main newsNCRKhabar DigitalNCRKhabar Exclusiveएनसीआरगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नॉएडाग्रेटर नॉएडा वेस्ट

NCRKhabar Exclusive: ग्रेटर नोएडा में हाई राइज फ्लैट पहुंचे आम आदमी की पहुंच से बाहर, अवैध कालोनाइजरो, नेताओं की हुई मौज

आशु भटनागर । डेढ़ दशक पहले ग्रेटर नोएडा वेस्ट बसना शुरू हुआ और तत्कालीन राजनेताओं और डेवलपर्स ने लोगों को रोटी कपड़ा और मकान जैसे स्लोगन के साथ इस क्षेत्र अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट की घोषणाएं की तो दिल्ली एनसीआर के रियल एस्टेट क्षेत्र में बूम आ गया । भारत के कोने-कोने से यहां नौकरी करने आए लोगों ने अपने एक अदद घर की चाह में जमकर इन फ्लैट्स में बुकिंग की ।

आर्थिक तौर पर ठीक-ठाक लोगों ने अपने पूरे परिवार के लोगो के नाम से अलग-अलग फ्लैट बुक कर दिए । करते भी क्यों नहीं लगभग 1400 सो रुपए स्क्वायर फीट के रेट पर आए इन परियोजनाओं में हर किसी को अपने एक घर का सपना दिखाई देने का लगा । जो बाद में यहां पर किसान आंदोलन और भूमि अधिग्रहण के साथ शाहबेरी और पतवारी जैसे गांव पर कोर्ट के अव्यावहारिक निर्णय के बाद कई साल तक लटका रहा । जिसके कारण 2014 तक  लागत बढ़ने से यह मूल्य लगभग 3000 के बीच में जाकर स्थिर हो गया ।

लोगों को की अपेक्षा थी कि इतनी लागत बढ़ने के बाद भी यहां फ्लैट मिल जाना बुरा नहीं है । कम से कम कहीं तो सर छुपाने की एक छत मिलेगी । किंतु समय बीतता गया । शहर में तथाकथित किसान आंदोलन बढ़ते गए और उसी के नाम पर प्रोजेक्ट की कीमतों में लागत बढ़ने शुरू हुई और फल स्वरुप रियल एस्टेट डेवलपरों ने प्रोजेक्टर से निकलकर भागना शुरू कर दिया जो प्रोजेक्ट गरीबों के लिए एक घर का सपना थे वह प्रोजेक्ट अब 15 साल बाद उसे आम आदमी के लिए बुरा सपना साबित हो गए है ।

आज स्थिति ये है कि यूपी सरकार के दावों से उलट शहर में मौजूद 300 से ज्यादा परियोजनाओं में फ्लैट बायर्स अपने लिए बस एक घर की लंबी ओर संभवतः अंतहीन लड़ाई लड़ रहे हैं । कितने ही फ्लैट बायर्स लड़ाई लड़ते लड़ते दुनिया छोड़ चुके हैं उसके बावजूद उनके परिवार को फ्लैट नहीं मिल सका है । एनसीएलटी में जा रहे ऐसे प्रोजेक्ट में अक्सर ऐसे मृतक लोगों की पत्नी और बच्चों के रुदन और आत्मदाह की धमकी के समाचार आते रहते हैं।

डेवलपर परियोजनाओं में मिले इस धोखे का फायदा यहां के भूमाफियाओं और तथाकथित किसानों ओर किसान नेताओं  ने भी खूब उठाया है और सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने जमीन पर खेती के हलफनामे के उलट यहां के गांव में इन किसानों और भूमाफियाओं ने मिलकर बिल्डर फ्लोर बनाना शुरू कर दिया । सुप्रीम कोर्ट में अपनी किरकिरी करा चुकी नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी आरंभ में इससे बचते दिखाई दिए किंतु जल्द ही डेवलपर से मार खाए लोगों को इन अवैध कॉलोनाइजर्स के बिल्डर फ्लोर सही लगने लगे क्योंकि उनकी रजिस्ट्री ग्राम समाज की जमीन के नाम पर हो जा रही थी ऐसे में पूरे ग्रेटर नोएडा में अवैध कॉलोनी, मार्केट का एक बड़ा जाल बस गया।

इधर शाहबेरी और पतवारी में हारे ओर जांच के दायरे में आए नोएडा ओर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी अगले 10 वर्षों तक हिम्मत नहीं कर सके कि वह अपनी ही जमीन पर कोई नई परियोजनाएं ला सकें । ऐसे में खाली पड़ी जमीन पर यहां के किसानों ने भू माफिया के रूप में प्राधिकरण की ही जमीन पर कब्जा करके जगह-जगह अवैध मार्केट और बिल्डर फ्लोर बना कर खड़े कर दिया । शहर में किसान नेताओं के नाम पर किसान संगठन या फिर यूं कहे कि नई दुकान खड़ी हो गई शहर का दुर्भाग्य देखेगी इन्हीं में कुछ लोग एक तरफ अवैध कालोनियां बस रहे थे तो दूसरी तरफ डेवलपर बैंक आम लोगों का भरोसा तोड़ रहे थे और वही लोग बाद में सत्ता पक्ष की के साथ मिलकर शहर के नेतागिरी में सबसे आगे भी आ गए ।

ऐसे में चारों तरफ से लूट के बाबजूद जिन फ्लैट्स की रजिस्ट्री किसी तरीके से आ गई वहां कोविड के बाद तेजी से दाम बड़े जो फ्लैट ₹3000 स्क्वायर फीट पर थे वह पहले 4 पर फिर 6 से 7000 स्क्वायर फीट तक 2023 में दिखाई देने लगे। रियल स्टेट में आई इस तेजी के चलते पहले से दबाव में रहे इस क्षेत्र का संतुलन गड़बड़ा गया।  डेवलपर के हाइलाइट्स सोसाइटी में फ्लैट के दाम बड़े तो अवैध कॉलोनी में कट रहे विला और प्लॉट के दाम एक बार फिर से लोगों को आकर्षित करने लगे ।

एक दशक से ज्यादा समय से फ्लैट के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं फ्लैट बॉयर ने एनसीआर खबर को बताया कि  दरअसल इस क्षेत्र की असली समस्या यहां के स्थानीय स्वयंभू किसान ही है जिन्होंने पहले तो कोर्ट में मुकदमे कर करके यहां के विकास को रोका और उसके बाद अब माफिया बनकर यहां के गांव की आबादी के जमीन के नाम पर तमाम कॉलोनिया और बिल्डर फ्लोर काट दिए हैं । बाहर से आने वाला मजदूर, या व्यापारी इनके जाल में फंस जाता है उसके बाद ना वह इनका कुछ कर पता है और ना ही अपने घर के लिए कोई उम्मीद जगह पता है शाहवेरी, पतवारी, जलपुरा, कुलेसरा, तुस्याना, सूफियाना, हबीबपुर जैसे गांव के मध्य खड़ी हुई एक बड़ी आबादी प्राधिकरण पर किसान आंदोलन करने वाले इन तथा कथित किसानों की ही देन है । दुखद तथ्य यह है कि इनको वर्तमान सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं का वरदहस्त प्राप्त है । दुर्भाग्य देखिए की समतल और सहारा जैसे मामलों में पुलिस, प्रशासन और प्राधिकरण पूरी तरीके से आंख बंद करके बैठा है  और क्षेत्र के सत्ता और विपक्ष के नेता इन अवैध कॉलोनी में अपनी हिस्सेदारी ले कर मौज कर रहे है ।

आज हालात यह हैं कि क्षेत्र में आ रहे नए प्रोजेक्ट में 10 से 15000 रुपए प्रति स्क्वायर फीट का मूल्य चर्चाओं में आ रहा है जिसके बाद प्रश्न पूछा जा रहा है कि इनको लेने वाला आम व्यक्ति तो नहीं हो सकता है ।

रियल स्टेट में उठ रहे इस अव्यवहारिक मूल्य के साथ एक बार फिर से चर्चाएं शुरू हो गई है कि क्या 2008-9 का दौर फिर से लौटने वाला है जिसमें भयंकर मंदी एक बार फिर से रियल एस्टेट क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लेगी ।

इसका आकलन आप ऐसे भी कर सकते हैं कि बीते कुछ माह में निजी कारों और व्यावसायिक वाहनों  की ईएमआई ना चुका पाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बड़ी है । शहर में चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि जब लोगों के पास घर की ईएमआई दे पाने की स्थिति नहीं है तब लगातार प्रॉपर्टी के बढ़ते मूल्य का खेल कहां तक जाकर रुकेगा और अगर असली बायर इन फ्लैट्स की बिक्री में नहीं है तो फिर कौन इस नकली तेजी को बना रहा है I

न्यु नोएडा, ग्रेटर नोएडा पार्ट 2 की आहट भी बढ़े रेट को देगे चुनौती

बाजार का नियम है कि जब भी कीमतें सामान्य नागरिकों की पहुंच से बाहर होती जाएगी तो वह उसका विकल्प खोजना शुरू कर देते हैं ग्रेटर नोएडा वेस्ट काफी समय से एक ठहरे हुए पानी की तालाब के पानी की तरह हो चुका है जहां तमाम विसंगतियों मौजूद है । इस शहर में फ्लैट लेने आ रहे लोगों को यहां की अपूर्ण सड़के, रजिस्ट्री ना होने की समस्याएं,  प्राधिकरणों पर प्रतिदिन किसी न किसी बहाने अपनी ब्लैकमेलिंग करने के लिए बैठे किसान जैसी समस्याओं के कारण अन्य क्षेत्रों में इन्वेस्ट करने की सोच दिखाने लगी है ।

वही उत्तर प्रदेश सरकार न्यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा पार्ट 2 बेसन के प्रयास में तेजी ला रही है जिसके बाद यह माना जा रहा है कि यहां लगातार बढ़ रहा मूल्य कुछ दिनों में वापस नीचे गिरना शुरू हो जाएगा । क्योंकि अफोर्डेबल फ्लैट के नाम पर बने इन घरों की कीमतों का ऊंचा जाना एक स्तर तक ही सही है ऐसे में रियल एस्टेट डेवलपर और उनके इन्वेस्टर जितना भी खेल इस समय कर रहे हैं वह आने वाले दिनों में उनके लिए दुस्वप्न में बदल जाएगा । रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है की ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कुकुरमुत्ता की तरह प्रॉपर्टी डीलरों ने भले ही प्रॉपर्टी का रेट फिलहाल ऊंचा कर दिया है किंतु इस रेट की असलियत आप सेक्टर 10 और 12 में बना रहे नए प्रोजेक्ट पर देख सकते हैं जहां कागजों में रियल स्टेट की रंगत भले ही गुलाबी हो किंतु असलियत उसके उलट है।

सुपर टेक इकोविलेज1,2,3. आम्रापाली, अजनारा होम्स, वेदांतम, देविका गोल्ड होम, राधा स्काई गार्डन और महागुण मायवुड, मंत्रा जैसी सोसाइटियों में अपने हाथ जला लगातार प्रदर्शन करने वाले कई बायर्स ने बताया कि जिन डेवलपरों ने अपने पुराने प्रोजेक्ट्स को डिलीवर नहीं किया है वह डेवलपर भी सेक्टर 10 और 12 में 25, 30 और 35 साल की लिगसी का हवाला देकर महंगे प्रोजेक्ट लांच कर रहे हैं ऐसे में पहले से धोखा खा चुके इन्वेस्टर यहां कैसे भरोसा करें कि इन महंगे प्रोजेक्ट्स में यह डेवलपर 2 से 3 साल बाद कुछ डिलीवर करने की स्थिति में होंगे । और यही डर इस शहर में बढ़ते अव्यवहारिक मूल्य की चमक को खोखला कर रहा है ।

रियल एस्टेट एक्सपर्ट शंभू प्रसाद गोयल बताते हैं कि दिल्ली एनसीआर में बीते 35 वर्षों में इसी तरीके से लगातार कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर निकलते जा रही थी ऐसे में ग्रेटर नोएडा वेस्ट एक ऐसी जगह बन रहा था जहां पर आम आदमी अपने सपनों का घर खरीदने का सोच पा रहा था किंतु अब लगातार बढ़ते मूल्य के कारण इसमें बड़ा नुकसान देख रहा है एक से दो करोड रुपए के बीच में 2BHK लेने की सोचना किसी भी छोटे परिवार के लिए बड़ा मुश्किल है और खास तौर पर तब जब इस क्षेत्र में मौजूद बिल्डरों का प्रोजेक्ट डिलीवरी का रेट 15% भी नहीं है ।

ऐसे में बड़ा प्रश्न यही है कि क्या ग्रेटर नोएडा वेस्ट में तेजी से बढ़ते मूल्य का बुलबुला अब फूटने वाला है क्या यहां एक बार फिर से बड़े बिल्डरों के खेल में एक घर का सपना आम बायर्स के हाथ से निकल जाएगा, क्या प्राधिकरण इस क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण पर रोक और उनको हटाने के कार्यवाही कर पाएगा या फिर वाकई इस क्षेत्र में तरक्की की कहानी अधूरी ही लिखी रह जायेगी । आप भी अपनी राय हमें हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या हमारे ई मेल पर भेज सकते हैं ।

दिल्ली नोएडा, गाज़ियाबाद, ग्रेटर नोएडा समेत देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें या एनसीआरखबर वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
Show More

NCRKhabar Mobile Desk

एनसीआर खबर दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews.ncrkhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : 9654531723@paytm के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button