आशु भटनागर I 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है भारतीय जनता पार्टी से हर सीट पर टिकट पाने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है ऐसे में क्या राजनेता और क्या सामाजिक कार्यकर्ता सब अपने अपने दावे भारतीय जनता पार्टी में टिकट के लिए कर रहे हैं गौतम बुद्ध नगर में भी स्थिति भिन्न नहीं है ।
गौतम बुद्ध नगर में भी भाजपा के ही कई नेताओं ने लोकसभा के लिए अपनी दावेदारी पेश की भी है इनमें नवाब सिंह नगर, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, खुर्जा से वरिष्ठ भाजपा नेता अजय चोकर के नाम लगातार मीडिया की चर्चा का केंद्र बने रहते हैं ।
किंतु इसमें एक नाम ऐसा भी है जिसे वर्तमान भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा और नोएडा भाजपा सबसे ज्यादा खतरा महसूस कर रहे हैं। कमाल की बात यह है कि बी एन सिंह नाम के यह दावेदार भारतीय जनता पार्टी के ना तो सदस्य हैं ना ही कोई राजनेता है बल्कि यह गौतम बुद्ध नगर के पूर्व डीएम है ।
यद्यपि बी एन सिंह ने अभी तक ऑफीशियली कहीं भी अपने चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं किया किंतु वह लगातार इस क्षेत्र में हर सप्ताह लोगों से न सिर्फ मिलते हैं बल्कि उनकी समस्याओं को सुनकर उनका हल बताने का प्रयास भी करते हैं ।
इसके कारण जहां सांसद विरोधी लॉबी उन्हें गौतम बुद्ध नगर से सांसद पद का प्रबल दावेदार बताते हुए डॉ महेश शर्मा के समर्थकों पर हमला करती है तो डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थकों की बेचैनी और बढ़ जाती है वह पलटवार करते हुए बी एन सिंह को निशाने पर ले लेते हैं ।
ऐसे ही खेल में दो दिन पहले बी एन सिंह ने किसी एक प्रश्न के जवाब में अपना लिखित बायोडाटा सोशल मीडिया के ग्रुपों में शेयर कर दिया जिसके बाद एक बार फिर से नोएडा भाजपा अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही है यधपि इससे पहले भी मनोज गुप्ता उनकी शिकायत संगठन तक करने की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनोज गुप्ता ने बी एन सिंह पर उनके कार्यकाल में कई ऐसे आरोप लगाए जिसके जरिए उन्होंने साबित करने की कोशिश की कि वह एक अच्छे राजनेता नहीं हो सकते हैं किंतु आरोप के साथ वह यह नहीं बता पाए कि आखिर उस समय भाजपा सांसद ने डीएम रहते हुए बी एन सिंह का विरोध क्यों नहीं किया ।
ऐसे में गौतम बुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी का इन मामलों पर चुप रहना उनकी गुटबाजी से अलग रहना दर्शाता है तो मनोज गुप्ता सीधे-सीधे डॉक्टर महेश शर्मा के पक्ष में खड़े नजर आते हैं I कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि मनोज गुप्ता को दूसरा कार्यकाल डॉक्टर महेश शर्मा के आशीर्वाद से ही मिला है ऐसे में वह दूसरे कार्यकाल का एहसान बी एन सिंह का विरोध करके चुकाने में लग गए ।
क्या राजनीति पर सिर्फ व्यापारी, डॉक्टर, वकील या टीचर का हक ?
वही मनोज गुप्ता के बी एन सिंह के चुनाव लड़ने के विरोध को देखते हुए अब जिले में यह प्रश्न भी उठ रहा है कि क्या भाजपा में टिकट मांगने का अधिकार व्यापारियों, डॉक्टर, वकील और टीचर को ही है ? क्या किसी आईएएस अधिकारी रिटायरमेंट लेकर चुनाव लड़ने की बात भी उठे तो उसे उसका कच्चा लालच कहकर ताने दिए जा सकते हैं । क्या राजनीति इस जिले में कुछ खास लोगों की बपोती बनकर रह गई है क्या भाजपा में सिर्फ चंद लोग ही सांसद की कुर्सी पर अपना अधिकार समझ कर जम गए हैं ? क्या स्वस्थ लोकतंत्र में लगातार एक ही व्यक्ति को संसद का टिकट देने की जगह प्रत्येक बार किसी नए कार्यकर्ता को टिकट देने की परंपरा भाजपा में छूट गई है या फिर भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है ।
इन प्रश्नों को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर दोनों ही पक्ष अपने-अपने नेताओं के लिए समर्थन और विरोधियों पर खूब ताने कस रहे हैं देखना यह रहेगा कि आने वाले चुनाव में गौतम बुद्ध नगर से क्या वाकई किसी आईएएस को टिकट मिलेगा या भाजपा अपने चिर परिचित पुराने भरोसेमंद संसद पर भरोसा करेंगी ।