अपनी मां मेनका गांधी के चुनाव प्रचार में पहली बार वरुण गांधी पहुंचे । बीजेपी का नाम लिए बिना वरुण गांधी बोले कि मैं सिर्फ अपनी मां के लिए आया हूं सुल्तानपुर चुनाव प्रचार करने। पिता संजय गांधी के नाते अब तक इसे मानता रहा अपनी पितृ भूमि लेकिन मां के नाते आज से सुल्तानपुर मेरी भी मातृभूमि,गठबंधन प्रत्याशी समेत अन्य दल के दावेदारों से बताया कोई शत्रुता नहीं,मुसीबत के समय वरुण गांधी सबके लिए समान रूप से रहेगा मौजूद। Eo aage बोले सुल्तानपुर में आती है मेरे पिता की खुशबू। संबोधन के दौरान वरुण गांधी ने भारतीय जनता पार्टी या केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं का नाम नहीं लिया ।
वही इसको लेकर विपक्ष ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी । ए के स्टेलिन ने एक्स पर जो लिखा उसे हम यहां प्रकाशित कर रहे है
प्रिय वरुण गाँधी जी/सुल्तानपुर वासी
वरुण गांधी जी आपकी माताजी जब भी क्षेत्र में आई पशु पक्षी प्रेमी के नाम पर किसी न किसी का कारोबार चौपट करके चली गई। पशुओं से इतना प्रेम कि पिंजरे में बंद तोते को छुड़ा गई लेकिन नौकरी के खोज में एक कमरे में बंद युवा बेरोजगारों के लिये एक शब्द ना बोल पाई।
वरुण गांधी जी आप सुल्तानपुर के सांसद के रूप में 2014-2019 रहे लेकिन आप अपना कोई कार्य बताइये जो आपने खुद किया हो। उसके बाद आपकी माता मेनका गाँधी जी 2019-2024 तक है उनका भी कोई काम मुझे नजर नहीं आता। आप अपनी माँ को जनता की माँ मत बताओ आपकी माँ ने 5 साल जनता का हाल पूछने नहीं ये कैसी माँ है?
संसद की चर्चा में एक भी बार सुल्तानपुर की आवाज नहीं उठाई, ये कैसी माँ है?जो कोरोना काल में अपने बेटे को मरने के लिए छोड़ दिया, ये कैसी माँ है? जो बेटे बेटियों को भूखे पेट सोने दिया, ये कैसी माँ है? बेटियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नहीं बोल पाई, ये कैसी माँ है? जो अपनी संतान के लिए टूटे सडको को छोड़ खुद आसमान में हवाई जहाज से उड़ गई। क्या सुल्तानपुर के बच्चे बच्चियां रोजगार के लिए नहीं तरस रहे है? आपने कई बार युवाओं के मुद्दे, बेरोजगारी महंगाई के मुद्दों पर मुखर होकर बोले इसलिए आपका सम्मान करता हूं लेकिन आज आपसे माफी मांगता हु आपकी माँ को हराने का प्रयास करूँगा।