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ऑपरेशन जलाशय: ग्रेनो वेस्ट की ग्रीन बेल्ट में बने दो तालाबो की जानकारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को नहीं! अब अगले तालाब के नाम पर गड्ढे खोदने की तैयारी, अधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं और भाजपा नेताओं के मजे मजे

नोएडा के सेक्टर 135 में बनाए गए तालाब की बर्बादी की जानकारी के बाद “ऑपरेशन जलाशय” के दूसरे भाग में एनसीआर खबर आपको ग्रेटर नोएडा वेस्ट मे चेरी काउंटी सोसाइटी के पास ग्रीन बेल्ट में बने दो तालाबों की दुर्दशा की कहानी बताएगा । नोएडा के सेक्टर 135 में बनाए गए अर्थहीन तालाब के बाद हमारी टीम यहां पहुंची तो ऐसा प्रतीत हुआ कि 2016-17 में तालाब को बनाकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल की “जलाधिकार फाउंडेशन” को देकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।

इन दो तालाबों की बदहाल स्थिति को देखकर किसी भी पर्यावरणविद्,  समाजसेवी से लेकर नेताओं तक को शर्म आनी चाहिए थी किंतु तालाब के चारों ओर बड़े-बड़े शब्दों में जलाधिकार फाउंडेशन और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल के नाम से बनाई गई वॉल पेंटिंग्स यह बता रही हैं कि नेताजी सिर्फ अपने नाम को चमकाने में लगे हैं और कम से कम तालाबो की बदहाली पर उनको कोई मतलब नहीं है I

इन दोनों तालाबों में एक तालाब को अब मूर्ति विसर्जन और छठ पूजा के नाम पर नीचे पक्का कर दिया गया है । 8 फीट गहरे तालाब में ढाई फीट की गहराई वाले पक्के निर्माण की अनुमति ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण और NGT ने किस आधार पर दे दी है । कभी कच्चे घाटो पर होने विसर्सजन और छठ के लिए पक्के निर्माण की आवश्यकता क्यूँ पड़ी, क्यूँ इसको बनाया गया इसकी जानकारी ना तो इसे कथित तौर पर मेंटेन कर रही संस्था ओर उसके अध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल के पास है ना ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के पास है ।

जलाधिकार फाउंडेशन से एनसीआर खबर के तीन प्रश्न

संस्था नोएडा ग्रेटर नोएडा में कितने तालाबो का संरक्षण कर रही है ?
संस्था ने इन तालाबों के संरक्षण और सौंदर्यकरण में प्रतिवर्ष कितना डोनेशन लिया है, कितना खर्च किया है ?
वर्षों से कार्य करने के बाबजूद तालाबों की बदहाली पर संस्था चुप क्यों है?

वर्तमान में दोनों तालाबों में बनाई गई बाउंड्री टूट चुकी है। पानी के किसी प्रकार यहां ना आने के प्रयोजन बनाए जाने के कारण यह तालाब दो गढ्ढों से ज्यादा कुछ नहीं है। रोचक तथ्य यह भी है कि तालाबों की बाउंड्री से लगे किनारे पर इसके सुरक्षा में लगाए गए व्यक्ति के संरक्षण में वहां पर ढाबा खोल दिया है ।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को 2016-17 में बनाए गए इन तालाबों और उनका जलाधिकार फाउंडेशन को दिए गए दस्तावेजों की कोई जानकारी नहीं है ना ही यह पता है कि इन तालाबों को संरक्षण के लिए दी गई संस्था के साथ क्या अनुबंध है और कितने समय तक के लिए इस अनुबंध को किया गया है ।

तालाबों को लेकर संरक्षण के नाम पर डोनेशन लेने वाली संस्थाएं अक्सर उसकी जिम्मेदारी प्राधिकरण और उनके अधिकारियों पर डालकर इति श्री कर रहे हैं । रोचक तथ्य ये भी है इन तालाबों के औचित्य के प्रश्न पर पर्यावरणविद ने एनसीआर खबर को बताया कि वह सिर्फ इन तालाबों की जगह कोई बिल्डिंग खड़ी ना हो जाए इसलिए इन्हें गढ्ढों के रूप में बनवाकर पर्यावरण को मजबूत कर रहे हैं । किंतु संस्थाओं को आ रहे डोनेशन का उपयोग कहां किया जा रहा है इसकी कोई जानकारी ऐसे तलाव को मेंटेन कर रही किसी संस्था के पास नहीं है । एनसीआर खबर ने जलाधिकार फाउंडेशन से संबंधित लोगों से भी इसके दस्तावेजों की मांग की तो उन्होंने देने की बात कहकर आगे चुप्पी साध ली ।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से एनसीआर खबर के तीन प्रश्न

बीच शहर में बिना योजना के तालाब बनाने और उन्हें निजी सामाजिक संस्थाओ को देने की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
सामाजिक संस्थाओं का चयन किस आधार पर ओर कितने समय के लिए किया गया ?
प्राधिकरण के पास इनके वार्षिक ऑडिट की क्या व्यवस्था है ?
यहाँ पढ़िये ऑपरेशन जलाशय का पहला भाग

हैरत की बात ये है कि अब इन दो तालाबो की बर्बादी के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फिर से रोजा याकूबपुर की एक जमीन पर 10 एकड़ में दो नए तालाब बनाने की योजना बना रहा है । जानकारों  की माने तो उसको भी इसी तरह से किसी सामाजिक संस्था को देकर उसको उपकृत करने अपनी जान छुड़ाने की योजना प्रस्तावित है । ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, जिला प्रशासन और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अधिकारी और सामाजिक संस्थाओं के गठजोड़ से तालाबों के नाम पर गड्ढों के निर्माण की प्रक्रिया अनवरत जारी है। और एनसीआर खबर की इन तालाबों की असलियत सामने लाने की “ऑपरेशन जलाशय” की मुहिम भी जारी है । अगर आपके आसपास ऐसे ही किसी तालाब के नाम पर खेल हो रहा है तो हमें उसकी जानकारी दें हम इस सीरीज में उसको भी प्रकाशित करेंगे ।

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आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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