मेडिकल स्टोर मालिक पिटाई प्रकरण : दबंगों का समझौते पर जोर, न्याय से पहले पीड़ित मेडिकल के लिए भटक रहा अस्पताल अस्पताल

Community Reporter
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर सिटी 2 के एक मेडिकल स्टोर में घुसकर दबंगों द्वारा मारपीट के वीडियो के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है I रात में सीसी टीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को थाने में बंद तो कर दिया किंतु अभी तक ठोस कार्यवाही नहीं की है । वहीं पीड़ित अभी अपने मेडिकल के लिए अस्पताल अस्पताल भटक रहा है जानकारी के अनुसार पीड़ित पहले बिसरख अस्पताल में मेडिकल के लिए पहुंचा जहां उसको एक्स-रे करवाने के लिए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया ।कहा जा है कि आरोपी पक्ष के साथ प्रभावशाली लोगों का वरदहस्त है और संभव है इसी कारण पुलिस सीधा-सीधा कुछ कहने से बचती दिखाई दी । फिलहाल पुलिस के अनुसार मीडिया को अधिकृत जानकारी पुलिस मीडिया सेल के द्वारा दी जाएगी

आरोपी 2 साल पहले भी मेडिकल स्टोर बंद कराने की दे चुके थे धमकी

जिला अस्पताल में मेडिकल के बाद अपनी गाड़ी में बैठे पीड़ित सत्यप्रकाश ने एनसीआर खबर को बताया कि मुख्य आरोपी केपी सिंह चौहान की माँ अपनी दवाई के लिए मेडिकल स्टोर पर दवाई का पत्ता लेकर आई थी, जिसके आधार पर उनके स्टाफ ने दवाई दे दी । उसके आधे घंटे बाद मुख्य आरोपीअपनी मां और पत्नी के साथ वहां पहुंचे और उनसे दवाई देने को लेकर बातें करने लगे और धमकी और अभद्र भाषा में बात करने लगे । पीड़ित ने के अनुसार उन्होंने उनको सही दवाइयां दी और यथासंभव डिस्काउंट भी दिया था, उसके बावजूद इन्होंने उसे बाहर आने को कहा उनकी दबंगई के कारण वह अपने मेडिकल स्टोर से बाहर नहीं निकला तो उन्होंने बाहर से लोगों को बुलाकर उसके और उसकी पत्नी के साथ मारपीट की जो सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई हैI पीड़ित ने दावा किया कि उसने पूरी सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दे दी है और उसके सीसीटीवी में ऑडियो भी स्पष्ट सुनाई देता है ऐसे में अगर उसकी तरफ से कोई बदतमीजी की गई है तो वह भी उसमें स्पष्ट दिखाई देनी चाहिए। बताया जा रहा है कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ही आरोपियों को बंद किया

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मीडिया दिखा रही एक पक्ष : आरोपी पक्ष

वहीं इस प्रकरण पर आरोपी पक्ष ने मीडिया पर एक पक्ष ही दिखाने के आरोप भी लगाए। थाने में मौजूद आरोपी की पत्नी की तरफ से भी एक क्रॉस एफआईआर देने की बात की जा रही है जिसमें गलत दवाई देने और मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा धमकी अभद्र भाषा का प्रयोग करने के दावे किए जा रहे हैं । आरोपियों के समर्थन में आए लोगों का सारा फोकस मेडिकल संचालक पर उकसावे की कार्यवाही दिखाने पर है यद्यपि वह किसी भी दशा में भीड़ बनकर मारपीट को जस्टिफाई नहीं कर पाए ।

सोसाइटी में नेताओ से संपर्क और उनकी हनक से रोजाना होते है ऐसे झगड़े

ग्रेटर नोएडा वेस्ट और नोएडा जैसे बड़े शहरों में बनी इन हाई राइज सोसाइटियों में इन दोनों नेताओं के साथ अपने संबंधों को दिखाकर हनक बनाने से लेकर दबंगई दिखाने तक की राजनीति इन दोनों जोरों पर है। अक्सर छोटी-छोटी बातों पर इन सोसाइटियों में झगडे हो जाते हैं और बाद में मामला पुलिस तक पहुंच जाता है। कई बार दबाव के चलते पुलिस मामले में समझौता करवा देती है तो कई बार दोनो ही पक्षों को 107/16 में नामजद कर देती है । इस पूरे प्रकरण का दुखद पक्ष ये भी है कि आरोपी पक्ष के लोगों की पूरी कोशिश मामले को समझौते पर लाकर समाप्त कर देने की हैI बताया जा रहा है कि इसके लिए पुलिस पर तमाम तरीके से दबाव बनाया जा रहा है। कुछ तथाकथित नेता भी पुलिस थाने में सिफारिश करने के लिए दिखाई दिए । ऐसे में क्या पीड़ित इस दबंगई के आगे मजबूर होकर समझौते को हां कर देगा या फिर वह न्याय की लड़ाई के लिए भटक रहे एक आम आदमी को न्याय मिल पायेगा, यह देखना बाकी रहेगा ।

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