लोनी की इंद्रपुरी सोसाइटी में एक बार फिर से जूस में मूत्र मिलकर बेचने की घटना सामने आई है इससे पहले गाजियाबाद में ही एक रेस्टोरेंट में रोटियां पर थूक लगाने का वीडियो वायरल हुआ था और इस तरीके की घटनाएं सामने आने के बावजूद कम होने की जगह बढ़ती जा रही है ।
अक्सर ऐसे मामलों में वीडियो वायरल होने और उस पर धार्मिक नफरत के आरोप लगाकर पुलिस मामला रफा दफा कर देती है लेकिन क्या कानून में इसके लिए कोई विशेष धाराएं है ?
क्या अब समय आ गया है कि ऐसे राज्यों में खास तौर पर जहां यह घटनाएं ज्यादा हो रही है वहां इस तरीके के कृत्यों के लिए विशेष सजा के कानून बनाए जाएं किसी को अपना थूक या मूत्र मिलकर समान बेचना सामाजिक अपराध तो है ही इसके साथ ही है मानवीय विश्वास को तोड़ने की पराकाष्ठा है ।
समय की मांग यही है कि इस तरीके के मामले साबित होने पर मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास जैसी सजा दी जानी चाहिए । क्योंकि धार्मिक विद्वेष में इस तरीके की घटनाएं करने वाले लोग अबोध नहीं होते हैं। महत्वपूर्ण ये भी है कि ये लोग असामान्य या मानसिक तौर पर कमोजोर भी नहीं है । ये बेहद शरीर और अपराधिक सोच से ग्रसित हैं और उनका उद्देश्य किसी को सिर्फ शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं है उनका उद्देश्य शारीरिक से ज्यादा धार्मिक कट्टरपन का उद्देश्य है। और ऐसे लोगों को सामाजिक के साथ-साथ कड़ी सजा का प्रावधान अब बेहद जरूरी हो गया।