आशु भटनागर। 2024 के लोकसभा चुनाव में अब मुश्किल महीने भर से भी कम समय रह गया है। माना जा रहा है कि फरवरी मध्य या अंत तक आचार संहिता लग चुकी होगी ऐसे में भाजपा से लगातार ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वह सबसे पहले, प्रथम चरण में होने वाले चुनाव क्षेत्रों और कमजोर मानी जाने वाली 168 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है । 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के समय से ही भाजपा की रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। 2023 में भी भाजपा ने राज्यों में चुनाव की घोषणा से पूर्व भी अपने आधे प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद यह माना जा रहा है कि कल मकर संक्रांति के बाद से अब लगातार प्रत्याशियों की घोषणा होनी शुरू हो जाएगी।
टिकट करेगा या सीट बदलेगी के बीच फंसे डा महेश शर्मा
पहले फेस के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही दिल्ली एनसीआर की गाजियाबाद गौतम बुद्ध नगर, मेरठ जैसी बड़ी सीटों पर प्रत्याशियों की दिल की धड़कन बढ़ गई है । मेरठ में प्रत्याशी का बदलना तय है और यहां पर वैश्य समुदाय से भी किसी नए प्रत्याशी को मौका दिया जा सकता है। कैप्टन विकास गुप्ता, समेत क्षेत्र के कई वैश्य नेता यहाँ से अपना दावा कर रहे हैं ।जबकि गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट काटना भी तय हो चुका है उनकी जगह सुनील शर्मा, कुमार विश्वास, अरुण सिंह जैसे कई चेहरों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं ।
इसके साथ ही गौतम बुद्ध नगर सीट पर 12 वर्षों से मौजूद भाजपा का चेहरा रहे डॉक्टर महेश शर्मा के लिए भी द्वंद्व की स्थिति बन गई है जानकारों की माने तो डॉक्टर महेश शर्मा का गौतम बुद्ध नगर से टिकट कटना लगभग तय हो चुका है आप सिर्फ उनके पास दो विकल्प हैं या तो वह अपनी सीट के बदले कहीं और सीट ले लें या फिर संगठन में जिम्मेदारी लेकर 2024 लोकसभा चुनावो में अपनी भूमिका को मजबूत करें । जानकार मानते हैं कि किसी भी तरीके की जिद या राजनीति करने की कोशिश डॉक्टर महेश शर्मा के लिए उनकी राजनीति में बड़ी हानिकारक हो सकती है। जिले मे भाजपा से बढ़ते प्रभावशाली दावेदारों ने डा शर्मा की पहचान को भी नुकसान पहुंचाया है तो उनकी जातीय राजनीति के दुष्परिणाम भी उनको देखने पढ़ रहे है I
ब्राह्मण नेता की जगह गुर्जर नेता हो प्रत्याशी के लिए 5 विधायक 1 सांसद हुए एक जुट
पहली बार डॉक्टर महेश शर्मा की टिकट काटने की 100% सूचना के बाद जिले में एक बार फिर से गुर्जर राजनीति चरम पर पहुंच गई है डॉ महेश शर्मा का टिकट कटने के बाद किसी भी स्थिति में गुर्जर समुदाय से ही कोई व्यक्ति लोकसभा का टिकट पाए इसकी तैयारी लगातार चल रही हैं । अब तक शांत बैठे गुर्जर समुदाय के बड़े प्रभावशाली नेता और वर्तमान में भाजपा से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। वह भी अब टिकट की रेस में आगे दिखने लगे हैं वहीं अब तक डॉक्टर महेश शर्मा के कैंप में माने जाते रहे पूर्व और वर्तमान पांच गुर्जर विधायक जिनमे वर्तमान दादरी विधायक तेजपाल नागर, पूर्व विधायक नवाब सिंह नगर, वर्तमान एमएलसी नरेंद्र भाटी, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सतवीर गुर्जर इस बात के लिए एक दिखाई देने लगे हैं कि चाहे किसी भी गुर्जर नेता का भी टिकट हो किंतु सब एक साथ मिलकर एक गुर्जर नाम के लिए एक साथ खड़े हैं । सबसे ज्यादा आश्चर्य दादरी विधायक तेजपाल नागर की दावेदारी को लेकर हो रहा है अब तक यह माना जाता रहा है कि तेजपाल नागर को दादरी विधान सभा से दोनों बार टिकट डॉक्टर महेश शर्मा की संतुति पर ही मिला था ऐसे में अचानक से उनका लोकसभा टिकट के लिए सपना देखना डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थको को हजम नहीं हो रहा है।
ठाकुर चेहरे के लिए बीएन सिंह सबसे आगे, पंकज सिंह पर भी सस्पेंस
डॉ महेश शर्मा के समर्थकों को सबसे ज्यादा डर अगर किसी नाम से लग रहा है तो वह पूर्व जिलाधिकारी और वर्तमान में सूचना सचिव बी एन सिंह से है जानकारों की माने तो बी एन सिंह का लगातार जनता में गहन संपर्क इस बात की पुष्टि करता रहा है कि उनके पीछे भाजपा में टिकट की दावेदारी को लेकर कोई मजबूत हाथ है कुछ लोगों ने इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हाथ बताया तो वहीं कुछ लोगों का दावा है कि अब गृहमंत्री अमित शाह भी कहीं ना कहीं उनको लेकर सकारात्मक हो रहे हैं ऐसे में डॉक्टर महेश शर्मा की जगह बी एन सिंह को लेकर जहां एक और भाजपा में बहुत चर्चा है वहीं जनता के बीच लगातार उनके लिए सकारात्मक चर्चाएं हो रहे हैं । कई बी एन सिंह समर्थकों ने दावा किया की भाजपा के सर्वे में सबसे पहला नाम बी एन सिंह का है ।
यद्धपि यह कौन से सर्वे हैं उनकी जानकारी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कोई नहीं बता पा रहा है फिर भी बी एन सिंह के नाम को लेकर क्षेत्र और भाजपा में लगातार सकारात्मक माहोल है । ऐसा लगता है जैसे डॉक्टर महेश शर्मा के रिप्लेसमेंट के नाम पर लोगों ने बी एन सिंह को स्वीकार कर लिया हैं। किंतु राजनाथ सिंह के हस्तक्षेप से नोएडा विधायक पंकज सिंह का आखिरी क्षणों में सामने निकालकर आना भी लोगों की चर्चाओं का एक हिस्सा हमेशा बना रहता है लोगों का कहना है कि पंकज सिंह ने ऐसा कोई संकेत तो नहीं दिया है किंतु वह युवराज है और कभी भी इस तरीके के दावे को करके क्षेत्र में पूरी बाजी को पलट सकते हैं।
महिला चेहरा भी हो सकता है गौतम बुध नगर में नया सांसद
वहीं नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला आरक्षण बिल नारी शक्ति वंदन अधिनियम को इन्हीं चुनावो में भाजपा में लागू किए जाने की संभावनाओं की चर्चाएं भी बहुत तेज हैं ऐसे में किसी बड़े महिला चेहरा के सामने आने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं I गौतम बुद्ध नगर सुरक्षित सीट है इसको लेकर यहां किसी भी तरीके का प्रयोग बहुत आसान है I महिला दावेदारों में अभी तक डॉक्टर अंतुल तेवतिया और विमला सोलंकी का नाम लगातार चर्चाओं में आ रहा है किंतु माना यह जा रहा है कि उनकी जगह किसी बड़े महिला चेहरे को जगह दी जा सकती है। ये चेहरे लगातार टीवी और सोशल मीडिया पर काफी चर्चित है। ओर प्रधानमंत्री मोदी के काफी करीब हैं I
गोपाल कृष्ण अग्रवाल हुए रेस से बाहर!
इसी सीट पर लगातार अपनी पीआर टीम के जरिए दावा ठोक रहे भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल अब रेस से बाहर माने जा रहे हैं । भाजपा के कई लोगों ने बताया कि गोपाल कृष्ण अग्रवाल सज्जन व्यक्ति हैं किंतु राजनीति के लिए उपयुक्त नहीं हैI उनको उनकी क्षमता के अनुरूप पार्टी में पर्याप्त सम्मान दिया जा चुका हैI
यद्यपि वह अपनी पीआर टीम के जरिए इन दिनों शहर में पोस्टर और वॉल पेंटिंग के जरिए अपने दावे को मजबूत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं किंतु भाजपा में उनको लेकर कहीं भी कोई सकारात्मक चर्चा नहीं है। राष्ट्रीय राजनीति को देखने वाले जिले के कई वरिष्ठ पत्रकारों ने इस बात का दावा किया की गोपाल कृष्ण अग्रवाल के साथ तीसरी बार वही हो सकता है जो अब तक होता रहा है । वही गोपाल कृष्ण अग्रवाल के एक समर्थक ने बताया कि 28 जनवरी को गोपाल कृष्ण अग्रवाल का नाम इस सीट से घोषित कर दिया जाएगा अब उनके दावे में कितना दम है यह 28 जनवरी को पता चल जाएगा।