राजेश बैरागी । बहुमत से चलने को अभिशप्त लोकतंत्र में महिलाओं का स्थान कहां है? क्या पुरुष प्रधान समाज महिलाओं को शीर्ष पदों पर आज भी स्वीकारने को तैयार नहीं है? नोएडा के सेक्टर 11 की आरडब्ल्यूए की वर्तमान स्थिति तो यही बयां कर रही है।
नोएडा सेक्टर 11 की आरडब्ल्यूए कार्यकारिणी पर वर्षों से निरंतर कब्जा जमाकर बैठे रहे लोग एक बार फिर से काबिज होने जा रहे हैं या काबिज हो गए हैं। एक वर्ष पहले हुए चुनाव में पुरानी कार्यकारिणी के समर्थित लोगों ने आरडब्ल्यूए के सभी पदों पर जीत हासिल की थी परंतु अध्यक्ष पद पर उन्हें हार मिली थी। एकमात्र अध्यक्ष पद पर तब सेक्टर की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली अंजना भागी ने जीत दर्ज की थी।
एक वर्ष पहले दो वर्ष के लिए हुए चुनाव का दिलचस्प पहलू यह था कि अध्यक्ष के सामने पूरी कार्यकारिणी ही विपक्ष थी। इस कार्यकारिणी ने प्रारंभ से ही अंजना भागी के लिए मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दीं। साल बीतते बीतते आरडब्ल्यूए के चुनाव की भूमिका तैयार कर दी गई जबकि चुनाव दो वर्ष के लिए हुए थे और एक अध्यक्ष को छोड़कर समूची कार्यकारिणी एक ओर थी।
इस प्रकार आरडब्ल्यूए सरकार न तो अल्पमत में थी और न उसके समक्ष कोई और संकट था। तो फिर मध्यावधि चुनाव की क्या आवश्यकता थी? क्या यह चुनाव अध्यक्ष की ओर से अपना बहुमत हासिल करने के उद्देश्य से प्रस्तावित किया गया? यह चुनाव शेष कार्यकारिणी की ओर से प्रस्तावित किया गया।आम सभा में अनुपस्थित व्यक्ति को चुनाव अधिकारी बनाकर अंजना भागी और उनके पैनल के लगभग सभी प्रत्याशियों के पर्चे खारिज कर दिए गए। इस प्रकार एक महिला को शीर्ष पद पर चुने जाने के बावजूद चुनाव के मैदान से ही बाहर कर दिया गया।