राजेश बैरागी । क्या नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण(यीडा) समेत उत्तर प्रदेश राज्य के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में अंतर प्राधिकरण स्थानांतरण नीति के अंतर्गत इस वर्ष अभी तक नहीं हुए अधिकारियों के तबादलों की सूची अब आ सकती है?
इन तीनों प्राधिकरणों के बहुत से कर्मचारियों अधिकारियों को इस सूची के जारी होने की उम्मीद अभी भी बनी हुई है। हालांकि बगैर एक मुकम्मल सूची जारी किए शासन ने फुटकर में कुछ अधिकारियों के तबादले कर नोएडा ग्रेटर प्राधिकरणों में अर्से से रिक्त चल रहे महाप्रबंधक सिविल के पद भर दिए हैं।
गौतमबुद्धनगर में कार्यरत और उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरणों नोएडा ग्रेटर नोएडा और यीडा में प्रतिवर्ष होने वाले श्रेणी ग तक के अधिकारियों कर्मचारियों के तबादलों को लेकर होने वाली चर्चा थमी नहीं है।30 जून तक आने वाली तबादला सूची अज्ञात कारणों से रुकी हुई है। उद्योग मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की व्यस्तता के चलते तब जारी नहीं हुई तबादला सूची की प्रतीक्षा अभी भी की जा रही है। इस बीच एक दर्जन ऐसे अभियंताओं और अन्य लोगों को इसलिए निलंबित भी किया जा चुका है कि उन्होंने तबादले के बावजूद नयी नियुक्ति नहीं ली। हालांकि इसमें उनकी गलती उतनी नहीं थी बल्कि संबंधित प्राधिकरणों ने ही उन्हें रिलीव नहीं किया था। इनके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों में ऐसे अधिकारी अभी भी जमे हुए हैं जिनका तबादला दो वर्ष पहले हो गया था। कुर्सी बचाए रखने में कुशल ऐसे अधिकारी निलंबन की जद में भी नहीं आए हैं। ऐसे भी कुछ अधिकारी हैं जिनके तबादले पर विचार तक नहीं किया गया है जबकि उन्हें इन प्राधिकरणों में प्रतिनियुक्ति पर आए एक युग बीत चुका है और प्रोन्नति पाकर ये अधिकारी फर्श से अर्श पर जा पहुंचे हैं।
तबादला सूची की प्रतीक्षा केवल उन्हें ही नहीं है जिन्हें कमाई वाली जगहों पर पहुंचना है बल्कि वे भी इस सूची के आने के भय से आतंकित हैं जो सांठगांठ के दम पर तबादला एक्सप्रेस से पहले ही टिकट कैंसिल करा कर बैठे हुए हैं। बहरहाल इस बीच शासन ने फुटकर तबादले करते हुए नोएडा प्राधिकरण में वहीं तैनात एक उपमहाप्रबंधक को महाप्रबंधक तथा यीडा के महाप्रबंधक सिविल ए के सिंह को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का महाप्रबंधक सिविल नियुक्त कर दिया है। ये दोनों पद अर्से से रिक्त थे और इन पदों पर आने के लिए लखनऊ में जोर आजमाइश का लंबा दौर चला है।