उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के बीच अखिलेश यादव ने एक बार फिर से प्रदेश की योगी सरकार के राज में कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए दावा किया कि किस तरीके से हर शहर गली मोहल्ले में जमीनों पर कब्जे प्लाटिंग और रंगदारी वसूली में भाजपा लोग संलिपित है । सोशल मीडिया पर फतेहपुर में हुई एक पत्रकार की हत्या पर लिखते हुए उन्होंने यह सब बातें कहीं । उन्होंने लिखा
कौन जाने ये सरकार है या गुनाह में हिस्सेदार है।
उप्र में अतिभ्रष्ट शासन के चिराग़ के नीचे भ्रष्ट प्रशासन का अंधेरा नहीं, अंधेरगर्दी है। फ़तेहपुर में ANI के एक पत्रकार की चाकू-गोली मारकर की गयी ‘हत्या’, यूपी को भाजपा के शासनकाल में अंधेरनगरी बनाने में एक और काले अध्याय के रूप में जुड़ गयी है।
उप्र में जनता देख रही है कि किस तरह हर शहर, गली, मोहल्ले में ज़मीनों पर क़ब्ज़े, प्लाटिंग, रंगदारी-वसूली में भाजपाई लोग संलिप्त हैं। हर अपराध और गोरखधंधे के पीछे शासन से नालबद्ध संबंध रखने वाले भाजपा के ही गुर्गे हैं। भाजपा सरकार ने अपनी बेईमानी में पुलिस को पार्टनर बना लिया है और जो पुलिसवाले ईमानदारी-ज़िम्मेदारी से काम करना चाहते हैं, उन्हें केंद्रीय भूमिका से दूर भेजकर साइड लाइन कर दिया गया है।
उप्र में अस्थायी पुलिस प्रमुख होने की वजह से जुर्म स्थायी हो गया है। पचासों पायदान नीचे के कनिष्ठों को वरिष्ठ पदों पर बैठाकर अच्छे पुलिस अधिकारियों से पदोन्नति के अवसर छीनकर उनका मनोबल तोड़ा गया है, इसीलिए उप्र में क़ानून-व्यवस्था की इतनी दुर्गत अवस्था है।