जिसका डर था वही हुआ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान की उड़ान और लैंडिंग को 15 नवंबर यानि कार्तिक पूर्णिमा से शुरू कर देने का निहाल का दावा एक बार फिर से पूरा नहीं हो सका। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह की ओर से मीडिया को बताया गया कि फिलहाल इसके लिए डीजीसीए से अनुमति नहीं मिल पाई है जिसके चलते 15 नवंबर से एयरपोर्ट पर रनवे का ट्रायल नहीं शुरू हो सकेगा ।
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार डीजीसीए की अनुमति न मिलने के पीछे टर्मिनल बिल्डिंग में काम पूरा न होना बताया जा रहा है । हालांकि एयरपोर्ट का निर्माण और संचालन करने वाली कंपनी नियाल की पर कंपनी ने दावा किया था कि एयरपोर्ट के प्रथम चरण में 1334 हैकटेयर जमीन पर विकास हो चुका है फिलहाल 3900 मीटर लंबा रनवे और एटीसी टावर तैयार है पीआर कंपनी का दावा है कि टर्मिनल बिल्डिंग में फिनिशिंग कार्य जारी है जबकि डीजीसीए की ना के बाद पर कंपनी का 95% पुर कार्य होने का दवा अब हवा में लटकता नजर आ रहा है ।
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या 30 नवंबर से भी रनवे ट्रायल शुरू हो पाएंगे, क्या ट्रायल में होने वाली देरी का असर अप्रैल 2025 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विधिवत शुरू होने की तिथि पर कोई असर डालेगा या फिर एक बार फिर से 3 से 6 महीने इसको आगे बढ़ाया जाएगा ।
स्थानीय पत्रकारों को नहीं है परमिशन, क्या छिपाता रहा है नियाल ?
ट्रायल खत्म होने के बाद एक बार फिर से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी नियाल के प्रबंधन और संचालन पर प्रश्न उठे हैं दरअसल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में संचालन कर रही कंपनी की पीआर एजेंसी की अनुमति और सहमति के बिना स्थानीय पत्रकारों का साइट पर जाना माना है ऐसे में कई बार एयरपोर्ट के निर्माण में छिपाई जा रही चीजों पर प्रश्न उठाते रहे हैं प्रश्न यह है कि अगर सब कुछ पारदर्शिता से हो रहा है तो निर्माण कंपनी पत्रकारों को वहां जाने से क्यों रोकना चाहती है क्यों पीआर एजेंसी के जरिए ही पत्रकारों को ले जाकर एक खास तरीके से चीज दिखाई जाती रही हैं या फिर यूं कहें छुपाई जाती रही है ।