सितंबर माह में 18 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रेटर नोएडा वेस्ट की व्यवस्था चरमरा गई है । बारिश ने जहाँ सड़को पर गड्ढे बना दिए है। वहीं सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट के खराब होने के समाचार भी आ रहे हैं, तो बीते डेढ़ महीने से जाम की समस्या लगातार होने लगी है । लोगों का दावा है की बारिश के कारण व्यवस्था के खराब होने के बाद प्राधिकरण जनप्रतिनिधि प्रशासन सब आंख बंद करके सोए हुए हैं । आरोप है कि जनप्रतिनिधि, प्रशासन और प्राधिकरण के उच्च अधिकारी सड़कों पर उतरकर जन समस्याओं का अवलोकन करने को तैयार नहीं है ।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के लिए सितंबर माह की बारिश किसी दैवीय आपदा से कम साबित नहीं हो रही है। पहले से ही बदतर सड़कों के लिए प्रसिद्ध ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सड़कों पर 18 दिनों से होली लगातार बारिश के बाद स्थिति अब बद से बदतर हो गई है। लोगों का दावा है कि प्रमुख सड़कों से लेकर आंतरिक सड़क ऊतक सभी जगह भारी बारिश और पानी के कारण सडको का बजरी तारकोल अलग हो गया है ऐसे में जहां-जहां प्रेशर पड़ता है वहां बीच में गड्ढे बन गए हैं और सड़के खराब हो गई ।
लोगों के आरोप है की बारिश के नाम पर स्ट्रीट लाइट का ठेका लिए सूर्य कंपनी भी इन दिनों बिजली ध्यान नहीं दे रही है ऐसे में लगातार प्रमुख सड़कों पर स्ट्रीट लाइट के बंद होने से शाम से ही लोगों को आवागमन में समस्या हो रही है ।
लोगों का दावा है कि जनसुनवाई के नाम पर पिछले सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनाया गया आधा अधूरा साइट ऑफिस सफेद हाथी साबित हो रहा है। यहां आजतक, अधिआरियो के लिए कम्पूटर,इंटरनेट कुछ उपलब्ध नहीं है ।
हर मंगलवार और बृहस्पतिवार को यहां बैठने वाले अधिकारी सिर्फ दायित्वों की खानापूर्ति करने के लिए आ रहे हैं। इस कार्यालय के बनने के बाद यहां के वर्क सर्कल के अधिकारी निरंकुश हो गए हैं और जगह समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक निवासी ने दर्द बयां करते हुए कहा कि प्राधिकरण के सीईओ रवि एन जी को भरी बरसात में एक बार पूरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट का चक्कर लगाकर साइट ऑफिस में महीने में एक दिन जरूर बैठना चाहिए ताकि प्राधिकरण के वर्क सर्कल में काम कर रहे कर्मचारियों का भ्रष्टाचार और उसकी वस्तु स्थिति उनका स्पष्ट दिखाई दे सके । यहां की समस्याएं प्राकृतिक आपदा से ज्यादा मानव निर्मित हो गई हैं क्योंकि यहां प्राधिकरण के कर्मचारी काम करने की जगह उसकी क्लोजर रिपोर्ट लगाकर चैन की बंसी बजा रहे हैं ।
लोगों ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट का दुर्भाग्य यह भी है कि यहां के क्षेत्रीय विधायक और सांसद दोनों ही इस क्षेत्र को में आने से बचते हैं इस क्षेत्र में भाजपा के लोगों द्वारा बिना वोट मांगे ही भर भर के वोट देकर भाजपा विधायक और सांसद दोनों को जिताया किंतु दोनों ही यहां से मिले बंपर वोटो को भाजपा का प्रसाद समझ के पी गए हैं डॉ महेश शर्मा जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अपने अस्पतालों में बने कैंप ऑफिस में दिखाई देते हैं तो दादरी विधायक तेजपाल नागर को लेकर यहां ना आने की शिकायतें बहुत है।
ऐसे में जनप्रतिनिधियों के बाद प्रशासन और प्राधिकरण के सीईओ की बेरुखी इस क्षेत्र के लोगों के लिए अभिशाप बन गई है । लोगों को कहना है कि बार-बार नोएडा आने का रिकॉर्ड तोड़ने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस क्षेत्र में कभी नहीं आए क्योंकि उनको जनप्रतिनिधि और अधिकारी कभी यहां आने ही नहीं देते क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई ऑडिटोरियम कोई शमशान घाट, कोई सरकारी स्कूल या कोई बड़ा अस्पताल मौजूद नहीं है । ऐसे में यहां के लोग मौजूद निजी स्कूलों और अस्पतालों में जाकर अपने जीवन की कमाई लुटवाने को मजबूर है ।