जी हां मंगलवार सुबह जब ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 1 निवासियों ने बहुप्रतीक्षित फुट ओवर ब्रिज के निर्माण की तैयारी देखी तो उनके मुंह से यही निकला लोगों ने कहा कि प्राधिकरण से जहां फोटो पर ब्रिज मांगे गए थे उसकी जगह प्राधिकरण अर्थ सेज/ गोल्डन आई माल और यथार्थ अस्पताल के सामने फुट ओवर ब्रिज बन रहा है।

लोगो ने आरोप लगाए की प्राधिकरण के ठेकेदार ने प्रस्तावित जगह के स्थान पर अपनी पसंद या फिर कमर्शियल माल और अस्पताल के सामने निर्माण आरंभ कर दिया है । जबकि इन दोनो ही स्थानों पर इसकी कोई आवश्यकता नहीं है ।

स्थानीय लोगो के आरोप हैं कि यथार्थ अस्पताल के सामने पतवारी गांव का मार्केट है और इसके दोनो ही और 200 मीटर तक कोई सोसाइटी नही है । ऐसे में क्या सोच कर इसको यहां बनाया जा रहा है । निजी संस्थानों का हित लोगो की आवश्यकताओं पर भारी पड़ रहा है ।
इससे पहले भी पंचमुखी हनुमान मंदिर गोल चक्कर पर कोविड़ काल में लगाए दो मूर्तियों पर यथार्थ अस्पताल के ही नाम को लेकर निवासियों ने आपत्ति जताई थी तब भारी विरोध के बाद वहां से नाम हटाया गया था । इसी तरह गोल्डन आई मॉल के पास ही ग्रीन बेल्ट और सर्विस रोड को लेकर तमाम प्रश्न उठाते रहे हैं उसे पर भी प्राधिकरण के अधिकारियों ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है ।


एनसीआर खबर में इस प्रकरण को लेकर ग्रेनो प्राधिकरण ऐसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग से प्रश्न किया तो उन्होंने प्रस्तावित ब्रिज के कोऑर्डिनेट्स चेक करने की बात कही। किंतु समाचार लिखे जाने तक प्राधिकरण की ओर से इस जानकारी को स्पष्ट नहीं किया गया। ऐसे में बड़ा प्रश्न यही है कि क्या लोगों की आवश्यकताओं पर व्यावसायिक माल और अस्पतालों के हित भारी पड़ गए हैं । क्या प्राधिकरण के कर्मचारी लोगों की जरूरत को वायवसायिक हित के तराजू पर हमेशा की तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा देंगे