दिल्ली के कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन बच्चों की मृत्यु के बाद नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक के प्राधिकरण भी यहां मौजूद कोचिंग सेंटर से लेकर अस्पतालों तक के लिए सचेत हो गए थे। नोएडा में तो बाकायदा इसके लिए बेसमेंट की जांच करने को एक टीम बनाई गई जिसकी जांच में पाए गए 150 से 200 अवैध बेसमेंट पर कार्यवाही करने की तैयारी चल रही है।
वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी ने इसको लेकर जहां कोचिंग सेंटर की जांच करवाई वहीं शहर के 25 से ज्यादा अस्पतालों को नोटिस भेजा गया जिसमें स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बेसमेंट में अनाधिकृत निर्माण कर ओपीडी चलाई जाने को भवन नियमावली के नियमों का उल्लंघन बताया गया और कहा गया कि पत्र जारी होने से 15 दिनों के अंदर ओपीडी को हटाकर प्राधिकरण को सूचित करें ।
किंतु प्राधिकरण के इस पत्र को 25 में से 20 अस्पतालों ने जवाब देना भी उचित नहीं समझा । बमुश्किल चार से पांच अस्पतालों ने प्राधिकरण को जवाब देकर यह कहा कि हमारे यहां बेसमेंट में कोई ओपीडी नहीं चल रही है ।
एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार जिन अस्पतालों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस दिया है उनमें यथार्थ हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल, कैलाश हॉस्पिटल, शारदा हॉस्पिटल, नवीन हॉस्पिटल, आस्था हॉस्पिटल, ग्रीन सिटी हॉस्पिटल, होप हॉस्पिटल, शर्मा हॉस्पिटल, कुमार हॉस्पिटल, जे आर हॉस्पिटल, संजीवनी( अब फेलिक्स) हॉस्पिटल, रोशन हॉस्पिटल, अक्षरा हॉस्पिटल, आइवरी हॉस्पिटल, कृष्ण लाइफ लाइन हॉस्पिटल, प्रोम्हेक्स हॉस्पिटल, सहदेव हॉस्पिटल, प्रकाश हॉस्पिटल, के वी हेल्थ केयर प्रमुख है।
एनसीआर खबर की टीम ने अस्पतालों की जांच की तो पता लगा कि इनमें से लगभग सभी अस्पतालों के बेसमेंट में न सिर्फ ओपीडी चल रही है बल्कि अस्पतालों के बाहर भी पार्किंग के नाम पर अवैध अतिक्रमण कर लिया गया है। ग्रेटर नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल के बाहर तो बाकायदा सड़क पर ही पुलिस चौकी तक बना दी गई है, बेहद संकरी गली के पास बने इस चौकी की खास बात यह है कि इसके ठीक सामने यमुना प्राधिकरण का ऑफिस भी है । लोहे के कंटेनर से बनी इस चौकी को अगर अस्पताल के बाहर की सड़क से हटकर मुख्य सड़क पर बनाया जाए तो संभवत मरीजो को और यमुना प्राधिकरण आने जाने वाले लोगों को बेहद आसानी होगी।
इसी तरीके से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ अस्पताल के बाहर तीन साइड मरीजों की गाड़ियों की पार्किंग लगी रहती है। ग्रेटर नोएडा के ही कैलाश हॉस्पिटल के बाहर भी इसी तरीके की पार्किंग की समस्या से आप जूझ सकते हैं ऐसे में पार्किंग बेसमेंट में ओपीडी के साथ-साथ प्राधिकरण को इन अस्पतालों के बाहर पार्किंग समस्या को भी रेखांकित करने की बेहद आवश्यकता है ।