आशु भटनागर। दादरी विधान सभा में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा भले ही अपनी आंतरिक गुटबाजी के कारण मौन दिखाई दे रही है किन्तु विपक्ष इस बार अभी से तैयारी में लग गया है । 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को मिली बढ़त ने यहां पर स्थानीय नेताओं की अपेक्षाएं बढ़ा दी है । किंतु उत्तर प्रदेश में मिली बड़ी जीत के बावजूद यह भी उतना ही कटु सत्य है कि गौतम बुध नगर में इंडिया ब्लॉक से गठबंधन में समाजवादी पार्टी के आयतित प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नागर पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटो से हारे है । उनके हारने में स्थानीय संगठन की नाकामी के साथ-साथ उनका गाजियाबाद से गौतम बुध नगर में आकर चुनाव लड़ना भी महत्वपूर्ण कारक रहा है । समाजवादी पार्टी नेताओ के स्थानीय होने के तमाम दावो के बावजूद वह स्थानीय लोगों से कनेक्ट नहीं हो सके और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटो से हारने का रिकॉर्ड बना गए ।
चर्चाओं के अनुसार अब चुनाव के फौरन बाद जहां समाजवादी पार्टी अभी अपने समीक्षा बैठक के बाद जिला और नोएडा महानगर अध्यक्ष को रखने या बदलने को लेकर असमंजस के संकेत दे रही है, वहीं कांग्रेस द्वारा चुनाव के समय बदले अपने जिला अध्यक्ष दीपक भाटी चोटी वाला को विधानसभा क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के लिए फ्री हैंड दे दिया है ।
दादरी समेत पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने संगठन को रिवाइव करने के लिए कितनी बेचैन है इसकी बानगी आप इस बात से देख सकते हैं कि लगातार कांग्रेस के कार्यक्रम पूरे उत्तर प्रदेश में चल रहे हैं । लोकसभा चुनाव में 6 सीटे जीतने के बाद प्रदेश भर में धन्यवाद यात्रा का कार्यक्रम भले ही समाजवादी पार्टी के दबाव में रोका गया किंतु उसके बावजूद उत्तर प्रदेश में स्थानीय लेवल पर संगठन को एक्टिव किया जा रहा है ।
इसी क्रम में बीते दिनों दीपक चोटीवाला ने अपने प्रदेश उपाध्यक्ष विदित चौधरी के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो दावे किए उसकी माने तो कांग्रेस आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव और उससे पहले पंचायत चुनाव के लिए अपनी कमर कर चुकी है ।
प्रेस कांफ्रेंस के बाद एक विशेष बातचीत में कांग्रेस जिला अध्यक्ष दीपक भाटी चोटीवाला ने एनसीआर खबर को बताया कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के साथ-साथ संगठन को की मजबूती पर बेहद ध्यान दे रही है और लगातार उसके लिए विशेष योजना बना रही है इसी क्रम में अगले दो माह के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट दादरी विधानसभा में शुरू किया जा रहा है जिसमें जगह-जगह सदस्यता अभियान को गति देने के लिए कार्यक्रम किए जाएंगे इसके साथ ही लगातार कांग्रेस से दूर हुए लोगों को वापस लाने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा ।
विधानसभा चुनाव से लगभग 3 साल पहले इतनी गंभीर तैयारी को देखते हुए ऐसा लगता है कि दीपक एक बार फिर से दादरी विधानसभा में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं तो वही समाजवादी पार्टी के वर्तमान जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी भी दादरी विधानसभा से ही ताल ठोकना चाहते हैं। यद्यपि माना जाता है कि दादरी विधानसभा पर तमाम बड़े दावेदारों के बीच उनका दावा कमजोर है।
ऐसे में गठबंधन के तौर पर यह सीट कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में किसको जाएगी और दोनों ही साथ ही दलों के इन छत्रपों में किसकी किस्मत जागेगी यह आने वाले आने वाला समय ही बताएगा। किंतु दीपक चोटी वाला की गंभीरता फिलहाल समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधीर भाटी पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है । दीपक के पक्ष में यह बात भी महत्वपूर्ण है कि वह इससे पहले 2022 के चुनाव में दादरी विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी बन चुके हैं ऐसे में कांग्रेस का भरोसा उनके ऊपर बना हुआ है । ऐसे में दीपक लगातार अपने प्रदेश नेतृत्व के साथ मिलकर कांग्रेस को दादरी के साथ-साथ पूरे जिले में नई ऊर्जा दे रहे हैं जिसका परिणाम आने वाले दिनों में दिखाई दे सकता है ।
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो कांग्रेस का उभार क्षेत्र में राजनीतिक संतुलन के लिए बेहद आवश्यक है। कदाचित काफी समय से दादरी विधानसभा में भाजपा को मिला एक तरफा समर्थन क्षेत्र वासियों के लिए अब कष्टदायक बन चुका है क्षेत्र में जहां विकास की गति अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही वहीं कांग्रेस की अनुपस्थिति में विपक्ष भी जनता के मुद्दों जनतां के साथ पर दिखाई नहीं दिया ।
समाजवादी पार्टी के नेताओं की माने तो उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी भले ही दादरी से चुनाव लड़ते रहे हो किंतु उनका प्रमुख ध्यान लोगों के मुद्दों पर सड़को पर उतरने से ज्यादा टीवी पर पर चर्चाओं में पार्टी का पक्ष रखने और अखिलेश यादव के लिए गीत लिखने पर ज्यादा रहा है । ऐसे में अगर दीपक भाटी चोटी वाला के नेतृत्व में कांग्रेस यहां मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने में सफल हो जाती है और दीपक के दावों के अनुरूप ग्रामीण और शहरी दोनों लोगों की समस्याओं पर खुलकर भाजपा के खिलाफ पनपते असंतोष को हवा दे देती है तो आने वाले समय में यहां कांग्रेस एक बड़ी ताकत के रूप में उभर सकती है और भाजपा के लिए विपक्ष बड़ी चुनौती बन सकता है।