राजेश बैरागी ।ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यूपीसीडा के मिले जुले अधिसूचित क्षेत्र में नो मेन्स लैंड या टापू की तर्ज पर विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों का भविष्य क्या होगा? बिना मानचित्र और स्ट्रक्चरल निगरानी के बिना विकसित होने वाली इन कॉलोनियों में खरीद फरोख्त जोरों पर है परंतु इनकी कोई वैधानिकता नहीं है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में विभिन्न क्लस्टर्स में औद्योगिक और आवासीय परियोजनाओं के साथ यूपीसीडा की उपस्थिति भी है। इन दोनों प्राधिकरणों के मिले जुले क्षेत्र में कानून की ओट में अवैध रूप से आवासीय कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं।
ऐसी ही एक कॉलोनी गांव गुलिस्तान पुर की लगभग सौ बीघा भूमि पर विकसित की जा रही है। इस भूमि का अधिग्रहण न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया परंतु यूपीसीडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचना बरकरार है। इसके बावजूद दोनों प्राधिकरणों की स्वीकृति के बगैर बिना मानचित्र और बिना किसी सरकारी एजेंसी की निगरानी के एक विशाल कॉलोनी बसाई जा रही है। यहां आवासीय और व्यवसायिक भूखंडों के साथ डूप्लेक्स भवन भी बनाए जा रहे हैं। इस कॉलोनी को यूपीसीडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य मार्गों से जोड़ा गया है। कॉलोनी को वैधानिक स्वरूप देने के लिए जिला पंचायत कार्यालय से नक्शा पास कराने के लिए एक पत्रावली भी चल रही है।
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ए के सिंह ने बीते शुक्रवार को एक मुलाकात के दौरान इस प्रकार की पत्रावली चलने की बात तो स्वीकार की परंतु जिला पंचायत को इस प्रकार की कॉलोनी का मानचित्र पास करने का अधिकार होने से इंकार किया। उन्होंने इस पर विधिक राय लेने की बात कही है।