ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौर सिटी से एक मूर्ति तक लगने वाले जाम के कारण परेशान होने वाले लोगों के लिए प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी ने आखिरकार वह फार्मूला निकल ही लिया है जिसके बाद शहर की जीवन रेखा कहे जाने वाली 130 मी रोड पर नोएडा से नोएडा एयरपोर्ट तक जाने वाले वाहन फर्राटे से रफ्तार पकड़ सकेंगे ।
प्राधिकरण में वर्क सर्किल 7 के प्रबंधक प्रभात शंकर के अनुसार 130 मीटर सड़क बनाने के पीछे का उद्देश्य नोएडा से यमुना तक के क्षेत्र पर लंबी दूरी के वाहनों को सीधा रास्ता देना था किंतु बीते 7 से 10 वर्षों में आए अधिकारियों ने इस पूरी प्रक्रिया को ना समझ कर इस रास्ते को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के आवागमन का मुख्य रास्ता बनने पर मजबूर कर दिया । जिसके फल स्वरुप शहर की आंतरिक सड़कों का ट्रैफिक भी हाईवे पर आकर ही खत्म हो जाता था। अब सीईओ रवि एन जी के सुझाव के बाद इस सड़क के दोनों और बस वे को विकसित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है । एक मूर्ति से लेकर एक मूर्ति गोलचक्कर से नॉलेज पार्क-5 तक तथा ग्रेटर नोएडा ईस्ट में ओमीक्रोन सेक्टर के साथ लगभग सत्रह किलोमीटर में दोनों ओर बनाए जा रहे साढ़े दस मीटर चौड़े बस वे के निर्माण पर 23 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। कुल 44 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे ।
इसके साथ ही तिलपता से पहले तोषा कंपनी के साथ डिस्प्यूट को सुलझाने के बाद सड़क के सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है फिलहाल वहां से निकल रहे नाले के सर्वे के कार्य किया जा रहे हैं जल्द ही उसको बनाने के कार्य भी शुरू कर दिए जाएंगे ।
हल्दौनी मोड पर सड़क का निर्माण हुआ आरंभ, हिंडन पुश्ता से जलपुरा होकर सूरजपुर जाने वाले एल एन मिश्रा मार्ग की बाधाएं भी होंगी दूर,
बीते दिनों डीएससी रोड पर लगातार लोगों द्वारा उठाए गए खराब सड़क को भी सुधारने का कार्य भी शुरू हो चुका है इसके लिए पर्याप्त तैयारी की जा चुकी है। यमुना प्राधिकरण से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आए तेजतर्रार महाप्रबंधक ए के सिंह ने दावा किया कि हल्द्वानी मोड़, सूरजपुर और तिलपता गांव में सड़कों को सुधारने का कार्य शुरू हो गया है और अगले छह माह में इन स्थानों पानी भरने की समस्या को समाप्त कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही हिंडन पुश्ता से राइस चौकी होते हुए जलपुरा के पास आकर रुकी हुई एल एन मिश्रा मार्ग को भी जल्द ही पूरा करके आगे सूरजपुर रोड से जोड़ दिया जाएगा । इसके लिए सीईओ रवि एनजी के निर्देश पर तेजी से कार्य हो रहा है प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार 7 से 8 खसरा के किसान इन पर अपनी जमीन देने के लिए अब तैयार हो गए हैं जल्द ही इसको पूर्ण कर लिया जाएगा।