आशु भटनागर I पाकिस्तान पर भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” की खबरों के बीच एक खबर आई कि गौतम बुध नगर के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, दादरी विधायक तेजपाल नागर के साथ कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले और उनसे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो को जल्द ही लाने की मांग की । बीते 10 वर्षों से मेट्रो का इंतजार करते-करते लोगों के बीच अब चर्चा शुरू हो गई है कि क्या बदले दौर में नोएडा को मेट्रो से जोड़ने वाली इस लाइन की अब आवश्यकता रह गई है ।
सांसद, स्थानीय विधायक द्वारा भाजपा के कुछ मंडलीय नेताओं के साथ मेट्रो की मांग मंत्री का समक्ष रखे जाने की प्रक्रिया को कई लोगों ने जनप्रतिनिधियों का राजनीतिक प्रपंच करार दिया। लोगों का कहना है कि सांसद और विधायक हर बार चुनाव से पहले इस तरीके का एक शिगुफा छोड़ देते हैं ताकि लोगों के गुस्से से बचा जा सके और वोट लिए जा सके। जनता इसे 2019, 2022, 2024 में देख चुकी है, 2024 के समय तो इसके शुरू होने तक के बयान ओर उसको लेकर लोगों की प्रतिक्रिया की चर्चाएं खूब हुई थी ।
दरअसल 15 वर्ष पूर्व ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट्स को बेचने में लगे बिल्डरों ने यहां मेट्रो के खूब सपने दिखाए और लोगों को यकीन दिलाया कि हर हाल में 2019 तक इस रूट पर मेट्रो दौड़ने लगेगी यह डेडलाइन आगे बढ़कर 2022 हो गई फिर 2024 हो गई किंतु मेट्रो नहीं आई । इसी बीच नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी दिल्ली नोएडा गाजियाबाद से करने के लिए रैपिड रेल आरटीएस को गाजियाबाद से 130 मिनट गौर सिटी होते हुए लाने की योजना का काम शुरू हो गया इसके बाद एक बार फिर से मेट्रो के एलाइनमेंट को लेकर अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने पेज फसाया एनएमआरसी ने प्रपोज को अपडेट करके सेक्टर 51 से सीधे की जगह ट्रैक को 61 से मोड़ते हुए यहां तक लाने की कोशिश की इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि इस आरटीएस की लाइन के साथ ही गौर चौक पर जोड़ दिया जाएगा। इससे एक ही लाइन पर अलग-अलग अंतराल पर मेट्रो रैपिड रेल और आरटीएस तीनों ट्रेंस चलती रहेंगे किंतु 2024 के इलेक्शन जीतने के बावजूद केंद्र सरकार ने इस लाइन को अभी तक अप्रूव नहीं किया है ।
इसी बीच नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण द्वारा नोएडा में बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सही करने के लिए 500 ई बसों को लाने की योजना भी बना ली गई । जानकारी के अनुसार जल्द ही नोएडा से लेकर यमुना तक 500 ई बसों के संचालन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी ऐसे में बड़ा प्रश्न यह हो गया है कि सेक्टर 51 से लेकर गौर सिटी तक के एक मार्ग के लिए अब मेट्रो की आवश्यकता क्यों है ?
कहीं ऐसा तो नहीं एक दशक लंबी देरी के बाद अब मेट्रो की आवश्यकता इस रूट पर समाप्त हो चुकी है । देखा जाए तो 130 मी सड़क के साथ सेक्टर 51 से लेकर गौर चौक तक अब मेट्रो बनने से कोई फायदा नहीं है । क्योंकि जब रैपिड रेल गाजियाबाद से होते हुए दिल्ली तक चली जाएगी तो लोगों को मेट्रो की आवश्यकता क्यों पड़ेगी । इसी रैपिड रेल के जरिए लोग ब्लू लाइन से सेक्टर 62 में दिल्ली मेट्रो से जोड़ भी सकेंगे तो फिर आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो इस रास्ते के 6 किलोमीटर लंबे पैच के लिए हजारों करोड रुपए और कई वर्ष का इंतजार फिर से किया जाए ।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों ने एनसीआर खबर को बताया कि दरअसल मेट्रो की आवश्यकता अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को नहीं रह गई है । I इस क्षेत्र में मेट्रो की मांग 130 मीटर के किनारे बसी सोसाइटियों के फ्लैट के दाम बढ़ाने को लेकर रियल एस्टेट से जुड़े लोगों द्वारा उठाई जाती रही है। वहीं कई लोगों को कहना है की एनएमआरसी द्वारा चलाई जा रही मेट्रो दिल्ली मेट्रो के मुकाबले सही नहीं है । यहाँ आ रही Aqwa Metro Line के लिए बने गयी NMRC के लिए आरम्भ से ही घाटे का सौदा रही है । मात्र कुछ स्टेशन बाद फिर से लोगों को ब्लू लाइन में शिफ्ट करके अलग से टिकट लेना ही पड़ेगा ऐसे में पहले आरटीएस या रैपिड रेल फिर एनएमआरसी और फिर दिल्ली मेट्रो में टिकट लेने के से अच्छा है कि इसकी जगह सेक्टर 62 में दिल्ली मेट्रो ओर रैपिड रेल की कनेक्टिविटी के बारे में सोचा जाए ।