गौतम बुध नगर में अवैध कॉलोनीयों को लेकर एनसीआर खबर, पंचायत 24, और नेक दृष्टि साप्ताहिक द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन त्रिलोकपुरम” की मुहिम अब रंग लाने लगी है। लगभग 2 महीने के अथक प्रयास और सबूत देने के बाद आखिरकार यूपीएसआईडीसी के रीजनल मैनेजर अनिल शर्मा ने तिलपता चौक से लगे 100 बीघा में बना रहे प्रोजेक्ट में अवैध रूप में बन रहे विला पनाशे प्रोजेक्ट्स को नोटिस देकर उससे यूपीएसआईडीसी का नाम हटाने को कहा है।
पत्र में लिखा गया है की प्रोजेक्ट के साथ यूपीएसआईडीसी का नाम लिखने से आम जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है । पत्र में आगे लिखा है कि प्रोजेक्ट में यूपीएसआईडीसी लिखने से लोगों को यह भ्रम हो रहा है कि यह प्रोजेक्ट यूपीएसआईडीसी द्वारा बनाया जा रहा है जो कि गलत है आता है बिल्डर प्रोजेक्ट में से यूपीएसआईडीसी का नाम तुरंत हटाए।

एनसीआर खबर ने आपको पहले भी बताया है कि बिना रेरा के प्रमाण पत्र के बन रहे इस प्रोजेक्ट की लिए कोई अधिकृत नक्शा तक पास नहीं किया गया है । गुलिस्तानपुर में यूपीएसआईटी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर बना रहे ऐसे प्रोजेक्ट के लिए नक्शा पास करने का कोई प्रावधान नहीं है । ऐसे में आकर्षक ऑफर के जरिए बिल्डर लोगों को भ्रमित करने में लगे रहते हैं। रोचक तथ्य यह है कि तिलपता चौक से मात्र 200 मीटर की दूरी पर बन रहे इस प्रोजेक्ट पर दादरी विधायक तेजपाल नागर से लेकर प्राधिकरण तक शांत है ।
आपको बता दें इससे पहले भी शाहबेरी में ऐसे ही अवैध निर्माण की झड़ी लग गई थी । बाद में एक अवैध बिल्डिंग के गिरने से कई लोगों की मृत्यु होने के बाद कोर्ट के आदेश पर शाहबेरी में इस तरह के प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई किंतु आज तक उन प्रोजेक्ट्स को भी हटाया नहीं जा सका है । कभी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आबादी के नाम पर प्राधिकरण से लड़कर जमीन वापस लेने वाले शाहबेरी और पतवारी आज अवैध निर्माण में सबसे आगे हैं वहीं ग्रेटर नोएडा में बिसरख, गुलिस्तानपुर , तुस्याना, सूत्याना, वैधपुरा, मिल्क लच्छी समेंत अधिकांश गांवों में भारी पैमाने पर जगह-जगह अवैध कालोनिया काटी जा रही हैं जिन पर प्राधिकरण के अधिकारी फिलहाल शांत है ।