आशु भटनागर । गौतम बुध नगर समय पुर उत्तर प्रदेश में मंडल अध्यक्षों के चुनाव में अब बस एक सप्ताह बाकी रह गया है । भारतीय जनता पार्टी के संगठन आत्मक चुनाव में इस बार आमूल चूल परिवर्तन किए गए हैं जानकारी के अनुसार मंडल अध्यक्षों के लिए 35 से लेकर 45 साल की उम्र सीमा निर्धारित की गई है इसके साथ ही किसी भी मंडल अध्यक्ष का दो बार का सक्रिय सदस्य होना आवश्यक बताया जा रहा है अब इन्हीं नियमों के चलते संगठन में एक बार फिर से गौतम बुद्ध नगर जिले में डॉक्टर महेश शर्मा बनाम अन्य की लड़ाई हावी हो गई है जिसमें डॉक्टर महेश शर्मा नोएडा महानगर और जिला दोनों ही जगह फिलहाल पिछड़ते दिखाई दे रहे हैं । यह हालत तब हैं जब डॉक्टर महेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में प्रदेश में सबसे बड़ी जीत हासिल की है और इस जीत के लिए यह माना जाता है कि संगठन के बनिस्पत डॉक्टर महेश शर्मा की अपनी निजी टीम के बदौलत हासिल की गई है । हालत यह थे कि चुनाव के दौरान डॉ महेश शर्मा ने बिसरख मंडल अध्यक्ष को फौरन बदलने के बातें तक अपने सहयोगियों से कह दी थी वहीं चुनाव खत्म होते ही संगठन से उनको हारने के लिए कार्य करने वाले कई नेताओं के नाम लखनऊ भेजे गए थे।
जानकारों की माने तो गौतम बुद्ध नगर जिले में जहां महेश शर्मा मंडलों में अपने पसंदीदा अध्यक्ष बनवाने के लिए प्रयासरत हैं वहीं उनके विरोधी गुट उनके लोगों को उम्र सीमा और दो बार के सक्रिय सदस्य के नाम पर हटाने की तैयारी कर रहे हैं ।
शहरी मंडलों में बिसरख सूरजपुर ग्रेटर नोएडा और दादरी नगर में फिलहाल डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थक कैंडिडेट हाशिए पर दिखाई दे रहे हैं ग्रेटर नोएडा में जहां वर्तमान अध्यक्ष को दो बार का अध्यक्ष बता कर किनारे करने की तैयारी की जा रही है वहीं बिसरख में डॉक्टर महेश शर्मा के दो बार से पसंदीदा कैंडिडेट कहे जाने वाले व्यक्ति को भी अब उम्र का हवाला देकर किनारे किया जा रहा है ।
संगठन के सूत्रों की माने तो संगठन में डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थक मंडल अध्यक्षों को लेकर बेहद विरोध है । जिले में उनके धुर विरोधी नेता सुरेंद्र सिंह नागर और धीरेंद्र सिंह के गुट ने सभी मंडलों में अपनी चाल बिछा दी है ऐसे में डॉक्टर महेश शर्मा के ब्राह्मण कैंडिडेट का मुकाबले में गुर्जर और ठाकुर अध्यक्षों का बोलबाला दिखाई दे सकता है । वही इस खेल में सबसे शांत खिलाड़ी और स्थानीय विधायक तेजपाल नागर भी बिसरख ग्रेटर नोएडा दादरी नगर में अपने कैंडिडेट के लिए चुपचाप लग गए है ।
वही नोएडा में जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता के साथ डॉक्टर महेश शर्मा की खटास भी खुल के सामने आने लगी है । 1 साल पहले हुए मंडल अध्यक्षों के चुनाव के समय भी मनोज गुप्ता ने डॉक्टर महेश शर्मा के खास व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया था जिसको लेकर काफी चर्चाएं हुई थी। जिसके परिणाम स्वरुप नोएडा में फोनरवा जैसी संस्था के चुनाव में मनोज गुप्ता के समर्थन वाले कैंडिडेट के खिलाफ महेश शर्मा ने चुपचाप पीछे से खेल को पलट कर योगेंद्र शर्मा को अध्यक्ष बनवा दिया था ऐसे में अब नोएडा महानगर में डॉक्टर महेश शर्मा और मनोज गुप्ता के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है। जानकारों की माने तो मंडल अध्यक्ष के चुनाव से ही डॉक्टर महेश शर्मा के जिला अध्यक्ष को इस बार बदलने और अपनी पसंद के जिला अध्यक्ष बनवाने तक का परिणाम सामने आ जाएगा ।
आपको बता दें कि बीते चुनाव में मनोज गुप्ता डॉक्टर महेश शर्मा के खास कहे जाने वाले संजय बाली को किसी भी तरीके से संगठन में स्थान देने को तैयार नहीं हुए थे । वही चंदगी राम और डिंपल आनंद जैसे दो अन्य नेताओं को जिला महानगर में समुचित सम्मान ना देने की यह लड़ाई हमेशा बड़ी दिखती है। महानगर भाजपा द्वारा जारी विज्ञापनों में अक्सर दोनों ही नेताओं के फोटो नहीं होते हैं। ऐसे में डॉक्टर महेश शर्मा नोएडा के आठों मंडलों में क्या इस बार अपनी पसंद के मंडल अध्यक्ष बना पाएंगे या फिर खेल इस बार भी उनके हाथ से निकलता दिखाई देगा यह 15 दिसंबर तक तय हो जाएगा ।