ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लोगों की आपत्तियों के बाद कुत्ते और बिल्लियों के लिए पॉलिसी में बदलाव किया है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसका कार्यालय आदेश जारी कर दिया। पालतू कुत्ते और बिल्लियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। हर साल इसको रिन्यू कराना होगा। अथॉरिटी की टीम घरों में जाकर जांच करेगी। अगर रजिस्ट्रेशन न मिला तो दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कुत्ते के काटने और घायल कुत्तों के मामलों की जानकारी देने के लिए प्राधिकरण एक टोल फ्री नंबर जारी करेगी। अगर कोई कुत्ता लोगों को काट रहा है तो टोल फ्री नंबर पर जानकारी दे सकेंगे। सूचना मिलने पर संबंधित कुत्ते को शेल्टर होम ले जाएंगे।
पॉलिसी के अनुसार पालतू कुत्ते को खुला नहीं छोड़ा जाएगा। पार्क और सड़क पर शौच नहीं कराएंगे और उसके मल को खुद उसके मालिक को उठाना होगा। सर्विस लिफ्ट का प्रयोग करेंगे। अगर यात्री लिफ्ट से जा रहे हैं तो पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर नीति अपनानी होगी। अगर आपके कुत्ते ने दूसरे कुत्ते पर हमला कर दिया तो उसका इलाज आपको ही कराना पड़ेगा।
कुत्तो के लिए शेल्टर, खाने पीने की व्यवस्था से प्राधिकरण ने झाड़ा पल्ला, आरडब्ल्यूए व एओए को करने होंगे इंतजाम
इतने नियमो के बाद भी प्राधिकरण ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है । प्राधिकरण के नए तुगलगी नियम से आरडब्ल्यूए को ऐसी जगहों पर फीडिंग पॉइंट बनाने होंगे, जहां बच्चे और सीनियर सिटीजन कम ही जाते हों। यहां खाने और पानी की व्यवस्था आरडब्ल्यूए या एओए को करनी होगी। आरडब्ल्यूए व एओए कुत्तों के साथ व्यवहार के बारे में नोटिस लगाकर जागरूक करेंगे। सर्दियों में आवारा कुत्तों के लिए उन्हें शेल्टर आदि की व्यवस्था भी करनी होगी।