रक्षाबंधन के त्योहार पर जब बहनों अपने भाइयों को राखी भेजने के लिए इंडियन पोस्ट ऑफिस को सहारे के तौर पर देखते हैं तब बिसरख के खस्ताहाल पोस्ट ऑफिस में पता चलता है कि वहां काफी समय पोस्टल टिकट ही उपलब्ध नहीं है ।
उसके बाद यहां से लोग निराश होकर लौट रहे हैं । इस बारे में स्थानीय पोस्ट मास्टर सुमित यादव से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पोस्ट ऑफिस में पोस्टल टिकट अधिक डिमांड के कारण खत्म हो गया जा चुका है, जल्द ही इस पोस्ट ऑफिस में आ जाएंगे। किंतु रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर 5 लाख से ज्यादा आबादी को संभाल रहे इस पोस्ट ऑफिस के अधिकारी यह नहीं बता पाए की त्योहार से महज 10 दिन पहले टिकट की डिमांड को लेकर पहले से कोई कदम क्यों नहीं उठाए ? आखिर क्या कारण है कि रक्षाबंधन से पहले पोस्ट टिकट खत्म होने की समस्या आम लोगों के सामने आ रही है ।
लोगो का कहना है कि सरकारी अधिकारियों की इसी आक्रमान्यता के कारण पोस्ट ऑफिस से लोग निराश होकर वापस लौट रहे हैं बताया जा रहा है की पोस्ट ऑफिस में बैठे कर्मचारी लोगों को पोस्टल टिकट ना होने की दशा में स्पीड पोस्ट से राखियां भेजने को कह रहे हैं । उसके साथी लोगों को यह बता रहे हैं कि अगर आप स्पीड पोस्ट की जगह साधारण डाक से राखियां भेजेंगे तो वह शायद ही पहुंचे।
ऐसे में प्रश्न ये है कि क्या सरकारी कार्यालय में भी स्पीड पोस्ट का टारगेट बढ़ाने के लिए कोई निर्देश दिए गए हैं क्या इंडिया पोस्ट भी अब निजी कोरियर कंपनियों की तरह पैसे कमाने की भावना पर आ गया है क्या स्पीड पोस्ट के कारण अधिकारियों को अपने रिकॉर्ड अपडेट करने में आसानी होती है चाहे इसके लिए आम आदमी को कितनी भी तकलीफ हो ।
सवाल यह भी है कि दो कमरों में चल रहा यह पोस्ट ऑफिस क्या किसी एक अधिकारी के कारण चल रहा है क्योंकि इसी पोस्ट ऑफिस में काफी समय पहले कई कर्मचारियों ने आरोप भी लगाए थे तब भी जांच में हीलाहवाली कर दी गई थी ।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगो में मन में एक प्रश्न ये भी है कि 5 लाख की आबादी वाले शहर में पोस्ट ऑफिस ग्रामीण क्षेत्र में क्यों बनाया गया कि सरकार इंडिया पोस्ट को अपग्रेड करने में लगी है तब भी उसे बिसरख जैसे ग्रामीण क्षेत्र के अंदर क्यों बनाया गया है जहां पर लोग आसानी से जा भी नहीं सकते । एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार बिसरख से निकाल कर इसे फिर से पतवारी गांव में शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है । प्रश्न ये है कि क्या इसे जानबूझ कर किसी को विशेष लाभ पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है अगर नहीं तो क्यों इसको अपग्रेड कर शहरी क्षेत्र में नहीं बनाया जाता ताकि अधिक लोग इससे सुविधा का लाभ उठा पाते ।
ऐसे आखिर इस पोस्ट ऑफिस का कार्यकाल संभाल रहे अधिकारियों को इस ग्रामीण अंचल में ही रखने में क्या दिलचस्प है, अधिकारियों को इसका जवाब देना चाहिए ।