एस सिटी AOA में फिर आया विवादो का दौर, चुनाव के कुछ हफ्ते पहले महासचिव, उपाध्यक्ष का त्यागपत्र, प्रापर्टी डीलर से नए बने महासचिव ने तोड़ मोड़ कर खबर लिखने के लिए लिखने से पहले ही दे दी पुलिस में एफआईआर की धमकी
नोएडा ग्रेटर नोएडा में एक बार AOA बन जाने के बाद दोबारा ना चुनाव होना और उसके लिए विवाद होना नई बात नहीं है लगातार इसको लेकर तमाम सोसायटिओं में वर्तमान एवं पर येन केन प्रकारेण एवं में बने रहने के आरोप लगते रहते हैं
ऐसे ही एक मामले का समाचार इन दिनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर वन की एस सिटी सोसाइटी से आ रहा है सोसाइटी के निवासियों में चर्चा है कि डेढ़ वर्ष पूर्व चुनी गई AOA में अब चुनाव के कुछ हफ्तों पहले महासचिव और उपाध्यक्ष के त्यागपत्र से एसोसिएशन की पारदर्शिता और कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं लोगों का आरोप है की चुनाव के बाद जून 2022 में AOA को हैंडोवर मिला जिसके बाद यह माना जा रहा था कि 2023 जून से पहले चुनाव कराए जाएंगे लेकिन AOA के पदाधिकारी 3 सदस्यों की जगह नए तीन सदस्यों को नॉमिनेट कर बाकी को रिपीट करके इसी AOA को आगे चलाने के लिए कोशिश कर रहे हैं जिसको लेकर AOA सदस्यों में बड़ा विवाद है । अधिकांश सदस्य और सोसाइटी के लोग जून में दोबारा चुनाव कराए जाने को सही मानते हैं जबकि AOA अधिकारी पदाधिकारी इस नियम की आड़ में एक और साल का कार्यकाल अपने लिए सोच रहे हैं ।
वही अचानक महासचिव का अपने गृह निवास जाकर निजी कारणों से त्यागपत्र दे देना और उसको तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष द्वारा स्वीकार करके आनन-फानन में बोर्ड मीटिंग बुलाकर रातों-रात नए सचिव का चुनाव करवा लेना भी सवाल खड़े कर रहा है लोगों का कहना है कि अगर महासचिव का त्यागपत्र तुरंत स्वीकार किया गया तो उसके बाद उपाध्यक्ष द्वारा दिए गए त्यागपत्र को क्यों स्वीकार नहीं किया गया उनको मनाने की कोशिश क्यों की गई । और बोर्ड में आधे सदस्यों द्वारा अपनी राय ना देने के बावजूद नए महासचिव को कैसे चुन लिया गया ।
Aoa पदाधिकारियों को सोसाइटी के हित से जायदा पद पर बने रहने की चिंता
सोसायटी के लोगों ने हुए पदाधिकारियों पर सोसाइटी के मुद्दों से ज्यादा पद पर बने रहने की चिंता का आरोप लगाया है सोसाइटी के लोग कई दिन से सोसाइटी के पीछे बनी ग्रीन बेल्ट को गांव के दुकानदारों से बचाने की मुहिम चला रहे हैं मगर इस प्रकरण पर आम लोग खुद जाकर वहां काम करते दिख रहे हैं, लड़ते दिख रहे हैं लेकिन AOA का कोई अधिकृत स्टैंड इस मामले पर नहीं है । लोग स्वयं सेवा के जरिए इस ग्रीन बेल्ट में श्रमदान करते है जबकि पदाधिकारी किसी भी तरीके से अगले 1 साल अपने कार्यकाल को बढ़ाने के चक्कर में लगे है जिसको लेकर सोसाइटी में पदाधिकारियों के बीच ही विवाद हो रहा है और माना जा रहा है कि चुनाव से कुछ हफ्तों पहले इस तरीके की उखाड़ पछड़ सामने आ रही है
उपाध्यक्ष का त्यागपत्र हुआ पब्लिक, लगाए अपारदर्शिता का आरोप

वही उपाध्यक्ष के त्यागपत्र को लेकर भी AOA की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं उपाध्यक्ष नीलू त्यागी ने त्यागपत्र देते हुए लिखा की सोसाइटी में पारदर्शिता नहीं है । ऐसे कई प्रकरण सामने आने के कारण मैं त्यागपत्र देती हूं किसी भी टीम की फाउंडेशन पारदर्शिता और विश्वास पर रखी जाती है जिसको मैं नहीं पाती हूं । उनके त्यागपत्र के बाद अध्यक्ष राजीव सिंह ने समस्याओं को आसानी से सुलझा ने की बात कही और आगे पूरी तरीके से 100% पारदर्शिता को मेंटेन करने की बात कही है साथ ही अपने त्यागपत्र को वापस लेने की भी बात कही है l
नए महासचिव के चयन पर भी उठे सवाल
सोसाइटी में पुराने महासचिव उदय शंकर के हटाए जाने या त्यागपत्र से ज्यादा विवाद नए महासचिव बने हरीश कुमार को लेकर भी खड़े हो रहे हैं दरअसल हरीश कुमार ने सोसाइटी में हुई जीबीएम में AOA पारदर्शिता और ऑफिस कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों के ऊपर प्रश्नचिन खड़े किए थे और अब रातो रात उनके बोर्ड मेंबर की मीटिंग बुलाकर चुने जाने को लेकर तमाम चर्चाएं यही है कि ऐसे प्रश्नों को किनारे करने के लिए हरीश कुमार को ही महासचिव बना दिया गया । लोगों का यह भी कहना है कि हरीश कुमार कुमार स्वयं सोसाइटी में रियल स्टेट के कारोबार में संलग्न रहे हैं ऐसे में ऐसे पद पर नैतिक तौर पर उनका बन्ना सही नहीं है । साथ ही हरीश कुमार को महासचिव बनाए जाने के बाद जीबीएम में उठाए गए सभी प्रश्न क्या समाप्त हो गए है ?
प्रापर्टी डीलर से नए बने सचिव हरीश कुमार ने एनसीआर खबर को तोड़ मरोड़ कर समाचार छापने पर पुलिस की दी धमकी
वही इस प्रकरण पर हरीश कुमार से एनसीआर खबर ने जब बातचीत की तो उन्होंने प्रश्नों को ही गलत बता दिया और इस प्रकरण पर अधिकृत तौर पर जवाब देने से मना कर दिया और सोसाइटी में उनको लेकर चल रही बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर पुलिस में एफआईआर कराने की धमकी दी पत्रकारिता में इस तरह की भाषा का मतलब यही कहा जाता है कि पत्रकार ऐसे लोगों से डरकर उनकी खबर ना छापे, बस उनकी तरह से रख दे । एनसीआर खबर स्पष्ट करना चाहता है कि वह सच दिखाने की जिद पर ऐसे दबाव में नहीं आता है
AOA अध्यक्ष राजीव कुमार ने फोन नही किया रिसीव
इसी प्रकरण पर एनसीआर खबर ने जब अध्यक्ष राजीव कुमार से उनका पक्ष लेना चाहा तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ अगर राजीव कुमार इस मामले पर अपना कोई बयान देंगे तो एनसीआर खबर उसे आगे प्रकाशित करेगा
लोगो ने जल्द चुनाव कराकर नई AOA की रखी मांग
वही इस प्रकरण पर सोसाइटी के आम लोगों का कहना है कि वर्तमान में AOA पदाधिकारियों का आपसी विवाद कुछ भी हो वह किसी को भी हटाए किसी को भी बनाए लेकिन साल पूरा होने पर नई AOA का चुनाव जल्द से जल्द कराएं ताकि पारदर्शिता को लेकर चल रहा यह विवाद अब समाप्त हो । लेकिन पदाधिकारियों की तरफ से चुनाव को लेकर जिस तरीके से सिर्फ यह कहा जा रहा है कि 3 सदस्यों का चुनाव करवाया जाएगा बाकी सदस्यों को रिपीट कर दिया जाएगा जैसी सभी साजिशों को रोका जाए क्योंकि यूपी अपार्टमेंट एक्ट के अनुसार मनोनयन विशेष परिस्थिति में होता है नहीं तो सभी 10 सदस्यों का चुनाव नए सिरे से कराया जाना चाहिए मौजूदा पदाधिकारी पारदर्शिता को साबित करने में आपस में ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और लोगों के समक्ष इसे साबित करने में विफल रहे हैं इसलिए उन्हें चुनाव में जाना चाहिए