बुधवार को अग्रसेन धर्मशाला में धर्मेंद्र यादव और राष्ट्रीय प्रवक्ता जूही सिंह के होने वाले कार्यक्रम की तैयारी में लगे नोएडा महानगर अध्यक्ष डॉक्टर आश्रय गुप्ता ने नोएडा ट्विटर पर अपनी व्यथा लिखते हुए बताया कि रविवार को उन्होंने अपने घर पर संभल के रहने वाले एक एसी मैकेनिक को अपने कमरे का एक ठीक करने के लिए बुलाया था । इसके बाद एसी मैकेनिक ने हाथ की सफाई दिखाते हुए उनकी अलमारी में रखें 85000 साफ कर दिए और माचिस की तिल्ली कपड़ों के बीच में रखकर चला गया ताकि अलमारी में लगी आग के कारण रुपए की चोरी का पता ना चल सके किंतु समय रहते हैं उनके घर के लोगों ने आग को बुझा लिया ऐसे में कपड़े तो जल गए किंतु जले हुए कपड़ों के बीच रुपए न मिलने पर आश्रय गुप्ता ने इसको लेकर सेक्टर 49 थाने में अपनी शिकायत दी ।
आश्रय का आरोप है कि विपक्ष के नोएडा महानगर अध्यक्ष होने के बावजूद पुलिस ने रात 11:00 तक भी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और उस लड़के को बिना पूछताछ के ही छोड़ दियाI उन्होंने ट्विटर पर यह भी आरोप लगाया की संभल के रहने वाले शादाब (काल्पनिक नाम) के पक्ष में थाने में एक आईएएस अधिकारी का फोन आया इसके बाद पुलिस ने उसको छोड़ दिया वहीं विपक्ष के नेता और जिला अध्यक्ष होने के बावजूद पुलिस ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया और रुपए चोरी को लेकर उनके ही घर के किसी सदस्य का हाथ होने की बात कह कर उन्हें घर भेज दिया ।
विपक्ष के नेता के घर हुई चोरी और उसको लेकर पुलिस के रवैया पर शहर में तमाम तरीके की चर्चाएं हो रही हैं एक तरफ जहां लोग पुलिस की रवैया की आलोचना कर रहे हैं तो वही कुछ लोग चुटकी भी ले रहे हैं। लोगों ने इतने गंभीर मामले पर भी राजनीति करते हुए कहा कि वोटर भी समाजवादी पार्टी का था, नेता भी समाजवादी पार्टी का था ऐसे में अगर वह अपने नेता के यहां से कुछ ले भी गया तो नेताजी को इसकी रिपोर्ट नहीं लिखवाने नही जाना चाहिए था । तो कई लोगों ने इसे 2027 के लिए चुनावी दौड़ में टिकट मांगने के लिए अपशकुन बताते हुए नेताजी से सहानुभूति भी प्रकट की ।
वही धर्मेंद्र यादव के कार्यक्रम से एक दिन पहले इस तरीके की घटना होने के बाद आश्रय गुप्ता बेहद परेशान दिखे उन्होंने एनसीआर खबर से विशेष बातचीत में पुलिस के रवैये पर निराशा जताई और मीडिया से इस प्रकरण में उनका साथ देने की प्रार्थना भी की ।
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या आम लोगों की रिपोर्ट ना लिखने के आरोप झेलने वाली पुलिस अब शहर में बड़े नेताओं की शिकायतों को भी गंभीरता से नहीं ले रही है या फिर अपराधियों के पक्ष में किसी आईएएस अधिकारी के फोन आने की बात करके घटना को टालना नोएडा पुलिस की आदत बन चुका है । आखिर ऐसा क्या कारण था कि सपा अध्यक्ष आश्रय गुप्ता की शिकायत के बावजूद पुलिस ने घटनास्थल पर जाए बिना ही आरोपी को क्लीन चिट दे दी और अध्यक्ष के परिवार के ही ऊपर चोरी करने का संदेह जता कर उन्हें वापस भेज दिया।