राजेश बैरागी । ग्रेटर नोएडा और यूपीसीडा के संयुक्त अधिसूचित गांव गुलिस्तान पुर की लगभग सौ बीघा भूमि पर अवैध रूप से विकसित हो रही कॉलोनी त्रिलोकपुरम में डूप्लेक्स भवन बनाने वाले बिल्डर एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स द्वारा बिरौंडी गांव की अधिसूचित भूमि पर अदालत के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बावजूद धड़ल्ले से बहुमंजिला फ्लैट बनाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस मामले में अदालत की अवमानना का मामला दायर करने की तैयारी कर रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनी बनाने का धंधा जोरों पर है।हाल ही में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यूपीसीडा के संयुक्त रूप से अधिसूचित गांव गुलिस्तान पुर की खसरा संख्या 44,45,46,47,51 और 52 की लगभग सौ बीघा भूमि पर त्रिलोकपुरम नाम से अवैध कॉलोनी बनाने का मामला एन सीआर’खबर ओर नेक दृष्टि’ साप्ताहिक द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। यह भूमि यूपीसीडा द्वारा अधिग्रहित की गई थी। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा यह भूमि अधिग्रहण मुक्त कर दी गई। परंतु यूपीसीडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा यह गांव और इसकी भूमि आज भी अधिसूचना से बाहर नहीं है। लिहाजा इस भूमि पर किसी भी प्रकार की कॉलोनी आदि बनाने से पूर्व दोनों प्राधिकरणों से अनापत्ति व नक्शा स्वीकृति आवश्यक है। परंतु बिल्डर द्वारा ऐसी किसी प्रक्रिया का पालन किए बगैर एक विशाल कॉलोनी बसाई जा रही है। इसी कॉलोनी में इस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स द्वारा डूप्लेक्स भवन बनाए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इस बिल्डर द्वारा इसी प्रकार की भूमि पर अपने प्रोजेक्ट बनाए जाते हैं। ताज़ा मामला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिग्रहित और अधिसूचित गांव बिरौंडी के खसरा संख्या 167क व 168 की 6237.54 वर्गमीटर भूमि पर बहुमंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
बिल्डर ने प्राधिकरण द्वारा निर्माण कार्य रोकने अथवा गिराने से बचने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक वाद दायर कर स्थगनादेश हासिल किया हुआ है। यह निषेधाज्ञा बिल्डर और प्राधिकरण पर समान रूप से लागू है परंतु बिल्डर द्वारा अदालत के आदेश को धता बताते हुए धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिल्डर के विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा दायर करने की तैयारी की जा रही है। उधर इसी बिल्डर द्वारा त्रिलोकपुरम में पनाशे नाम से बनाए जा रहे डूप्लेक्स भवनों के ब्रोशर में अवैध रूप से यूपीसीडा का नाम लिखने पर यूपीसीडा ने नोटिस जारी किया है।