राजेश बैरागी I आज लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो गया। दरअसल जिस दिन सत्तारूढ़ पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करती है, चुनाव उसी दिन से शुरू होता है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को अपनी पार्टी के लगभग एक तिहाई उम्मीदवारों की सूची पढ़ने में चालीस मिनट लगे। यह समय घटाया जा सकता था । उन्हें केवल उन सीटों के प्रत्याशियों की सूची पढ़नी चाहिए थी जिन्हें किसी का टिकट काट कर टिकट दिया गया है। ऐसे लोगों की संख्या गिनती में है, शेष तो दोहराए या तिहराए गए हैं। यह भाजपा को अपनी सरकार की वापसी के उच्च भरोसे का प्रतीक है।
मैं सीधे अपने लोकसभा क्षेत्र गौतमबुद्धनगर पर आता हूं। तमाम आशंकाओं, संभावनाओं और कयासों को निरर्थक साबित करते हुए भाजपा ने यहां से अपने दो बार के सांसद डॉ महेश शर्मा को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित किया है। पिछले दो चुनावों में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करते रहे डॉ महेश शर्मा के यहां गृहमंत्री और पार्टी के टिकट तय करने वाले शीर्ष नेता अमित शाह ने कुछ महीने पहले दोपहर का भोजन किया था। तभी से राजनीतिक पंडित उनके टिकट को पक्का मानकर चल रहे थे।
परंतु हमेशा की भांति कुछ और टिकटार्थी भी अपनी प्रत्याशा लेकर जोर आजमाइश कर रहे थे। हालांकि जोर आजमाइश करने वाले (अब यहां उनका नाम लेने का कोई मतलब नहीं है) टिकटार्थियों के प्रयास बिल्ली के भाग्य से छीका टूटने या बुढ़िया मरे तो खटिया मिले से अधिक नहीं थे। डॉ महेश शर्मा के समर्थकों में टिकट की घोषणा होते ही उत्साह की लहर दौड़ गई है।