राजेश बैरागी । रखरखाव के अभाव में संसाधनों का क्या हाल होता है? खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों के लिए सेक्टर 15 ए से अमिताभ पार्क के लिए और सेक्टर 14-15 के बीच करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए फुट ओवर ब्रिज की लिफ्ट पिछले कई महीनों से एक खुले डिब्बे जैसी बनकर रह गई हैं। प्राधिकरण के आला अधिकारियों से लेकर संबंधित वर्क सर्किलों के अधिकारी दिनभर इन फुट ओवर ब्रिज के नीचे से निकलते हैं और कोई सुधार नहीं होता।
एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हरीश कुमार ने पत्र लिखकर और फोटो भेजकर दोनों एफ ओ बी की वर्तमान स्थिति का बयान किया है।पॉश सेक्टर 15 ए से अमिताभ पार्क आने जाने के लिए बनाए गए फुट ओवर ब्रिज की लिफ्ट पिछले कई महीनों से बंद चल रही बताई गई है। हालांकि यह लिफ्ट खुली रहती है और एक गार्ड भी वहां तैनात रहता है परंतु लिफ्ट की सेवा बंद है।

इसी प्रकार सेक्टर 14-15 के बीच लोगों को आवागमन के लिए बने एफ ओ बी की लिफ्ट भी चालू नहीं है।इन दोनों सेक्टरों के बीच सैकड़ों स्कूली बच्चों का रोजाना आना-जाना होता है। बच्चे बुजुर्ग और अन्य लोगों को सीढियां चढ़कर ही एफ ओ बी से आवागमन करना पड़ता है।
हरीश कुमार बताते हैं कि उन्होंने अनेक बार प्राधिकरण का ध्यान इस ओर दिलाया है परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि शहर में बने एफ ओ बी की लिफ्ट के रखरखाव के लिए बाकायदा सालाना अनुबंध पर एजेंसी की सेवाएं ली जाती हैं और एक बड़ी धनराशि इसके लिए खर्च होती है। करोड़ों रुपए के एफ ओ बी और लिफ्ट के रखरखाव पर लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद नागरिकों को इस सुविधा का आधा-अधूरा लाभ ही मिल पाता है।