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त्रिलोकपुरम ग्रीन्स और एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स : खिलाड़ी बढ़ते जाएंगे, खेल चलता रहेगा

राजेश बैरागी। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के डंडा फटकारने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ग्रेटर नोएडा क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा दिए गए नोटिस को त्रिलोकपुरम और पनाशे डुप्लेक्स भवनों के प्रमोटर्स ने धता बता दी है। एक सप्ताह के स्थान पर दो सप्ताह बीत चुके हैं परंतु किसी ने कोई जवाब देने की जरूरत नहीं समझी है। नोटिस में कार्रवाई की चेतावनी देने वाले यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अब रिमांइडर देने की बात कह रहे हैं।

यूपीसीडा और ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित व अधिग्रहित गांव गुलिस्तान पुर की सैकड़ों बीघा भूमि पर अवैध रूप से विकसित की जा रही विशाल आवासीय कॉलोनी त्रिलोकपुरम के प्रमोटर्स ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग से भी कोई अनुमति नहीं ली है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण एनजीटी द्वारा राजेन्द्र त्यागी बनाम भारत सरकार (मूल प्रार्थना पत्र संख्या 329/2024) मामले में तलब किए जाने पर यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा त्रिलोकपुरम और पनाशे डुप्लेक्स फ्लैट्स बना रहे प्रमोटर्स एनोलॉक्स टाउन प्लानर प्रा.लि. को प्रदूषण नियंत्रण हेतु निर्धारित नियमों के अन्तर्गत पंजीकरण/अनुमति लेने के लिए4/7/2024 को नोटिस जारी किया था।

नोटिस में एक सप्ताह के भीतर बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण/अनुमति प्राप्त करने हेतु आवेदन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। अवैध रूप से कॉलोनी विकसित करने और डुप्लेक्स भवन बनाने वाले बिल्डरों ने इस नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।इसी प्रकार गांव बिरौंडी में अवैध रूप से खसरा संख्या 167 व 168 की भूमि पर बनाए जा रहे फ्लैट्स के लिए एस्कॉन इंफ्रा लिमिटेड को उसी तिथि में नोटिस जारी किया गया।इस संबंध में पूछने पर क्षेत्रीय अधिकारी डीके गुप्ता ने दोनों बिल्डरों को नोटिस के बाबत रिमांइडर भेजने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि यूपीसीडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित गांव गुलिस्तान पुर की सैकड़ों बीघा भूमि पर त्रिलोकपुरम ग्रीन्स नाम से विशाल कॉलोनी बनाई जा रही है। यहां यूपीसीडा की दशकों पूर्व अधिग्रहित लंबी चौड़ी भूमि का भी गबन कर लिया गया है। इस कॉलोनी को बनाने के लिए किसी प्राधिकरण, शासन प्रशासन से न कोई अनुमति ली गई है और न नक्शा ही पास कराया गया है। इस कॉलोनी के विकासकर्ताओं द्वारा ग्रीन बेल्ट और भूगर्भ जल का दुरुपयोग किये जाने की भी जानकारी मिली है। जिला वनाधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने ग्रीन बेल्ट को नष्ट करने के लिए बिल्डरों के विरुद्ध जांच कराने और बिल्डर्स को नोटिस देकर जवाब तलब करने के आदेश दिए हैं।

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राजेश बैरागी

राजेश बैरागी बीते ३५ वर्षो से क्षेत्रीय पत्रकारिता में अपना विशिस्थ स्थान बनाये हुए है l जन समावेश से करियर शुरू करके पंजाब केसरी और हिंदुस्तान तक सेवाए देने के बाद नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा के संपादक और सञ्चालन कर्ता है l वर्तमान में एनसीआर खबर के साथ सलाहकार संपादक के तोर पर जुड़े है l सामायिक विषयों पर उनकी तीखी मगर सधी हुई बेबाक प्रतिक्रिया के लिए आप एनसीआर खबर से जुड़े रहे l

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