राजनीति दोस्त को दुश्मन, दुश्मनों को दोस्त बना सकती है और उसी व्यक्ति वह काम भी करवा सकती है जिसका विरोध जनता स्वयं कर रही हो । आप सोच रहे होंगे कि हम क्या कह रहे हैं तो पूरा समाचार यह है कि महीने भर पहले ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो के रूट को डॉक्टर महेश शर्मा के कैलाश अस्पताल के आगे से लेकर जाने को लेकर ग्रेनो वेस्ट के लोगों ने यहां आने वाले मेट्रो के रूट बदलने का शहरी विकास मंत्रालय और पीएमओ के सुझाव का विरोध किया था। लोगों ने आरोप लगाए थे कि सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय के सुझाव पर रूट को बदलने की प्रक्रिया की जा रही है जिससे मेट्रो के आने में और देर होगी। इसके बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के दो प्रमुख बायर्स एसोसिएशन नेफोवा ने एक मूर्ति चौक और नेफोमा चार मूर्ति चौक पर जनता के साथ प्रदर्शन करना शुरू किया था।
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार और मिहिर गौतम की अगुवाई में यह प्रदर्शन एक मूर्ति चौक पर होने लगा और 10 दिसंबर को सैकड़ो लोग जंतर मंतर पर जाकर अपना रोज प्रकट करने पहुंचे थे।
नेफोवा इस मुद्दे पर हर रविवार प्रदर्शन करती रही तो एक समय ऐसा आया कि जब लोगों ने नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार को ही डॉक्टर महेश शर्मा के विरोध में अपना सांसद प्रतिनिधि तक खड़ा करने की बात कर दी क्योंकि उनके हिसाब से डॉक्टर महेश शर्मा ना तो फ्लैट रजिस्ट्री के लिए कुछ कर रहे थे और ना ही मेट्रो के लिए कुछ काम कर रहे थे बल्कि मेट्रो को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपने अस्पताल के आगे से ले जाने की बात कर रहे थे इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्लैट रजिस्ट्री को लेकर नेफोवा के सदस्यों के सहयोग से अमिताभ कांत की बनी रिपोर्ट को लागू कर दिया और अभिषेक कुमार के चुनाव लड़ने की मांग और बड़ी हो गई।
किंतु अब कहानी में ट्विस्ट यह है कि फ्लैट रजिस्ट्री में क्रेडिट ना मिलता देख डॉ महेश शर्मा ने आनंद फानन में मेट्रो को लेकर उन्हीं लोगों को हरदीप पुरी से मिलवाने का इंतजाम किया जो कल तक मेट्रो के रूट बदले जाने को लेकर प्रदर्शन करने में आगे थे ।
बृहस्पतिवार को डॉक्टर महेश शर्मा प्रदर्शन करने में आगे रहे संगठन नेफोवा के प्रबल विरोधी नेफोमा अध्यक्ष अनु खान और कभी नेफोमा से अलग हुई गौतम बुद्ध नगर समिति की अध्यक्ष रश्मि पांडे को अपने खेमे में लाकर हरदीप पुरी से मिलने पहुंच गए ।इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रश्न करने शुरू कर दिए कि यह लोग कल तक धीरेंद्र सिंह के साथ दिखाई दे रहे थे चुनावी गणित में डॉक्टर महेश शर्मा के पास पहुंच गए वहीं डॉक्टर साहब पर भी यह आरोप लगे कि अपने फायदे के लिए वह अब मेट्रो के रूट को बदलवाने के मुद्दे को घुमाते हुए सिर्फ मेट्रो को जल्दी पहुंचने की मांग करवाने के लिए बायर्स एसोसिएशन और समाजसेवियों को अपने पक्ष में करने में सफल तो रहे हैं किंतु लोगों का विश्वास खो रहे हैं।
डा महेश शर्मा की हड़बड़ी से शहर समाजसेवी अन्नू खान और रश्मि पांडे के खिलाफ भी बना माहोल
वहीं जहां डॉक्टर महेश शर्मा को हड़बड़ी में उठे इस कदम से नुकसान होता दिख रहा है ।वही उनके कहने पर उनके साथ हरदीप पुरी से मिलने गए अनु खान और रश्मि पांडे पर भी लोगों ने तमाम आलोचना की है लोगों का कहना है कि यह नेता किसी एक के साथ नहीं रहते हैं अपने मतलब के लिए समय-समय पर अलग-अलग नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते हुए दिखाई देते हैं जबकि भाजपा में इतनी बड़ी गुटबाजी है कल तक रश्मि पांडे धीरेंद्र सिंह के गुट में दिखाई दे रही थी मौका मिलते ही वह डॉक्टर महेश शर्मा के साथ हरदीप पुरी से मिलने चली गई है ।
अनु खान ने इस प्रकरण पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि हमने सभी नेताओं को मेट्रो से संबंधित मांग के लिए पत्र भेजे थे । यद्यपि नेताओं के कहने का शहर की जनता पर कोई खास फर्क नहीं है सबको यही लग रहा है कि मेट्रो को डॉक्टर महेश शर्मा के अस्पताल के आगे से ले जाने का विरोध का फायदा इन नेताओं द्वारा लिया जा रहा था और उसी को उन्होंने उनके साथ जाकर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है ।
बरहाल अब नेताओं और जनता के बीच रस्साकसी ऐसे ही चलती रहेगी या फिर शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी मेट्रो के पुराने रूट को ही लागू करने में कामयाब रहेंगे या फिर टैक्स पेयर के पैसे से एनएमआरसी नए रूट का डीपीआर बनाकर इस रूट को ढाई किलोमीटर लंबा और दो स्टेशनों का खर्च बढ़ा देगी यह देखने वाली बात रहेगी ।