इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने यमुना एक्सप्रेसवे में आवंटन डीड रद्द करने के मामले में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर को पद से हटाने का राज्य सरकार को मौखिक आदेश दिया। कहा कि कार्रवाई कर 16 दिसंबर को कोर्ट को बताएं। इसके बाद ही शासन ने अनिल कुमार सागर को प्रतीक्षारत कर दिया है। वरिष्ठ आईएएस अनिल सागर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के चेयरमैन भी थे।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यूजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लि. (UG INFRASTRUCTURE PRIVATE LIMITED) दिल्ली के निदेशक की याचिका पर यह आदेश दिया है। इसमें याची ने यमुना एक्सप्रेसवे में आवंटन डीड रद्द करने के आदेशों को चुनौती दी थी। यीडा के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा ने बताया कि याची ने पहले आवंटन डीड रद्द करने के आदेशों के खिलाफ राज्य सरकार के समक्ष दो पुनरीक्षण याचिकाएं दाखिल की थीं। इनमें एक को सरकार ने मंजूर किया था। जबकि, दूसरी याचिका खारिज कर दी थी।
आपको बता दें कि 24 अक्तूबर को याची की दो पुनरीक्षण याचिकाओं पर सागर ने दो विपरीत आदेश दिए। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुनरीक्षण याचिका में दिए आदेशों को कानून की मंशा के खिलाफ कहा। कोर्ट के आदेश पर 11 दिसंबर को सागर का निजी हलफनामा दाखिल किया गया। कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को मामले का अध्ययन करने का समय देकर मामले को 16 दिसंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।