर्षों से अधिक समय बीतने के बावजूद न तो प्लॉट फ्लैटों पर कंपटीशन हुआ ना ही रजिस्ट्री और ना ही अधिकृत कब्जा मिल पाया है परेशान खरीदार अपने काम छोड़कर प्राधिकरण बिल्डर और पुलिस प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं 2010 में सुपरटेक अपकंट्री की 56100 यूनिट की योजना लांच की गई थी इसमें प्लॉट डुप्लेक्स फ्लैट शामिल थे जून 2011 तक बिल्डर ने यह सब देने का वादा किया था इसके बाद लगभग 36 लोगों ने यहां अपना पैसा लगाया खरीदारों का आरोप है कि बिल्डर ने बिना रजिस्ट्री और कंपलीशन के अवैध पजेशन ऑफर दिया इसमें से 459 ने पजेशन ले भी लिया 29 खरीदारों की यूनिटों के टावर अभी तक खड़े हुए हैं इन लोगों ने यूनिटों के पूरे पैसे भी दे दिए लेकिन फिर भी इनकी आवाज प्राधिकरण के कानों में नहीं पहुंच रही है
बिल्डर से वार्ता कर विवाद सुलझाया जाएगा : डा अरुण वीर सिंह सीईओ यमुना प्राधिकरण
वही यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह का कहना है कि खरीदारों के हित को देखते हुए नियम बोर्ड में पास कराया गया था कि जिन पर बिल्डर का बकाया है वे सीधे प्राधिकरण कार्ड यूज जमा कराकर रजिस्ट्री करा लें इसके पीछे कोई गलत मंशा नहीं थी । खरीदारों की समस्या के लिए बिल्डर से बात करके जल्द ही इस समस्या को हल करने का प्रयास किया जाएगा