आशु भटनागर । कभी नोएडा के निवासियों के लिए पसंदीदा स्थान कहे जाने वाला अमिताभ पार्क यानी यमुना रिवर फ्रंट (YRF) आज अपनी बदहाली की कहानी कुछ इस तरीके से कह रहा है कि अब ना यहां टहलने के लिए परिपथ बचा है ना यहां सुरक्षा के लिए फेंसिंग बची है, ना यहां इस पूरे पार्क में कहीं घास दिखाई देती है और ही शाम को लाइट दिखाई देती है ।
गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा के घर के पास बने इस पार्क बदहाली की कहानी परत दर परत इस तरह दिखाई दे रही है कि कभी यहां पर घूमने आने वालों के लिए निर्माण की गई झील अब तालाब से ज्यादा खराब स्थिति में है ।
असामाजिक तत्वों की शरण स्थल बन चुके इस अमिताभ पार्क की स्थिति को देखकर स्वयं नोएडा सेक्टर 15 के लोग पत्रकारों को फोन करके इसके बारे में बता रहे है । लगभग 3 किलोमीटर के इस अमिताभ पार्क में कुछ गुलजार है तो वह इसके एक कोने में अतिक्रमण कर बनाई गई मजार का हिस्सा है ।
यहां घूमने आने वाले लोगों का दावा है कि 2 दशकों से इस पूरी जगह को घेरने के लिए बनाई गई इस मजार के नाम पर अब अतिक्रमण धीरे-धीरे करके फैलता जा रहा है और वह दिन दूर नहीं होगा जब इस मजार के नाम पर यहां एक धार्मिक समुदाय का कब्जा हो जाएगा ।
इस पार्क के आसपास के लोगों का दावा है कि किसी समय अमिताभ बच्चन इस पार्क में आए थे । तब से लोगों ने इसका नाम अमिताभ पार्क कर दिया क्योंकि इसकी लंबाई और अमिताभ की लंबाई को लोगों ने एक साथ जोड़ना शुरु कर दिया । किंतु लोगों के इस प्यार को भी नोएडा प्राधिकरण ने कोई सम्मान नहीं दिया । सदी के महानायक के नाम पर ही अगर इस पार्क को भव्य रूप देने की परिकल्पनाएं कर दी गई होती तो आज यह इस बदहाली में नहीं होता। प्राधिकरण के इग्नरेंस का ही यह हाल है कि यहां पर एक अवैध मजार बना दी गई है ।
एनसीआर खबर की टीम ने सोमवार को 3 किलोमीटर लंबे इस पार्क का दौरा किया तो यह पता लगा कि पर्यावरण को बचाने के नाम पर किया गया अत्यधिक प्लांटेशन भी इस पार्क के बर्बादी का एक कारण बन चुका है । रेतीली जमीन पर सूरज ना की रोशनी नहीं आने के कारण यहां घास सब दिखाई नहीं देती है ।
प्रतिदिन यहां पर मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए आने वाली ममता नाम की एक महिला ने बताया कि बदहाल पार्क नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों की अकर्मण्यता का बड़ा कारण है । कुछ साल पहले जी-20 के नाम पर पार्क से मिली सर्विस रोड पर जरूर फुटपाथ का सौंदर्य करण कर दिया गया किंतु पार्क तक किसी की नजर नहीं पहुंची । आज हालात यह हैं फेंसिंग न होने के कारण गौशाला की ओर से लोग यहां उतर कर आ जाते हैं और यहीं से पेड़ों के अवैध कटान से लेकर सामान की चोरी तक हो जाती है । पार्क की सुरक्षा के लिए मात्र दो गार्ड लगाए गए हैं लोगों का कहना है कि कई सालों से यहां व्यवस्था संभाल रहे ठेकेदार ने सिर्फ पैसे कमाए कोई काम नहीं किया । हां उस ठेकेदार की शहर पर या फिर उसकी नजरअंदाजी के बलबूते यहां पर अतिक्रमण कर बनी मजार दिन प्रतिदिन बढ़ती चली गई आज वहां भव्य निर्माण हो चुका है पूरे पार्क में अगर कुछ चमक रहा है तो वह मजार है । लोगों का प्रश्न है कि सरकारी जमीन पर किसी भी निजी संस्था को निर्माण करने देने की परमिशन नोएडा में किसने दी ।
इस पूरे प्रकरण को लेकर एनसीआर खबर की टीम ने जब हॉर्टिकल्चर के डायरेक्टर आनंद मोहन से बात की तो उन्होंने बताया की मजार का प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है । वो इसकी जांच कर कर इसको हटाएंगे । किंतु इस पार्क की बदहाली का मुख्य कारण पिछले ठेकेदार के काम न करने का था जिसको 4 महीने पहले हटा दिया गया अब एक नए ठेकेदार को इसका टेंडर दिया गया है आने वाले एक हफ्ते में आपके यहां परिवर्तन दिखाई की देना शुरू हो जाएगा ।
इसके साथ ही पार्क की बाउंड्री के चारदीवारी और सौंदर्यकरण के लिए जल्द ही नई रूपरेखा बनाकर काम किए जाएंगे।