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बेलाग लपेट : 30 दिसंबर को अरुणवीर सिंह को मिलेगा 7 वीं बार विस्तार या नोएडा या ग्रेटर नोएडा के सीईओ को मिलेगा अतिरिक्त प्रभार, 5 साल बाद भी योगी सरकार यमुना प्राधिकरण के लिए सीईओ खोजने में क्यों है नाकाम ?

आशु भटनागर । वर्ष 2024 के समाप्त होते होते गौतम बुद्ध नगर से लेकर लखनऊ तक बड़ा प्रश्न यह है कि बीते 5 साल में 6 बार विस्तार पा चुके यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह को सातवीं बार भी विस्तार मिल जाएगा या फिर सरकार नए सीईओ या नोएडा या ग्रेटर नोएडा के सीईओ को अतिरिक्त प्रभार देकर 5 साल से चली आ रही परंपरा को तोड़ देगी ।

2019 में रिटायरमेंट की जगह हर 6 माह में विस्तार पाकर मुख्यमंत्री योगी के भरोसेमंद अफसर का तमगा पा चुके अरुणवीर सिंह को लेकर अब तमाम प्रश्न उठाने लगे हैं । उत्तर प्रदेश सरकार में सूत्रों की माने तो अरुण वीर सिंह यूपीपीसीएस के वह प्रशासनिक अधिकारी हैं जो 2006 में प्रोन्नति के बाद IAS बने । डॉक्टर अरुण वीर सिंह 30 जून 2019 को यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ से रिटायर होने वाले थे किंतु उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी को पूर्ण करने के लिए लगातार विस्तार मिलने चला गया ।

रोचक तथ्य यह भी है कि ‘जस-जस सुरसा बदन बढ़ावा, तासु दून कपि रूप देखावा’ की तर्ज पर जैसे-जैसे अरुणवीर सिंह को विस्तार मिलने गया वैसे-वैसे ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के प्रोजेक्ट भी लंबित होते गए । 5 वर्ष बाद आज स्थिति यहां तक आ पहुंची कि इस वर्ष अगस्त में जब एयरपोर्ट का निर्माण करने वाली कंपनी ने सितंबर में इसको आरंभ करने में हाथ खड़े कर दिए और अप्रैल 2025 तक कार्य पूर्ण होने की बात कही, तब सीईओ की जगह प्रमुख सचिव ने कमान लेकर इसको किसी भी हाल में दिसंबर तक सभी कार्य पूर्ण कर अप्रैल 2025 से शुरू करने की अंतिम डेडलाइन दे दी, उसी के बाद यह माना जाने लगा कि अब डॉक्टर अरुण वीर सिंह को अगला विस्तार नहीं मिलेगा। 

यमुना प्राधिकरण के सीईओ को बीते 5 वर्षो से मिल रहे विस्तार पर पहले भी प्रश्न उठते रहे है I 3 वर्ष में अधिकारियो के ट्रान्सफर पालिसी वाले प्रदेश में एक अधिकारी को 5 वर्ष सिर्फ विस्तार मिलता है तो कई प्रश्न खड़े होते है वहीं लोगो का कहना है कि राजनेताओ तक, स्वयं मुख्यमंत्री को भी 5 वर्ष के बाद चुनाव में जाना पड़ा तो फिर यमुना प्राधिकरण में 2019 से क्यूँ बदलाव नहीं होने दिया जा रहा है ।

मुख्यमंत्री के ही दूसरे ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी में को लेकर भी बीते 3 साल से कई बार फिल्म सिटी का निर्माण की शर्तें बदली गई जानकारों की माने तो आरंभ में डॉक्टर अरुणवीर सिंह की टीम ने फिल्म सिटी को लेकर इतने बड़े मापदंड रख दिए कि इंडिया के बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक सभी कंपनी इसे तैयार करने से पीछे हटती रही । कई बार टेंडर निकाले जाने के बावजूद जब एजेंसी का चयन नहीं हो पाया तब उन्हें भारत की ही कंपनियों को बुलाकर किसी तरीके से 250 एकड़ के एक हिस्से को बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप के संयुक्त वेंचर वेव्यू (BAYVIEW) को जिम्मेदारी दी गई और यह कहा गया कि अगले 6 माह में इसको आरंभ किया जाएगा किंतु प्राधिकरण समेत लखनऊ के सूत्रों की माने तो अगले विस्तार की अपेक्षा न होने के कारण फिलहाल इसके निर्माण से संबंधित बाकी प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई, मात्र 80 करोड़ रुपए के शुल्क को लेकर प्राधिकरण ओर बेव्यू अक्टूबर में होने वाले शिलान्यास को ही नहीं कर पाए ऐसे आगे के कार्य अब नए सीईओ के द्वारा देखे जाएंगे।

योगी सरकार को क्यों नहीं मिला कोई अधिकारी, 6 बार विस्तार पर उठते रहे है प्रश्न

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार छह बार दो अरुणवीर सिंह को विस्तार देने से यह प्रश्न भी कई बार उठे हैं कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार के पास सक्षम अधिकारियों की कमी है या फिर ऐसे अधिकारियों की कमी है जो बीते वर्षों से 23 सालों से मृत प्राय पड़े यमुना प्राधिकरण में प्राण फूंक सके । एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए लगातार बीते दो माह से उपयुक्त अधिकारी की खोज की जा रही है क्योंकि सरकार भी स्वयं यह मानती है की 2019 में सीईओ को जिन उम्मीदों के साथ लगातार विस्तार दिए गए उन पर फिलहाल यमुना प्राधिकरण वही पर स्थिर है जहां पर शुरू हुआ था ।

व्यावसायिक क्षेत्र में माना जाए तो आज यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में रियल एस्टेट की कीमतों में 40% तक गिरावट आ चुकी है ।प्राधिकरणों के कार्य शैली को देखते हुए कई अधिकारी इसके सीईओ बनने से आनाकानी कर रहे हैं। लोगो का कहना है कि बीते 5 वर्षो में किये गए ब्लंडर का ठीकरा अब उनके सर फूट सकता है I

बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने इन वर्षों में बिना प्लानिंग के रेजिडेंशियल स्कीमों को बैक टू बैक लॉन्च करने पर भी प्रश्न उठाएं है। दावा किया जा रहा है कि प्राधिकरण ने प्लॉट तो लॉन्च कर दिए हैं किंतु लोगों के रहने के लिए बाकि सुविधाएं इसकी प्लानिंग में ही नहीं है। एक तरीके से कहा जाए तो बीच 5 वर्षों में यमुना प्राधिकरण कागजों पर ही फल फूल रहा है किंतु जमीनी विकास शून्य है जिसके कारण अब जाकर यहां प्रॉपर्टी के दाम 40% तक गिर चुके हैं ।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के आसपास प्राधिकरण की अधिसूचित और अधिग्रहित जमीन पर लगातार अवैध कॉलोनी के काटे जाने की घटनाएं आती रहती है जिन पर प्राधिकरण फिलहाल कोई एक्शन नहीं लेता इसके साथ ही एयरपोर्ट से लगे रनहेरा गांव में इस बरसात में जिस तरीके से पानी भर गया और बाढ़ की स्थिति बन गई उसे प्राधिकरण और सीईओ की दूरदर्शिता पर कई प्रश्न उठे थे ।

ठीक यही हाल नोएडा एयरपोर्ट को लेकर भी है नोएडा एयरपोर्ट के नाम पर यमुना प्राधिकरण के विकास का ढिंढोरा पीटने वाले प्राधिकरणके अधिकारी अक्सर यह बताने में नाकाम रहते हैं कि 4 माह बाद जिस नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कमर्शियल फ्लाइट को शुरू करने का दावा यमुना प्राधिकरण कर रहा है उसे बाहर निकलते ही एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कब शुरू होगा उसे सड़क के दोनों तरफ हो रहे अतिक्रमण पर यमुना प्राधिकरण की क्या पॉलिसी है?

इसके साथ ही एयरपोर्ट क्षेत्र के पास किसी भी तरीके के होटल और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की अभी तक कोई नींव तक नहीं रखी गई है ऐसे में बड़ा प्रश्न यही है कि क्या लोग एयरपोर्ट पर उतरकर बाहर बने ढाबो पर चाय पियेंगे या फिर वहां घूम रही भेड़ बकरियों को देखकर खुश होंगे । किसी भी शहर की व्यावसायिक उपयोगिता अगर नहीं है तो बड़े से बड़ा प्रोजेक्ट असफल होने लगता है और फिलहाल एक पूर्ण कालिक नए सीईओ के अनुपस्थिति में यह सब सच होता दिखने लगा है ।

प्रश्न मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को अधिकारियों द्वारा ध्वस्त करने से ज्यादा इस क्षेत्र में इन्वेस्टर के पैसों की लंबी खिंचती टाइमलाइन पर भी है। 2001 में बने यमुना प्राधिकरण में बीते ही साल में सिर्फ सपने दिखाये हैं उनको जमीन पर सच नहीं कर पाया है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यमुना प्राधिकरण जैसे बड़े क्षेत्र को अगर वाकई विकास के पंख लगाने हैं तो यहां एक कर्मठ दूरदर्शी सीईओ की नियुक्ति करना नितांत आवश्यक है ।

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आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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