बड़ी मुश्किल से मंगलवार को 2 अक्तूबर की छुट्टी के बहाने आज सोमवार की छुट्टी लेकर घर में आराम करने बैठे ही थे कि देखा नारद जी लोगो की भीड़ लेकर सीधा घर पर ही धमक गए । भीड़ को गुस्से में देखकर हमने धर्मपत्नी से कहा कि बड़े वाले पतीले पर चाय चढ़ा दो, इतने लोगों में गुस्से को चाय की गर्मी से ही शांत किया जा सकेगा ।
दरवाजा खोलते ही नारद जी बैठने से पहले ही शुरू हो गए, बोले वत्स पूरा शहर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से दुखी है, पहाड़ों के मौसम बदलने से पहले यहां अधिकारी बदल जाते है । पहली बार शिकायत के बाद दुबारा जाओ तो वहां नया अधिकारी मिलता है। यह बेचारे लोग अपनी समस्याओं का समाधान कैसे पाएं, हर बार नए अधिकारी से फाइल को आगे कैसे बढ़ाए। तुम जन समस्याओं पर कुछ लिखते क्यों नही ।
हमने कहा प्रभु आपके साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट नरेश है, किसानों के रूपेश हैं, नेताओं के महेश हैं इस सब के बाद भी हमारी ही आवश्यकता है तो क्या इन सबसे कुछ नही हों पा रहा है । एक पत्रकार तो समस्याओं को उठा सकता है किंतु प्राधिकरण के अंदर मैनेजर और सीनियर मैनेजर लेवल पर बैठे लोगों के भ्रष्टाचार और ऊंची पहुंच से नही बचा सकता है । इनके भ्रष्टाचार से प्राधिकरण का सूर्य भी त्रस्त है भ्रष्टाचारी रूपी बादल के चलते सुधार के कार्यों को धीमी गति से करने का अभयस्थ है । फिर भी अटल जी की कविता को याद रखिए अंधेरा छटेगा, सूर्य निकलेगा ।
प्राधिकरण के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारी अगर इनका कुछ करना भी चाहे तो वह इधर विभाग बदलते हैं और अगले ही हफ्ते किसी मंत्री के सिफारिश लेकर फिर से ये सब अपने विभाग को बदलवा लेते हैं । अब ऐसे, प्रबंधक वरिष्ठ प्रबंधक जो हफ्ते भर में ही न जाने किसी भगवान की पूजा और सिफारिश से वापस अपना विभाग पा जाते हैं, उनके नाम पर आप में नोएडा नरेश किसानों के रूपेश या नेताओं के महेश ही क्या कर सकते हैं । जब सबको रोशनी देने वाला सूर्य खुद उनके प्रभाव से ना बच पाता हो । जब उसको भी यह राहु और केतु की तरह ग्रहण चढ़ा सकते हैं तो लोगों की समस्याओं का पार अब बस ब्रह्म ही लगा सकते है ।
नारद जी दुखी मन से बोले कि वत्स अगर ऐसा ही चलेगा तो शहर के इन दुखी लोगों की समस्याओं का हाल कैसे निकलेगा ।
हमने कहा प्रभु जिस शहर को रावण की जन्म भूमि होने का श्राप हो, जिस शहर में पूर्व में बड़े-बड़े अधिकारियो के भ्रष्टाचार का अभिशाप हो उसमें आप बदलाव अचानक कैसे ला सकते हैं। सरकार ने काफी समाय बाद ऊपर के पदों पर ईमानदार अधिकारियों को मौका दिया है अब वह धीरे-धीरे करके नीचे तक बदलाव ला रहे हैं किंतु यह बदलाव आने में समय तो लगेगा और तब तक जनता को यह सब नाटक तो बर्दाश्त करना पड़ेगा ।
तब तक भ्रष्टाचारी ही मलाई खाएंगे और जिनके खिलाफ आपको शिकायत हैं वह चार-चार पदों से नवाजे जाएंगे और प्रभु कसम भगवान श्री राम की, कि कर तो हम भी कुछ ना पाएंगे । मगर आप आए हैं तो इतना वादा है कि आप के साथ आए लोगो की ये दुखद गाथा हम लोगों तक लिखकर जरूर पहुंचाएंगे ।
अब कलयुग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ जी अपने इमानदार पदाधिकारी को इन सिफारिश कर्मचारियों के ढंग से कैसे बचाएंगे यह तो वही जानेंगे किंतु हम इस आशा में फिर भी यही कहेंगे की बदलाव तो पहाड़ों पर भी आया है यहां भी आएगा। भ्रष्टाचारियों की मां कब तक खैर बनाएगी वो सुबह कभी तो आयेगी । देखो आज ही उत्तर प्रदेश में 52000 ऐसे कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति की घोषणाएं नहीं की है ।
इसलिए हमको पूरा भरोसा है योगी सरकार पर पूरा भरोसा है कि जल्द ही समय बदलेगा और हर हफ्ते लोगों को बदलने की समस्या का हल भी निकलेगा ।
इतना सुनकर नारद जी ने अपने साथ आई दुखी जनता के साथ हमारे घर से विदा ली और हमने अपनी छुट्टी कैंसल कर गांधी जयंती के विज्ञापन लेने के लिए वापस ऑफिस की राह पकड़ ली।