अक्सर अपने हाईवे से उतरती पगडंडियों पर अंग्रेजी शराब के ठेकों को इंगित करते हुए बड़े बड़े बोर्ड देखे होंगे । हाईवे से उतरकर काफी दूरी पर बनाए गए शराब के इन ठेकों तक पहुंचाने के लिए तरह-तरह के क्रिएटिव विज्ञापनों का भी सहारा लिया जाता है । किंतु अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में से गुजरने वाले सभी हाईवे के किनारे ऐसे ठेको के लाइसेंस कैंसिल करने की योजना बना ली है । उनकी जगह हाईवे के किनारे अस्पताल खोलने की योजना आरंभ की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मंडलीय अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस की व्यवस्था मुकम्मल करने के लिए भी कहा है। यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे शराब की दुकानें न हों। शराब की दुकानों के साइन बोर्ड भी छोटे करने होंगे।
शराब के ठेकों की जगह, फूड प्लाजा की तरह बनाए जाएंगे अस्पताल
रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को सरकारी ‘आवास पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।जहां उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब से एक्सप्रेस हाइवे के आसपास शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश में फूड प्लाजा की तर्ज पर एक्सप्रेसवे के किनारे ‘अस्पताल बनाए जाएंगे, ताकि सड़क दुर्घटना की स्थिति में तत्काल घायलों को इलाज मिल सके। हाइवे पर खुलने वाले अस्पताल हर प्रकार की दुर्घटना होने पर जल्दी से इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराने में कारगर साबित होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ऐसी व्यवस्था को सुनिश्चित करेगी जिससे दुर्घटनाओं में घायल नागरिकों की तुरंत जान बचाई जा सके ।
सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है हाई वे के किनारे बने शराब के ठेके
आपको बता दें कि वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 34,600 लोग घायल हुए, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं। उत्तर प्रदेश की प्रदेश सरकार की नई शराब पॉलिसी में भी हाईवे के किनारे ठेकों पर रोक लगाने की बात कही गई है । दरअसल हाईवे के किनारे शराब के ठेकों के होने से सड़क दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि होती जा रही है अक्सर पगडंडियों पर बने पहुंचने वाले इन रास्तों के लिए लोग हाईवे पर ही अपनी गाड़ियां खड़ी करके चले जाते हैं ऐसे में हाईवे के किनारे शराब के ठेको के बंद करने की मुख्यमंत्री की योजना का लोगों ने स्वागत भी किया है ।
प्रदेश में समाजसेवियों ने मुख्यमंत्री की घोषणा को हाथों हाथ लेते हुए इसे प्रदेश में शराबखोरी पर लगाम लगाने की बड़ी पहल कही है । इस घोषणा के बाद कई समाजसेवियों ने प्रदेश सरकार से स्कूलों और अस्पतालों के 300 मीटर की दूरी तक किसी भी तरीके के ठेके ना होने की पॉलिसी पर भी सख्ती से कार्य करने को के सुझाव दिए हैं । लोगों का कहना है वर्तमान में यह ठेके अपराध के अड्डे बन गए हैं मुख्य सड़कों के पास होने के कारण बच्चों तक उनकी पहुंच तेजी से बढ़ रही है ऐसे में प्रदेश के बच्चों को शराब से दूर रखने के लिए आवश्यक है कि अस्पतालों और स्कूलों के पास की दूरी का पैमाना और बड़ा किया जाए ।
