बरसों से चार मूर्ति चौक पर प्रतिदिन जाम झेल रहे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए शुभ समाचार यह है कि काफी मशक्कत के बाद प्राधिकरण ने आखिरकार 60 मी रोड पर बनने वाले अंडरपास के लिए वेंडर का चयन कर लिया है। जानकारी के अनुसार मेसर्स जेएसपी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को चयनित किया गया है। चयनित वेंडर को 18 महीने में अंडरपास बना कर चालू करना होगा। इसके साथ साथ अंडरपास तैयार होने के बाद 5 साल तक किसी भी प्रकार के डिफेक्ट के लिए कंपनी जिम्मेदार रहेगी ।
प्राधिकरण के सूत्रों की माने तो वर्तमान सीईओ रवि एन जी ग्रेटर नोएडा में अंडरपास, फुट ओवर ब्रिज स्थापित कर विकास के नए कीर्तिमान रचने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं इसी क्रम में शहर में 8 फुट ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ है जिसमें एक मूर्ति चौक पर बन चुका है जबकि जगत फार्म वाले ब्रिज के लिए आईआईटी से डिजाइन पास कराया जा रहा है और जल्द ही उस पर निर्माण शुरू होगा । एनसीआर खबर से विशेष बातचीत में रवि एन जी ने बताया कि जल्द ही 15 नए ब्रिज के लिए स्थान ढूंढ कर उनकी भी निविदा निकाली जाएंगी ।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चारमूर्ति गौर चौक पर अंडरपास बनाने पर प्राधिकरण का 82.48 करोड़ रूपये खर्च होगा। निविदा प्रकाशन के समय ग्रेनो प्राधिकरण ने अंडरपास बनाने के काम के लिए 78.15 करोड़ रूपये तय किये थे। निविदा के माध्यम से मेसर्स जेएसपी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने सबसे कम 82.48 करोड़ रूपये की बोली लगाई।
अंडर पास के साथ साथ स्काई वॉक का निर्माण क्यों नही
वही अंडरपास के निर्माण शुरू होने के साथ ही निवासियों ने एक बार फिर से प्राधिकरण की सड़क बनाने के बाद सीवर की लाइन डालने वाली नीतियों की आलोचना की है । लोगों ने कहा है कि इस चौराहे पर निवासी अंडरपास के साथ-साथ वर्षों से स्काईवॉक की मांग भी करते रहे हैं । ताकि चौराहे पर पैदल चलने वालों के लिए भी परेशानी ना हो ।
बायर्स संस्था नेफोवा के सदस्यों ने एनसीआर खबर को बताया कि प्राधिकरण जब अंडर पास का निर्माण शुरू कर रहा है तो उससे पहले गौर सिटी मॉल से लेकर पीकेएस मॉल तक बनी सर्विस रोड को बिल्डरों के शिकंजे से खाली भी कराए, ताकि निर्माण के दौरान चौराहे पर अनावश्यक जाम से बचने के उपाय किए जा सके ।आपको बता दें कि पीकेएस मॉल के ऊपर पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि उसने प्राधिकरण के अधिकरियो की मिलीभगत से सर्विस रोड को अपने मॉल के साथ एक फीट ऊपर उठकर कब्जा कर लिया है । जबकि गौर सिटी सेंटर के पीछे पार्किंग के नाम पर सड़क पर कब्जा कर लिया गया है ।
किंतु ऐसा लगता है कि पहले प्राधिकरण 18 महीने अंडर पास बनाने के नाम पर सड़कों को ब्लॉक रखेगा उसके बाद स्काईवॉक बनाने के नाम पर फिर से लोगों को परेशान करेगा जबकि प्राधिकरण की नीति में सभी काम समानांतर चलने चाहिए । ताकि लोगो को बार बार परेशानी से बचाया जा सके ।