ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर चल रहे धरने पर सोमवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महाराष्ट्र चुनाव ओर यूपी उपचुनावों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुपरहिट हुए नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर कटाक्ष करते हुए बंटेंगे तो लुटेंगे का नारा किसानों की एकता के लिए उपयुक्त बताया ओर कहा कि सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर प्राधिकरणों से लड़ने का आह्वान किया । उन्होंने कहा कि अधिकारी आपको अलग अलग बुलाने की कोशिश करेंगे लेकिन आप संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि के तौर पर ही उनसे बात करने जाएं ।
अपने उद्बोधन को आरंभ करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि लोग कहते हैं कि कितने किसान संगठन हैं संगठन जितने भी हो उससे फर्क नहीं पड़ता रोज नए-नए संगठन बनते रहेंगे किंतु कोई भी किसान संगठन अगर नया बनता है तो उसे 41 दिन काम से कम धरने पर बैठना चाहिए तब जाकर वह किसान संगठन बन पाएगा । उन्होंने देशभर में किसानों के साथ हो रहे अधिकरण के नाम पर अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का की बात कही उसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह लखनऊ बिहार सभी जगह जाकर किसानों के लिए आवाज उठा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि यह सरकारें व्यापारियों की हैं और यह चाहते हैं कि किसान मजदूर बन जाए उन्होंने बिहार के प्रवासी मजदूरों का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले वह भी वहां के किसान थे किंतु जब वहां पर उद्योग धंधे चौपट कर दिए गए तब वह बाहर जाकर मजदूरी करने लगे उन्होंने नोएडा ग्रेटर नोएडा के किसानों को चेताते हुए कहा कि अधिकारी आपको भी भविष्य का मजदूर बना देना चाहते हैं ।
राकेश टिकैत ने भट्टा पारसोल के समय अपने पिता की बात याद करते हुए कहा कि उसे समय लोगों ने मुआवजा की बात करी थी तब टिकैत साहब ने यह कहा कि मुआवजे की नहीं, जमीन न देने की बात करो। तब लोगों ने उसे नहीं माना और आज लोग मुआवजे के लिए परेशान हो रहे हैं ।
भारत सरकार जमीनों ओर प्राकृतिक संसाधनों को कौड़ियों के दाम पर ट्रांसफर कर रही है : हन्नान मुल्लाह
किसान महापंचायत को अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष आठ बार के लोकसभा सांसद हन्ना मौलाना संबोधित करते हुए कहा कि मोदी योगी निजाम किसान विरोधी निजाम है भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश की सरकार पूरी नंगई के साथ पूंजी पत्तियों से रिश्वत खाकर फंड प्राप्त कर उनके पक्ष में जमीनों एवं प्राकृतिक संसाधनों को कौड़ियों के दाम पर ट्रांसफर कर रही है।
20 जिलों के किसान पहुंच रहे है ग्रेटर नोएडा की महापंचायत में, नाम दिया है महापड़ाव
ग्रेटर नोएडा की भूमि पर हो रहे इस ऐतिसाहिक महापंचायत को महापड़ाव नाम दिया गया है । तीन दिनों तक ये पहाड़व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर रहे है । इसमें आसपास के 20 जिलों से किसान नेता पहुंच रहे हैं नोएडा से लेकर आगरा तक के किसान नेता यहां पर पहुंच रहे हैं इससे पहले हन्नान मुल्लाह और दशरथ सिंह ने अध्यक्षता करते हुए इस ऐतिहासिक आंदोलन को दिल्ली तक ले जाने की बात की ।
यमुना प्राधिकरण पर 28 नवंबर से महापंचायत
महापंचायत का अगला चरण 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर होगा। किसान नेताओं ने आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण के रूप में 2 दिसंबर को दिल्ली कूच की घोषणा की है। इस दिन संसद सत्र के दौरान किसानों की ओर से एक बड़ा प्रदर्शन होगा।
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों का समर्थन लिया पर मंच, माला और माइक से रखा गया हैं दूर
मंच से घोषणा करते हुए भारतीय किसान यूनियन टिकट के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि इस पंचायत में मंच माला और माइक से राजनीतिक दलों को दूर रखा गया है । असल में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी भी अपने दल बल के साथ इस महापंचायत में समर्थन देने पहुंचे थे ऐसे में उनको भी मंच माला और माइक से दूर रखते हुए नीचे ही समर्थन पत्र लेकर औपचारिकता पूरी कर ली गई । रोचक तथ्य ये भी हैं कि समर्थन पत्र देते समय जहां एक और किसान आंदोलन से संबंधित किसान संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी टोपिया लगा रखी थी वही समाजवादी पार्टी के नेताओं की टोपियां उतरवा ली गई थी
इसी मंच पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया से आठ बार के लोकसभा सांसद हन्नान मुल्लाह के मंच पर होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जोर-जोर से किया गया प्रचार इस दावे के उलट दिखाई दिया । ऐसे में जब पवन खटाना राजनीतिक दलों को दूर रखने की घोषणा मंच से कर रहे थे और समाजवादी पार्टी का जिला अध्यक्ष से नीचे ही समर्थन पत्र ले रहे थे तब भीड़ में बैठे किसानों के बीच यह चर्चाएं शुरू हुई क्या राजनेताओं का कद देखकर उनके समर्थन का वजन तोला जा रहा है ।
हालांकि युवाओं के इस प्रश्न पर बुजुर्गों ने ऐसे मुद्दों की जगह मूल प्रश्न पर ध्यान केंद्रित करने को कहते हुए विवाद को डालने की कोशिश भी की ।
महापंचायत में अव्यवस्थाओं का रहा बोलबाला, ये लोग रहे कार्यक्रम के अध्यक्ष ओर अतिथि
आज महापंचायत को लेकर जिस तरीके से संयुक्त किसान मोर्चा ने 10000 लोगों की भीड़ का दावा किया था उसको लेकर तैयारी में अव्यवस्था कमी और उसके कारण अव्यवस्था भी स्पष्ट दिखाई दी । इतने बड़े कार्यक्रम के लिए वॉलिंटियर्स की कमी और मौजूद वॉलिंटियर्स में समन्वय की कमी दिखाई दे रही थी । मंच के सामने मीडिया के लिए कोई स्थान नहीं बनाया गया था ऐसे में जब-जब कोई मुख्य वक्ता या बड़ा किसान नेता मंच के पास आता था तो वहां पर मीडिया की भीड़ लग जाने के कारण लोगों में रोष उत्पन्न हो जाता था । वही कार्यक्रम की कवरेज के लिए मीडिया के के लिए कोई विशेष महत्व न दिए जाने के कारण आरंभ में मौजूद रहे मीडिया धीरे-धीरे करके वहां से जाने लगी ।
आज की महापंचायत के लिए अध्यक्षता दशरथ सिंह ने की महापंचायत का संचालन उदल आर्य एवं राजीव मलिक ने किया। महापंचायत को सुनील फौजी डॉक्टर रुपेश वर्मा सुखबीर खलीफा सोरन प्रधान डॉक्टर विकास सुधीर चौहान अनिल तालान पवन खटाना अंशुमान ठाकुर अमन ठाकुर हरवीर नागर बीसी प्रधान जगबीर नंबरदार नीरज चौहान अतुल यादव वीर सिंह नागर जितेंद्र भाटी ने संबोधित किया।